भारत के 100 रुपए रूस और अमेरिका में जाकर कितने हो जाते हैं? चर्चा में पुतिन-ट्रंप की मुलाकात

Indian currency value into Ruble And US Dollar: दुनियाभर में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी प्रेसिडेंट पुतिन की मुलाकत की चर्चा है, जो शुक्रवार को अलास्का में होने वाली है. इस बीच आइए जानते हैं कि भारत के 100 रुपए अमेरिका और रूस में जाकर कितने हो जाते हैं.

Aug 15, 2025 - 18:37
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भारत के 100 रुपए रूस और अमेरिका में जाकर कितने हो जाते हैं? चर्चा में पुतिन-ट्रंप की मुलाकात
भारत के 100 रुपए रूस और अमेरिका में जाकर कितने हो जाते हैं? चर्चा में पुतिन-ट्रंप की मुलाकात

दुनियाभर में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी प्रेसिडेंट व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात की चर्चा है. अलास्का में होने वाले वाली बातचीत का फोकस यूक्रेन से युद्ध खत्म करने पर है. इस बीच अमेरिकी वित्त स्कॉट बेसेंट के बयान से भारत भी चर्चा में आ गया है. बेसेंट का कहना है अगर पुतिन और ट्रंप की बातचीत का कोई हल नहीं निकलता है तो भारत पर टैरिफ और बढ़ा दिया जाएगा.

ट्रंप पहले ही कह चुके हैं कि भारत पर जितना ज्यादा ट्रंप लगेगा रूस पर उतना दबाव बढ़ाया जा सकेगा. इस बीच आइए जान लेते हैं कि भारत की करंसी अमेरिका और रूस में जाकर कितनी हो जाती है.

भारत के 100 रुपए पुतिन के देश रूस में कितने?

रूस की आधिकारिक करंसी का नाम रूसी रूबल है. इसे दुनिया की सबसे पुरानी चालू करंसी में गिना जाता है. रूस की करंसी रूबल को शॉर्ट में RUB लिखते हैं और सांकेतिक रूप में ₽ लिखते हैं. ठीक वैसे ही जैसे भारतीय करंसी को शॉर्ट में INR लिखते हैं और प्रतीक के रूप में ₹ सिम्बल का इस्तेमाल किया जाता है.

भारत का 1 रुपया रूस में जाकर 0.91 रूसी रूबल हो जाता है. इसी तरह भारत के 100 रुपए रूस में जाकर 91.20 रूसी रूबल हो जाते हैं. इस तरह दोनों देशों की करंसी के अंतर को समझा जा सकता है.

Russian Currency

रूसी करंसी रूबल को दुनिया की सबसे पुरानी चालू करंसी में गिना जाता है.

ट्रंप के अमेरिका में भारत के 100 रुपए कितने?

अमेरिकी डॉलर ही अमेरिका की आधिकारिक करंसी है. भारत के 100 रुपए अमेरिका में जाकर मात्र 91.20 अमेरिकी डॉलर रह जाते हैं. अमेरिका ने 2 अप्रैल 1792 को डॉलर को करंसी के रूप में मान्यता दी थी. आज अमेरिकी डॉलर दुनिया की पावरफुल करंसी में गिना जाता है, लेकिन इसकी शुरुआत में ऐसा नहीं था. 1792 से पहले अमेरिका में किसी भी चीज के लेन-देन के लिए सोने या चांदी की चीजों के रूप में भुगतान किया जाता था. लेकिन एक दौर में सोना-चांदी की कमी होने लगी.

अमेरिकी कांग्रेस ने इसका हल निकालते हुए 2 अप्रैल 1792 को कॉइनेज एक्ट पारित किया. इसके बाद ही अमेरिका में यूएस मिंट की स्थापना हुई. चांदी से बने डॉलर रूप में करंसी का चलन शुरू हुआ. इस तरह कई बदलावों के बाद अमेरिकी करंसी का रुतबा दुनियाभर में बढ़ता गया. अब भारतीय करंसी की वैल्यू को अमेरिकी करंसी में भी जान लेते हैं.

सबकी नजरें पुतिन-ट्रंप की मुलाकात पर

अमेरिका और रूस के बीच तनातनी रही है. भारत रूस से तेल खरीदता रहा है. इस खरीद से रूस की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलती है और इसी बात से ट्रंप नाराज हैं. ट्रंप को लगता है रूस की अर्थव्यवस्था को लगातार मदद मिल रही है, इसी कारण पुतिन यूक्रेन के खिलाफ चल रही जंग को नहीं रोक रहे और न ही बंद करने की कोशिश कर रहे. यही वजह है कि 7 अगस्त को अमेरिका ने भारत के खिलाफ 25 फीसदी टैरिफ को बढ़ाकर 50 फीसदी कर दिया. इसे, 27 अगस्त से लागू होने की बात कही गई. भारत ने भी अमेरिका को जवाब दिया.

भारत और अमेरिका के बीच ऐसे हालातों के बीच अब पुतिन और ट्रंप की अलास्का में होने वाली मुलाकात पर सबकी नजर है. सबको इंतजार है कि इस मुलाकात का परिणाम क्या होगा?

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