यूपी के 7 लाख आउटसोर्सिंग कर्मियों के लिए खुशखबरी, मिलेगा सीएल, मेडिकल और टाइम पर सैलरी

यूपी में 7 लाख से अधिक संविदा और आउटसोर्स कर्मचारियों को उचित वेतन के साथ कैजुअल और मेडिकल लीव, बीमा की सुविधाएं मिलेंगी। यूपी आउटसोर्स सेवा निगम बनाए जाने के बाद, विभागों में कर्मचारियों और एजेंसियों के बीच केंद्रीयकृत मॉनिटरिंग और भुगतान व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।

Mar 12, 2025 - 11:01
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यूपी के 7 लाख आउटसोर्सिंग कर्मियों के लिए खुशखबरी, मिलेगा सीएल, मेडिकल और टाइम पर सैलरी
प्रेमशंकर मिश्र, लखनऊ: यूपी में 7 लाख से अधिक संविदा और आउटसोर्स कर्मचारियों को सरकार उचित वेतन के साथ ही कैजुअल लीव, मेडिकल लीव और बीमा जैसी सुविधाओं का भी लाभ दिलाएगी। सरकार की ओर से गठित किए जा रहे यूपी आउटसोर्स सेवा निगम के प्रस्तावित मसौदे में इन सबको शामिल किया जा रहा है। बजट में निगम की बुनियादी सुविधाओं के लिए धनराशि के प्रावधान के बाद इसके गठन की प्रक्रिया तेज कर दी गई है।विभिन्न विभागों में आउटसोर्सकर्मी उपलब्ध करवा रही एजेंसियों के खिलाफ अक्सर कर्मचारियों को समय से वेतन व छुट्टी न मिलने, एंप्लाई प्राविडेंट फंड () आदि में कटौती के बाद भी मनमानी किए जाने की शिकायतें मिलती रही हैं। इन समस्याओं के समाधान व कर्मियों के हितों के रक्षा के लिए सीएम योगी ने यूपी आउटसोर्स सेवा निगम के गठन के निर्देश दिए थे। सचिवालय प्रशासन विभाग निगम की नियमावली का ड्राफ्ट तैयार कर रहा है।

योग्यता के अनुसार होगा वेतन का प्रावधान

निगम के ड्राफ्ट के अनुसार अलग-अलग श्रेणी के पदों के लिए 16 हजार से लेकर 25 हजार तक वेतन दिए जाने का प्रस्ताव है। प्रॉजेक्ट अफसर, सीनियर असिस्टेंट, जूनियर असिस्टेंट, चतुर्थ श्रेणी के पद पर शैक्षणिक योग्यता व कार्य के स्वरूप के अनुसार वेतन होगा। महीने की पहली तारीख को वेतन खाते में आ जाए इसे सुनिश्चित करवाया जाएगा। निगम के बन जाने के बाद या ईएसआई (एंप्लाई स्टेट इंश्योरेंस) आदि की सेवाओं में आने वाली दिक्कतें भी काफी हद तक हल हो सकेंगी। एक विभागीय अधिकारी ने बताया कि बहुत बार शिकायतों के आधार पर एजेंसी बदल दी जाती है। ऐसी स्थिति में कर्मचारियों के ईपीएफ या ईएसआई खातों की मॉनिटरिंग व जवाबदेही तय कर पाना मुश्किल हो जाता है। निगम कर्मचारियों, एजेंसियों एवं विभागों के लिए वन स्टॉप सेंटर के तौर पर काम करेगा। पोर्टल के जरिए एजेसियों एवं कर्मियों को रजिस्टर्ड करवाया जाएगा। ईपीएफ व ईसीआई में भुगतान की केंद्रीयकृत व्यवस्था होगी। कर्मचारी को उसका लाभ लेने के लिए निगम के पोर्टल पर ही आवेदन करना होगा। संस्थाओं से समन्वय स्थापित कर लाभ दिलाने की जिम्मेदारी निगम उठाएगा।

शासन से जिले तक होगा निगम का विस्तार

बेहतर कार्य एवं परिणाम के लिए आउटसोर्स निगम का विस्तार शासन से जिले तक किए जाने का प्रस्ताव है। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बोर्ड ऑफ डॉयरेक्टर्स का गठन होगा। नीतियों, बजट के निर्धारण, वित्तीय स्वीकृतियां आदि की जिम्मेदारी इनकी होगी। सलाहकार समिति भी बनेगी जिसमें इंडस्ट्री, टेक्नॉलजी सहित विभिन्न क्षेत्रों से एक्सपर्ट शामिल किए जाएंगे। कमिश्नर की अगुआई में मंडल स्तरीय व डीएम की अगुआई में जिला स्तरीय समिति गठित होगी। कर्मियों की नियुक्ति प्रक्रिया में सामाजिक, शैक्षिक पृष्ठभूमि के साथ ही ग्रामीण क्षेत्र, आयु, आवश्यकता आदि बिंदुओं को भी समाहित किए जाने का प्रस्ताव है।

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,