हिन्दुओं के दमन पर फंस गए यूनुस, अवामी लीग ने मामला पहुंचाया अंतरराष्ट्रीय अदालत में

छात्र आंदोलन की आड़ में कट्टरपंथी तत्वों के हाथों में आए इस्लामी देश ने हिंदू दमन में सारी सीमाएं लांघी हुई हैं। गत तीन माह में सैकड़ों हिन्दुओं का कत्ल किया गया है, अनेक हिन्दू महिलाओं को यौन शोषण का शिकार बनाया गया है। हिन्दू कर्मचारियों की नौकरियां छीनी गई हैं। अवामी लीग के कार्यकर्ताओं […]

Nov 11, 2024 - 14:19
 0  2
हिन्दुओं के दमन पर फंस गए यूनुस, अवामी लीग ने मामला पहुंचाया अंतरराष्ट्रीय अदालत में

छात्र आंदोलन की आड़ में कट्टरपंथी तत्वों के हाथों में आए इस्लामी देश ने हिंदू दमन में सारी सीमाएं लांघी हुई हैं। गत तीन माह में सैकड़ों हिन्दुओं का कत्ल किया गया है, अनेक हिन्दू महिलाओं को यौन शोषण का शिकार बनाया गया है। हिन्दू कर्मचारियों की नौकरियां छीनी गई हैं। अवामी लीग के कार्यकर्ताओं को भी चुन—चुनकर हिंसा का निशाना बनाया गया है।


बांग्लादेश की मोहम्मद यूनुस की अगुआई वाली अंतरिम सरकार हिन्दू दमन पर अब घिरती नजर आ रही है। विश्व के राजनीतिक समी​करणों में बदलाव का आहट के साथ अब सेकुलर या कहें हिन्दू विरोधी बांग्लादेश सरकार पर शिकंजा कसने की तैयारी होने के संकेत मिल रहे हैं। अमेरिका में ट्रंप का राष्ट्रपति चुनाव ​जीतना और उनका हिन्दू धर्म के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण सार्वजनिक रूप से व्यक्त करना इसमें एक बहुत बड़ी भूमिका निभा रहा है।

भारत के पड़ोस में कट्टरपंथी तत्वों के हाथों का खिलौना बने बांग्लादेश से आई ताजा जानकारी यह है कि गत 5 अगस्त को वहां हुए तख्तापलट के बाद, मजहबी उन्मादियों ने वहां जिस प्रकार हिन्दुओं की हत्याएं कीं, उनके घर लूटे, महिलाओं का शील भंग किया उसका कच्चा चिट्ठा अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय में पहुंचा दिया गया है।

यह पूरी रिपोर्ट 800 पन्नों में बाकायदा दर्ज करके अदलत में पहुंचने से एक उम्मीद जगी है कि यूनुस सरकार कुछ सतर्क होकर उन्मादियों पर लगाम लगाएगी। अंतरराष्ट्रीय अदालत में इस मामले को उठाया है पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग के वरिष्ठ नेता अनवरुज्जमां चौधरी ने, जो खुद सिलहट के महापौर रह चुके हैं।

Representational Image

छात्र आंदोलन की आड़ में कट्टरपंथी तत्वों के हाथों में आए इस्लामी देश ने हिंदू दमन में सारी सीमाएं लांघी हुई हैं। गत तीन माह में सैकड़ों हिन्दुओं का कत्ल किया गया है, अनेक हिन्दू महिलाओं को यौन शोषण का शिकार बनाया गया है। हिन्दू कर्मचारियों की नौकरियां छीनी गई हैं। अवामी लीग के कार्यकर्ताओं को भी चुन—चुनकर हिंसा का निशाना बनाया गया है।

प्रधानमंत्री यूनुस से अनेक बार सीधे इसकी शिकायत की जा चुकी है लेकिन अंतरिम सरकार के कानों पर कभी जूं नहीं रेंगी है। लेकिन अब संभवत: नीदरलैंड्स में स्थित अंतरराष्ट्रीय अदालत में मामला पहुंचने से दुनिया का ध्यान बांग्लादेश में खुलेआम चल रहे जंगलराज पर जाएगा और वहां की सरकार को आड़े हाथों लिया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के तख्तापलट को लगभग तीन महीने हो चले ​हैं। तबसे ही वहां देश में कानून नाम की चीज नहीं रही है। कट्टरपंथियों ने हसीना की पार्टी अवामी लीग के अनेक नेताओं और हिन्दू समुदाय के लोगों, मंदिरों, प्रतिष्ठानों पर हमले किए। इस पूरे हिंसक घटनाक्रम का सिलसिलेवार ब्योरा बनाकर अनवरुज्जमां चौधरी ने सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस सहित 62 लोगों के विरुद्ध इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (आईसीसी) में मामला दायर किया है।

चौधरी ने अपने इस कदम से जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया है। इसमें वे कह रहे हैं कि 5-8 अगस्त को बांग्लादेश में छात्र आंदोलन की आड़ में निर्मम कत्लेआम रचा गया। अवामी लीग पार्टी के नेता, छात्र, कार्यकर्ता तथा बांग्लादेश के हिंदू, ईसाई, बौद्ध अल्पसंख्यकों को पुलिस और सेना ने चुन—चुनकर मारा है। इस बारे में आईसीसी को सारे आंकड़े और तथ्य ​दिए हैं।

इस मामले में यूनुस और उनके साथ तमाम अंतरिम मंत्रियों को आरोपी बनाया गया है। अनेक छात्र नेता आरोपी हैं। वीडियो में चौधरी का कहना है कि आईसीसी में दर्ज मुकदमे में 800 पन्ने एक प्रकार से यूनुस सरकार का कच्चा चिट्ठा है। उनके हिसाब से इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट में इसी प्रकार की लगभग 15 हजार शिकायतें दर्ज कराने की तैयारी हो चुकी है। मजहबी उन्मादियों के दमन के शिकार लोग एक एक करके मुकदमे दायर करने वाले हैं।

What's Your Reaction?

like

dislike

wow

sad

Bharatiyanews हमारा अपना समाचार आप सब के लिए|