दिल्ली हाई कोर्ट के जज के घर में लगी आग, मिला 'खजाना', भेजे गए इलाहाबाद HC

दिल्ली हाई कोर्ट के जज यशवंत वर्मा के घर पर आग लगने के बाद भारी मात्रा में नकदी बरामद की गई, जिससे न्यायपालिका में हलचल मच गई है। इस घटना के बाद उनका ट्रांसफर इलाहाबाद हाई कोर्ट में कर दिया गया है। कुछ जज उनके इस्तीफे के साथ-साथ मामले की जांच की मांग कर रहे हैं।

Mar 21, 2025 - 07:08
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दिल्ली हाई कोर्ट के जज के घर में लगी आग, मिला 'खजाना', भेजे गए इलाहाबाद HC
के जज के घर पर आग लगने के बाद बड़ी मात्रा में कैश बरामद किया गया है। इस खुलासे के बाद जज यशवंत वर्मा का ट्रांसफर कर दिया गया है। हालांकि, कुछ जज उनके इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। जजों का कहना है कि अगर न्यायमूर्ति वर्मा इस्तीफा देने से मना करते हैं तो चीफ जस्टिस उनके खिलाफ 1999 की प्रक्रिया के मुताबिक जांच शुरू कराएं, जिसमें किसी भी जज के खिलाफ शिकायत मिलने पर जांच की जाती है।हाई कोर्ट के जज के घर पर इतनी बड़ी मात्रा में कैश मिलने पर न्यायपालिका में हलचल मच गई है। CJI संजीव खन्ना के नेतृत्व वाले के कॉलेजियम ने न्यायाधीश का तबादला दूसरे हाई कोर्ट में करने का फैसला किया है। बताया जा रहा है कि जिस समय के घर पर आग लगी, उस समय वह शहर में नहीं थे। उनके परिवार वालों ने दमकल और पुलिस को बुलाया। आग बुझाने के बाद अधिकारियों को एक कमरे में भारी मात्रा में नकदी मिली।

ट्रांसफर होकर आए थे दिल्ली हाई कोर्ट

भारी तादाद में कैश मिलने के बाद पुलिसकर्मियों ने घटना की जानकारी तुरंत उच्च अधिकारियों को दी गई। CJI ने मामले को गंभीरता से लिया और कॉलेजियम की बैठक बुलाई। कॉलेजियम ने जस्टिस वर्मा का तुरंत ट्रांसफर करने का फैसला लिया। उन्हें उनके मूल इलाहाबाद हाई कोर्ट में भेज दिया गया है। दरअसल, जस्टिस वर्मा अक्टूबर 2021 में इलाहाबाद हाई कोर्ट से दिल्ली हाई कोर्ट आए थे।

इनकार करने पर इन-हाउस जांच की मांग

इस मामले में कुछ जजों का मानना है कि सिर्फ तबादला करने से न्यायपालिका की छवि खराब होगी। इसलिए जस्टिस वर्मा से इस्तीफा लिया जाना चाहिए। अगर वह इनकार करते हैं तो उन पर इन-हाउस जांच शुरू की जानी चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता है तो लोगों का न्यायपालिका से विश्वास भी उठ जाएगा।

एक्शन के लिए अपनाई जाती है प्रक्रिया

दरअसल, कई जज इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की 1999 में बनाई गई इन-हाउस प्रक्रिया के तहत कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं। इस प्रक्रिया के तहत संवैधानिक न्यायालय के जजों के खिलाफ भ्रष्टाचार, गलत काम या अनुचित व्यवहार के आरोपों से निपटा जाता है। इस प्रक्रिया के मुताबिक, CJI को शिकायत मिलने पर, वह जज से जवाब मांगते हैं।

पैनल में होते हैं SC और HC के जज

प्रक्रिया के मुताबिक अगर CJI जवाब से संतुष्ट नहीं होते हैं या उन्हें लगता है कि मामले की गहन जांच की जरूरत है, तो वह एक इन-हाउस जांच पैनल स्थापित कर सकते हैं। इस पैनल में एक SC न्यायाधीश और दो HC के मुख्य न्यायाधीश शामिल होते हैं।

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,