बांग्लादेश में आरक्षण विरोधी आंदोलन: प्रधानमंत्री शेख हसीना ने दिया इस्तीफा

बांग्लादेश के राष्ट्रपति ने जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री और विपक्षी नेता खालिदा जिया को रिहा करने का आदेश दिया है। खालिदा जिया को साल 2018 में भ्रष्टाचार से जुड़े एक मामले में 17 साल की कारावास की सजा सुनाई गई थी।

Aug 6, 2024 - 19:17
Aug 7, 2024 - 05:00
 0  11
बांग्लादेश में आरक्षण विरोधी आंदोलन: प्रधानमंत्री शेख हसीना ने दिया इस्तीफा

बांग्लादेश में आरक्षण विरोधी आंदोलन: प्रधानमंत्री शेख हसीना ने दिया इस्तीफा, खालिदा जिया रिहा

बांग्लादेश में पिछले दो महीनों से चल रहे आरक्षण विरोधी छात्र आंदोलन के बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना ने सोमवार, 5 अगस्त को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफा देने के बाद शेख हसीना देश छोड़कर भारत आ गईं। इस बीच, बांग्लादेश के राष्ट्रपति ने जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री और विपक्षी नेता खालिदा जिया को रिहा करने का आदेश दिया है। खालिदा जिया को साल 2018 में भ्रष्टाचार से जुड़े एक मामले में 17 साल की कारावास की सजा सुनाई गई थी।

खालिदा जिया की रिहाई और विदेश जाने की योजना

बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के प्रवक्ता ए.के.एम. वहीदुज्जमां ने एबीपी न्यूज से बातचीत में बताया कि बीएनपी प्रमुख और पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया को रिहा कर दिया गया है। उन्हें उनका पासपोर्ट भी मिल गया है, जिससे वे अपने इलाज के लिए विदेश जा सकेंगी। वहीदुज्जमां ने यह भी कहा कि खालिदा जिया के बेटे और पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष तारिक रहमान अब बांग्लादेश वापस लौटेंगे।

तारिक रहमान संभाल सकते हैं प्रधानमंत्री पद

बीएनपी के प्रवक्ता ए.के.एम. वहीदुज्जमां ने आगे कहा कि फिलहाल यह तय नहीं हुआ है कि खालिदा जिया बीएनपी का प्रधानमंत्री चेहरा होंगी क्योंकि वे काफी समय से बीमार हैं। हालांकि, पार्टी उनके स्थान पर उनके बेटे और कार्यकारी अध्यक्ष तारिक रहमान को प्रधानमंत्री बनाने की सोच रही है। तारिक रहमान पार्टी का नेतृत्व करने के लिए तैयार हैं।

अल्पसंख्यकों को बचाने के लिए प्रशासन की लाचारी

वहीदुज्जमां ने कहा कि उन्हें दुख है कि वे अल्पसंख्यकों को बचाने के लिए प्रशासन का कोई भी प्रयास नहीं देख रहे हैं। शेख हसीना ने प्रशासन को भ्रष्टाचार में लिप्त कर दिया है, साथ ही सेना और अर्धसैनिक बलों का भी राजनीतिकरण कर दिया है। इस कारण से अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी सही तरीके से नहीं निभाई जा रही है।

अंतरिम सरकार की मांग

बीएनपी प्रवक्ता ने कहा कि उनकी पार्टी मांग कर रही है कि अंतरिम सरकार गैर-राजनीतिक होनी चाहिए और जल्द से जल्द नई चुनी हुई सरकार को सत्ता सौंप देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगले तीन महीनों में चुनाव कराकर नई चुनी हुई सरकार को सत्ता सौंपनी चाहिए। वर्तमान हालात बांग्लादेश में बेहद खराब हैं और यह पहचानना मुश्किल हो गया है कि कौन किसको मार रहा है।

आवामी लीग के दफ्तरों पर हमले

वहीदुज्जमां ने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी आवामी लीग के दफ्तरों पर हमले हो रहे हैं, जो नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि वे नहीं चाहते कि किसी भी राजनीतिक पार्टी को ऐसे हालातों का सामना करना पड़े। वर्तमान हालात देखकर वे बहुत परेशान हैं, जहां लोग गुस्से में आकर सत्तारूढ़ पार्टी के दफ्तरों को ध्वस्त कर रहे हैं और आग लगा रहे हैं। इनमें से कुछ लोग खुद आवामी लीग से जुड़े हुए हैं।

बीएनपी कार्यकर्ताओं से अल्पसंख्यकों को बचाने की अपील

बीएनपी प्रवक्ता वहीदुज्जमां ने बताया कि पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष तारिक रहमान ने सोमवार, 5 अगस्त को सभी नेताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं से देश के सभी मंदिरों को सुरक्षित करने के निर्देश दिए हैं। आम तौर पर अल्पसंख्यक आवामी लीग को समर्थन करते हैं, लेकिन बीएनपी के नेता अब इन मंदिरों और अल्पसंख्यकों के घरों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। उनका मानना है कि अल्पसंख्यकों की सुरक्षा देना सिविल सोसाइटी और राजनीतिक पार्टियों का काम है।

बांग्लादेश में चल रहे आरक्षण विरोधी आंदोलन के चलते देश में राजनीतिक अस्थिरता का माहौल बना हुआ है। प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे और खालिदा जिया की रिहाई के बाद बीएनपी पार्टी और आवामी लीग के बीच तनाव और बढ़ गया है। ऐसे में बांग्लादेश के भविष्य की दिशा क्या होगी, यह देखना महत्वपूर्ण होगा।

What's Your Reaction?

like

dislike

wow

sad

Bharatiyanews हमारा अपना समाचार आप सब के लिए|