बिहार में जिउतिया पर्व पर डूबने से 43 लोगों की मौत नीतीश सरकार पर सवाल उठाते हुए

बिहार में बाढ़ की स्थिति गंभीर है। नदियाँ रौद्र रूप धारण किए हुए हैं, और बारिश के कारण जल स्तर तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे में, तालाबों और जलाशयों में स्नान करने वाले लोगों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की आवश्यकता थी।

Sep 27, 2024 - 20:55
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बिहार में जिउतिया पर्व पर डूबने से 43 लोगों की मौत नीतीश सरकार पर सवाल उठाते हुए

बिहार में जिउतिया पर्व पर डूबने से 43 लोगों की मौत: नीतीश सरकार पर सवाल उठाते हुए

बिहार में जिउतिया पर्व के अवसर पर विभिन्न जिलों में तालाबों और जलाशयों में नहाने के दौरान डूबने से 43 लोगों की दुखद मौत की खबर ने राज्य को हिलाकर रख दिया है। मृतकों में 37 महिलाएँ और 6 बच्चे शामिल हैं। यह घटना तब हुई जब प्रदेश में बाढ़ के कारण नदियों का जलस्तर बढ़ा हुआ था, जिससे जलाशयों और तालाबों में डूबने का खतरा और बढ़ गया था।

बाढ़ के हालात और प्रशासनिक लापरवाही

इस समय बिहार में बाढ़ की स्थिति गंभीर है। नदियाँ रौद्र रूप धारण किए हुए हैं, और बारिश के कारण जल स्तर तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे में, तालाबों और जलाशयों में स्नान करने वाले लोगों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की आवश्यकता थी। हालाँकि, सरकार और प्रशासन की लापरवाही ने इन मौतों को संभव बनाया। स्थानीय प्रशासन ने समय रहते चेतावनी नहीं दी, जिससे लोगों को सुरक्षित स्थान पर जाने का समय नहीं मिला।

मृतकों के प्रति श्रद्धांजलि

इस दुखद घटना के बाद, सभी मृतकों को विनम्र आदरांजलि अर्पित की जाती है। यह बेहद दुखद है कि जिउतिया पर्व जैसे धार्मिक अवसर पर लोगों को इस तरह की त्रासदी का सामना करना पड़ा। ऐसे में, राज्य सरकार को आवश्यक कदम उठाने की जरूरत है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।

नीतीश सरकार की जिम्मेदारी

इस हादसे को देखते हुए नीतीश कुमार की सरकार पर सवाल उठने लगे हैं। कई राजनीतिक विश्लेषकों और नागरिकों का मानना है कि यह न केवल प्रशासनिक लापरवाही है, बल्कि इन मौतों को हत्या के रूप में देखा जाना चाहिए। यदि प्रशासन ने समय रहते सतर्कता बरती होती, तो ये जिंदगियाँ बचाई जा सकती थीं।

बिहार में इस दुखद घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि सरकारी लापरवाहियों के कारण नागरिकों की जान को खतरा होता है। सरकार को चाहिए कि वह इस पर गंभीरता से विचार करे और उचित उपाय करें, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएँ न हों। बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं के समय लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करना सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए।

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,