जनरल मुनीर इस्तीफा दो... पाकिस्तानी सेना में शुरू हुई बगावत, आर्मी चीफ को उनके ही अफसरों ने दी सीधी चेतावनी

पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनलर सैयद आसिम मुनीर के विकट स्थिति में फंस गए हैं। मुनीर के खिलाफ पाकिस्तानी सेना में विद्रोह के सुर फूट गए हैं। जूनियर अफसरों ने बगावती तेवर अपनाते हुए अपने टॉप जनरल के खिलाफ पत्र लिखा है और उनसे पद छोड़कर जाने को कह दिया है।

Mar 27, 2025 - 05:43
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जनरल मुनीर इस्तीफा दो... पाकिस्तानी सेना में शुरू हुई बगावत, आर्मी चीफ को उनके ही अफसरों ने दी सीधी चेतावनी
इस्लामाबाद: पाकिस्तानी सेना में कभी भी विद्रोह की चिंगारी भड़क रही है। आर्मी चीफ जनरल सैयद आसिम मुनीर के खिलाफ जूनियर अफसरों ने बगावती तेवर अपना लिए हैं। पाकिस्तानी सेना के जूनियर अधिकारियों ने सेना प्रमुख जनरल मुनीर के इस्तीफे की मांग की है। इसकी मांग करते हुए अफसरों ने तीखा पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने मुनीर पर सेना को राजनीतिक उत्पीड़न और निजी बदला लेने के लिए साधन के रूप में इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। सीएनएन-न्यूज 18 ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि इस पत्र को कर्नल, मेजर और कैप्टन रैंक के अधिकारियों ने लिखा है। इसमें मुनीर के नेतृत्व की आलोचना करते हुए कहा गया है कि इसने पाकिस्तान को रसातल में धकेल दिया है। मुनीर के नेतृत्व की तुलना 1971 से की गई है, जब पाकिस्तान को भयावह हार का सामना करना पड़ा था, जिसके परिणामस्वरूप बांग्लादेश का निर्माण हुआ था।

जनरल मुनीर को चेतावनी

पत्र में बेहद तीखी भाषा में चेतावनी देते हुए कहा गया, 'यह कोई अपील नहीं है। यह कोई समझौता बातचीत नहीं है। यह आपका 1971 है जनरल और हम आपको इसी छाया में दफन नहीं होने देंगे।' अधिकारियों ने मुनीर पर राजनीतिक असहमति को दबाने, पत्रकारों को चुप कराने और लोकतांत्रिक ताकतों को कुचलने के जरिए सेना की प्रतिष्ठा को नष्ट करने का आरोप लगाया। इसमें अप्रैल 2022 में इमरान खान को हटाने के बाद हिंसक कार्रवाई और 8 फरवरी 2024 के चुनावों में कथित हेरफेर को ऐसे निर्णायक क्षणों के रूप में उजागर करते हैं, जिन्होंने सेना की विश्वसनीयता को धूमिल किया है।पत्र में मुनीर के नेतृत्व में लोगों के जीवन की भयावह तस्वीर दिखाई गई है। अधिकारियों ने मुनीर पर अपनी सत्ता बचाने के लिए देश को आर्थिक बर्बादी की ओर ले जाने का आरोप लगाया गया। 'अर्थव्यवस्था एक लाश बन चुकी है और फिर भी आप हेड क्वार्टर में किसी तानाशाह की तरह घूमते हैं, अपना कार्यकाल 2027 तक बढ़ाते हैं जबकि हम भूखे मर रहे हैं।'

जनता के गुस्से को भी आवाज

इसमें सेना के खिलाफ जनता के गुस्से का भी जिक्र है। पत्र में लिखा है, बच्चे हमारी चौकियोंपर पत्थर फेंकते हैं। आपने पाकिस्तानी सेना को अपनी ही धरती पर बेगाना कर दिया है। अफसरों ने आर्मी चीफ की तुलना फासीवादी खूंखार जानवर से की है, जो अपने ही लोगों की कीमत पर दावत कर रहा है।रिपोर्ट में शीर्ष खुफिया सूत्रों के हवाले से पत्र की पुष्टि की गई है और इसे पाकिस्तान की सबसे ताकतवर संस्था सेना के लिए अस्तित्व का संकट बताया है। पत्र में चेतावनी दी गई है कि अगर मुनीर पद नहीं छोड़ते हैं, तो सेना खुद कार्रवाई करेगी। अफसरों ने मांग की है कि सेना की कमान वरिष्ठ अधिकारियों की एक परिषद को सौंपी जाए जो संस्था की अखंडता को बहाल करेगी और मुनीर को उनके कथित अपराधों के लिए जवाबदेह ठहराएगी।

मुनीर का होगा तख्तापलट?

पत्र में बलूचिस्तान में अलगाववादी संगठन बीएलए के लड़ाकों के जाफर एक्सप्रेस ट्रेन को अगवा करने को अपमानजनक क्षण बताया गया है। हमने उस दिन बलूचिस्तान खो दिया, हमने अपनी गरिमा खो दी। अधिकारियों ने सेना के पारंपरिक सम्मान को कायम रखने में विफल रहने के लिए मुनीर के नेतृत्व की भी आलोचना की। पाकिस्तानी सेना में यह आंतरिक विद्रोह कमजोर होती सत्ता का संकेत देता है। पत्र में अधिकारियों ने साफ कर दिया है कि अगर मुनीर पद नहीं छोड़ते हैं, तो वे कार्रवाई करेंगे।

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