सोमनाथ मंदिर के पास दीवार 6 फीट से ज्यादा न हो : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार से कहा कि गिर स्थित सोमनाथ मंदिर के पास एक विध्वंस स्थल पर अतिक्रमण रोकें। इसके लिए बनाई जा रही दीवार पांच से छह फुट ऊंची बनाने का आदेश दिया गया है। न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति अगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने ये टिप्पणियां कीं।

Apr 29, 2025 - 05:28
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सोमनाथ मंदिर के पास दीवार 6 फीट से ज्यादा न हो : सुप्रीम कोर्ट
अहमदाबाद : ने सोमवार को सरकार से कहा कि गिर के के पास डेमोलिशन स्थल पर अतिक्रमण रोकने के लिए बनाई जा रही कंपाउंड वॉल (परिसर दीवार) की ऊंचाई पांच से छह फीट तक सीमित होनी चाहिए। जस्टिस बी.आर. गवई और जस्टिस ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह की बेंच को राज्य सरकार ने सूचित किया था कि वे अतिक्रमण रोकने के लिए एक कंपाउंड वॉल बना रहे हैं।याचिकाकर्ता के वकील द्वारा दीवार की ऊंचाई पर किए गए दावों का विरोध करते हुए गुजरात सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सरकार अपनी जमीन की सुरक्षा के लिए कंपाउंड वॉल बना सकती है।

सुप्रीम कोर्ट बेंच ने क्या कहा

जस्टिस बी आर गवई की अगुवाई वाली बेंच ने कहा कि 12 फीट ऊंची दीवार मत बनाइए। यदि आप इसे सुरक्षित करना चाहते हैं तो पांच या छह फीट ऊंचाई पर्याप्त है। सॉलिसिटर जनरल मेहता ने कहा कि 12 फीट ऊंची दीवार बनाए जाने का दावा केवल याचिकाकर्ता के वकील का मौखिक दावा है। हम कोई किला नहीं बना रहे कि कोई अंदर प्रवेश न कर सके। यह केवल अवैध अतिक्रमण को रोकने के लिए है।

बेंच ने पूछा सवाल

बेंच ने कहा कि कंपाउंड वॉल की ऊंचाई उचित होनी चाहिए और पूछा आप 12 फीट ऊंची दीवार क्यों बनाना चाहते हैं? पीठ ने निर्देश दिया कि इसे पांच या छह फीट की बनाइए। याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता संजय हेगड़े ने तर्क दिया कि अधिकारी दीवार बनाकर यथास्थिति बदलने का प्रयास कर रहे हैं। न्यायमूर्ति गवई ने मेहता से कहा कि इस बारे में संबंधित जिलाधिकारी को निर्देश दिया जाए। मेहता ने कहा कि मैं निर्देश दूंगा। याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता संजय हेगड़े ने कहा कि अधिकारी परिसर की दीवार बनाकर यथास्थिति बदलने का प्रयास कर रहे हैं। मेहता ने हेगड़े के दावों को खारिज कर दिया और इस मामले में शीर्ष अदालत में दिए गए उनके पहले के बयान का जिक्र किया।

वकीलों में जमकर बहस

मेहता ने 31 जनवरी को स्पष्ट बयान दिया था कि अतिक्रमण वाली जमीन पर हिंदू समेत किसी भी गतिविधि की मंजूरी नहीं दी जा रही। उन्होंने सोमवार को कहा स्थिति जस की तस है। उन्होंने कहा कि हम केवल अतिक्रमण रोकने के लिए परिसर की दीवार बना रहे हैं। याचिकाकर्ता को नहीं पता कि अंदर क्या हो रहा है। पीठ ने कहा, 'आपको पता क्यों नहीं होगा? अब तो हर जगह ड्रोन उपलब्ध हैं।'हेगड़े ने कहा कि यह ऐसा है जैसे आपने ‘ग्रेट वॉल ऑफ चाइना’ बना दी हो और कह रहे हों कि हम उसकी रक्षा कर रहे हैं। मेहता ने जवाब दिया कि यह ग्रेट वॉल ऑफ चाइना नहीं है। कृपया मामले को सनसनीखेज नहीं बनाएं। याचिकाकर्ता ने कहा कि स्थान पर यथास्थिति बनाकर रखी जानी चाहिए। पीठ ने सुनवाई के लिए 20 मई की तारीख तय की।

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