इस मुस्लिम देश में 9 साल की लड़कियों से निकाह की अनुमति, कानून में हो सकता है बड़ा बदलाव

बाल विवाह एक गंभीर सामाजिक समस्या है, जो पूरी दुनिया में महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों का उल्लंघन करती है। हालांकि, कई देशों ने इसे समाप्त करने के लिए कानून बनाए हैं और इसके खिलाफ जागरूकता फैलाने के प्रयास किए हैं फिर भी कुछ देशों में यह कुरीति अब भी जीवित है। ऐसे ही एक […]

Nov 11, 2024 - 14:19
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इस मुस्लिम देश में 9 साल की लड़कियों से निकाह की अनुमति, कानून में हो सकता है बड़ा बदलाव

बाल विवाह एक गंभीर सामाजिक समस्या है, जो पूरी दुनिया में महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों का उल्लंघन करती है। हालांकि, कई देशों ने इसे समाप्त करने के लिए कानून बनाए हैं और इसके खिलाफ जागरूकता फैलाने के प्रयास किए हैं फिर भी कुछ देशों में यह कुरीति अब भी जीवित है। ऐसे ही एक देश का नाम है इराक, जहाँ हाल ही में विवाह कानून में संशोधन का प्रस्ताव सामने आया है। जिसके तहत लड़कियों की शादी की न्यूनतम आयु घटाकर नौ वर्ष कर दी जाएगी।

विवाह कानून में प्रस्तावित संशोधन

इराक में इस समय विवाह के लिए न्यूनतम आयु 18 वर्ष निर्धारित है लेकिन सरकार अब इसे घटाकर 9 वर्ष करने की योजना बना रही है। हालांकि, यह प्रस्ताव इराकी महिला समूहों और मानवाधिकार संगठनों के लिए चिंता का विषय बन गया है।

अगर यह संशोधन लागू हो जाता है तो न केवल विवाह की आयु घटेगी, बल्कि महिलाओं के तलाक, संपत्ति और बच्चों की हिरासत के अधिकारों में भी बदलाव आएगा। ऐसे में, यह कानून महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों को और भी सीमित कर सकता है।

यूनिसेफ की रिपोर्ट

यूनिसेफ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इराक में बाल विवाह पहले से ही एक गंभीर समस्या है। रिपोर्ट में कहा गया है कि लगभग 28 प्रतिशत लड़कियों की शादी 18 वर्ष की आयु से पहले ही कर दी जाती है। यह आंकड़ा बताता है कि बाल विवाह इराक में कितनी बड़ी समस्या बन चुकी है। बाल विवाह के कारण न केवल लड़कियों का शारीरिक और मानसिक विकास रुकता है, बल्कि उन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसे बुनियादी अधिकारों से भी वंचित कर दिया जाता है। इस संशोधन के बाद इन समस्याओं में और वृद्धि हो सकती है।

मानवाधिकार संगठनों की चिंता

ह्यूमन राइट्स वॉच जैसे मानवाधिकार संगठन इस संशोधन का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इस प्रकार के संशोधन से लड़कियों के खिलाफ यौन और शारीरिक हिंसा बढ़ेगी, क्योंकि छोटी उम्र में विवाह से वे शारीरिक रूप से तैयार नहीं होती हैं। इसके साथ ही उन्हें शिक्षा और रोजगार के अवसरों से भी वंचित किया जाएगा, जिससे उनका समग्र विकास रुक जाएगा।

इसके अलावा, बाल विवाह के कारण युवतियों के लिए जीवनभर की मानसिक और शारीरिक समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।

महिला समूहों का विरोध

इराकी महिला समूहों का कहना है कि यह संशोधन महिलाओं के अधिकारों के खिलाफ है और यह इराक के कानूनों को और भी पिछड़ा बना देगा। उनका यह भी कहना है कि यह कदम महिलाओं को गुलामी की ओर धकेलने जैसा है, जहां उन्हें उनके मूल अधिकारों से वंचित किया जाएगा। महिला अधिकार कार्यकर्ता इसके विरोध में सड़कों पर उतर आए हैं और इसे अस्वीकार्य मानते हुए कानून को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। बाल विवाह के खिलाफ दुनियाभर में संघर्ष जारी है।

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