माँ की मौत पर मथुरा में एक दुखद घटना ने एक परिवार में आपसी विवादों
माँ की मौत के बाद, श्मशान घाट पर मातृशव को लेकर दोनों बेटियां आपसी विवाद में फंस गईं हैं।
मथुरा में हुए एक दुखद घटना ने एक परिवार को आपसी विवादों में डाल दिया है, जिसमें माँ की मौत के बाद उनकी दो बेटियों के बीच जमीन के बंटवारे का मामला उत्पन्न हो गया है। इस दुखद स्थिति ने समाज में चिंता और आत्मसमर्पण की भावना उत्पन्न की है।
माँ की मौत के बाद, श्मशान घाट पर मातृशव को लेकर दोनों बेटियां आपसी विवाद में फंस गईं हैं। इसका परिणाम स्वरूप, मातृशव को मुखाग्नि नहीं दी जा सकी और इस अवस्था में उन्हें लड़ना पड़ रहा है। यह घटना बेटियों के बीच उत्पन्न ज़मीन के बंटवारे के लिए आगे बढ़ाने वाले एक विवाद का कारण बन गई है।
यह विवाद बराबरी और न्याय की भावना को खतरे में डालता है, जो परिवार के भीतर सहमति और सद्भाव को कमजोर कर सकता है। इस घड़ी में बच्चों को अपने माता-पिता की मौत के बाद समर्पित रहना चाहिए, लेकिन यह विवाद उन्हें एक दूसरे के खिलाफ उत्साह बढ़ाने के बजाय उन्हें आपसी विरोध की दिशा में बढ़ा रहा है।
इस घड़ी में समाज को चाहिए कि वह सद्भाव और समरसता के साथ इस परिवार को समर्थन दें ताकि वे एक संविदानशील और सहमत समझदारी के साथ इस मुश्किल समय को पार कर सकें। इस घड़ी में विवादों के बजाय समाधान की दिशा में कदम बढ़ाना हम सभी की जिम्मेदारी है ताकि इस परिवार को न्याय और समर्थन मिल सके।
ऐसी ख़बरें कभी सुनने में क्यों नहीं आती कि दो बेटियों में माँ को लेकर ठनी… माँ, मेरे पास रहेगी… नहीं मेरे पास रहेगी… ये बच्चे अपने माँ-बाप के लिए क्यों नहीं लड़ते.. उनकी जायदाद के लिए ही क्यों… माँ-बाप की दुआओं के लिए लड़ो रे जाहिलों…
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