1500000000 रुपये चैंपियंस ट्रॉफी के एक मैच पर लुटाए... कंगाल पाकिस्तान ने ये क्या कर डाला!

पाकिस्तान के लिए आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी की मेजाबनी किसी बुरे सपने की तरह है। उसे भारत को लेकर अपने ड्रामे की वजह से इंटरनेशनल लेवल पर बेइज्जती सहनी पड़ी। इसके बाद एक स्टेडियम को उसने बनाने में हजार करोड़ से अधिक खर्च किए, लेकिन एक ही मैच हो सका।

Mar 12, 2025 - 11:01
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1500000000 रुपये चैंपियंस ट्रॉफी के एक मैच पर लुटाए... कंगाल पाकिस्तान ने ये क्या कर डाला!
नई दिल्ली: मेजबान कोई भी बड़ा इवेंट करने के बाद खर्च और कमाई यानी आय और व्यय का लेखा-जोखा यानी हिसाब-किताब जरूर करता है। रिव्यू करता है कि कितना खर्च हुआ और कितनी कमाई हुई। पाकिस्तान के साथ भी कुछ ऐसा ही होगा। आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का खिताब भारत जीत चुका है और अब समय है हिसाब-किताब का। सही आंकड़ा तो ही बता पाएगा, लेकिन बाहर से जो भी चीजें दिखाई दे रही हैं वह ज्यादा बेहतर नहीं हैं। कुछ चीजों का बैकअप प्लान नहीं होने से पाकिस्तान को इतना बड़ा नुकसान हुआ कि उसका अंदाजा उसने सपने में भी नहीं लगाया रहा होगा।जी हां, उसने तीन स्टेडियम को खेलने लायक बनाने के लिए हजारों करोड़ रुपये पानी की तरह बहा दिए। एक-एक स्टेडियम पर एक-एक हजार करोड़ से अधिक पैसे खर्च हुए, लेकिन क्या उसने इसकी भरपाई की? शायद नहीं। पाकिस्तान में 3 वेन्यू पर कुल 10 मैच हुए, जिसमें से 2 मैच बारिश की वजह से रद्द हो गए। ये दो मैच दुनिया के सबसे तेज गेंदबाज शोएब अख्तर के घर यानी रावलपिंडी स्टेडियम के थे, 3 मैच खेले जाने थे। रावलपिंडी स्टेडियम में पहला मैच 24 फरवरी को बांग्लादेश और न्यूजीलैंड के बीच खेला गया था। इस मैच में न्यूजीलैंड ने 5 विकेट से जीत दर्ज की।पिंडी में अगला मैच 25 फरवरी को शेड्यूल था। ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका के बीच यह मुकाबला बारिश की वजह से रद्द रहा। स्टेडियम में पानी सुखाने के लिए ड्रेनेज सिस्टम बेहद घटिया था। सुपर सॉपर की जगह बाथरूम में इस्तेमाल होने वाले वाइपर और स्पंज से पानी सुखाते देखा गया। लेकिन कामयाबी नहीं मिली और 27 फरवरी को पाकिस्तान और बांग्लादेश का मैच भी इसी तरह से रद्द हो गया। इस तरह दोनों टीमों को बिना कोई मैच जीते टूर्नामेंट से बाहर होना पड़ा।अब आते हैं खास मुद्दे पर। दरअसल, रिपोर्ट्स की मानें तो रावलपिंडी स्टेडियम को बनाने के लिए पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने 1500 करोड़ रुपये एलॉट किए थे। इसमें फ्लड लाइट्स की जगह 350 एलईडी लाइट्स लगाने के लिए 393 मिलियन रुपए और मुख्य भवन, हॉस्पिटैलिटी बॉक्स और टॉयलेट के लिए 400 मिलियन रुपए शामिल हैं। इसके अतिरिक्त दो एलईडी डिजिटल स्क्रीन को बदलने के लिए 330 मिलियन रुपए आवंटित किए गए थे, जबकि नई सीटिंग इंस्टॉलेशन पर 272 मिलियन रुपए खर्च किए जाने थे।मान लिया जाए कि अलॉट किए गए रुपये ही खर्च किए गए तो भी एक स्टेडियम में सिर्फ एक मैच का कुल खर्च 1500 करोड़ रुपये से अधिक रहा। यही नहीं, पाकिस्तान ने हर स्टेडियम की ओपनिंग सेरिमनी के लिए ब्लॉकबस्टर शो किए थे और दुनिया को दिखाने के लिए सिंगर से लेकर डांसर तक पर मोटी रकम खर्च की थी। हालांकि, इन पैसों के बारे में कहीं भी जानकारी नहीं दी गई। एक ओर उसकी आर्थिक स्थिति कंगालों वाली है तो दूसरी ओर इस तरह से पैसे बहाना समझ से परे है। स्टेडियम किसी भी मैच के लिए भरे नहीं थे तो कम से कम पब्लिक से मिलने वाला पैसा उसके खर्च को कतई पूरा नहीं कर सकता है। हां, ब्रॉडकास्टर्स से जरूर उसे फायदा मिला होगा, लेकिन क्या उसे इतने पैसे मिले होंगे कि इतने बड़े खर्च की भरपाई की जा सकती है।बात यहीं खत्म नहीं होती। आने वाले समय में इस स्टेडियम पर पाकिस्तान सुपर लीग के मैच तो शेड्यूल हैं, लेकिन इंटरनेशनल टीमों का दौरा होगा या नहीं इसका पता नहीं। इस बीच बलूच लिबरेशन आर्मी का जाफर एक्सप्रेस को हाईजैक करना उसकी पहले से गिरी हुई साख और भी रसातल में ले जाने का काम किया है। बलूच विद्रोही संगठन का दावा है कि उसने 30 पाकिस्तानी जवानों को मार गिराया है। इंटरनेशनल लेवल पर इस खबर के आने के बाद कोई भी टीम शायद ही पाकिस्तान का दौरा करने के लिए राजी होगी। संभव है कि पीएसएल में भी विदेशी खिलाड़ी खेलने से कतराएं।

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,