NDA नेताओं ने तेजस्वी से हटाकर लालू की तरफ क्यों घुमाया तोप, दिमाग की बत्ती जलाने वाली है प्लानिंग

Lalu Yadav on target of NDA: बिहार की राजनीति में पिछले कुछ दिनों से एक नया रंग देखने को मिल रहा है। एनडीए के तमाम नेता तेजस्वी यादव पर सीधा अटैक करने के बजाय लालू प्रसाद यादव को निशाने पर रख रहे हैं। बताया जा रहा है कि यह एक रणनीति का हिस्सा है। गिरिराज सिंह से लेकर ललन सिंह तक तेजस्वी के बजाय लालू यादव को निशाने पर ले रहे हैं।

May 3, 2025 - 13:33
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NDA नेताओं ने तेजस्वी से हटाकर लालू की तरफ क्यों घुमाया तोप, दिमाग की बत्ती जलाने वाली है प्लानिंग
पटना: को लेकर अब तक चाहे जो पैंतरे एनडीए के नेताओं ने ले रखा हो, लेकिन पिछले कुछ दिनों से उनकी रणनीति में एक आश्चर्यजनक बदलाव आया है। यहां तक कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से लेकर एनडीए के तमाम वरीय नेताओं ने विपक्ष पर हमले का एंगल बदल लिया है। अब तक विपक्ष के निशाने पर चढ़े रहते थे, लेकिन अब हमले के तोप को की तरफ घुमाना बिहार की राजनीति का टर्निंग पॉइंट माना जा रहा है। आइए जानते हैं कि कैसे तेजस्वी का स्थान अब लालू यादव ने लिया है।

सोनिया के सामने उठक-बैठक करते रहे लालू: गिरिराज

केंद्रीय मंत्री ने भी हमले का तोप राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की तरफ मोड़ डाला। जातीय जनगणना को लेकर लालू यादव ने ट्वीट किया था- 'कहा था न कान पकड़ कर जातीय जनगणना कराऊंगा और बड़े प्रतिशत में आरक्षण भी दिलवाऊंगा।' राजद सुप्रीमो के इस बयान से भड़के ने कहा कि यही लालू यादव हैं, जो जिंदगी भर कान पड़कर सोनिया गांधी के सामने उठक-बैठक किए। आरक्षण को दबा दिए और मंडल कमिशन को लागू नहीं होने दिए। यही लालू यादव हैं, जो कांग्रेस के पल्लू में पले थे। किसकी हिम्मत है जो नरेंद्र मोदी के कान पकड़वाकर उठक बैठक करवा लें? ये तो खुद उठक बैठक करते हैं, सोनिया के सामने। धन्य हैं नरेंद्र मोदी, जिन्होंने उन पिछड़े वर्ग को मजबूत किया और यही नरेंद्र मोदी हैं, जिन्होंने दलित, महा दलित को मजबूत किया। यह वही मोदी हैं, जिन्होंने गरीबों को आरक्षण दिया।

तब मुंह पर टेप साटे हुए थे: ललन सिंह

केंद्रीय मंत्री ने जातिगत गणना का श्रेय लालू यादव की ओर से लिए जाने पर कहा कि यह लोग ड्रामेबाज हैं। जब यह लोग सत्ता में थे, तो इन लोगों ने क्यों नहीं कराया। मनमोहन सिंह की सरकार ने जब सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण कराया, उसका भी आज तक रिपोर्ट नहीं आई। सरकार में तो यह भी थे। तब ये मुंह में टेप साटे थे।

सत्ता में रहे लालू यादव ने ध्यान नहीं दिया: चिराग पासवान

केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान भी राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के बयान पर पलटवार करते कहा कि प्रभू आपके पास ही तो थी सत्ता फिर क्यों नहीं करवा सके इतने वर्षों तक जाति जनगणना? कांग्रेस के साथ वर्षों तक साथ मलाई खाते नज़र आए। मगर सामाजिक न्याय की बात करने वाले लालू यादव को मौका मिला भी पर जातीय जनगणना की तरफ ध्यान भी नहीं दिया। चिराग पासवान ने कहा कि मैं राजनीति में 'बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट' की स्ट्रैटिजी के साथ ही आया था और मैं अपना भविष्य केंद्र में नहीं बिहार में देखता हूं।

कर्पूरी फॉर्मूले को खत्म करना चाहते थे लालू

इस नई रणनीति के साथ तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी लालू प्रसाद पर हमलावर रहे। विधानसभा सत्र में लालू यादव पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार मैंने उनके साथ बनाया था। बाद में गड़बड़ करने लगे तो हम अलग हो गए।सीएम ने कहा कि लालू यादव आरक्षण के कर्पूरी फॉर्मूले को खत्म करना चाहते थे। हमने उसी समय विरोध किया और फिर 1994 में अलग हो गए। सीएम ने विधान परिषद में भी लालू यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि महिलाओं के लिए राजद ने कुछ नहीं किया। केवल एक ही काम किया कि खुद गए तो पत्नी को मुख्यमंत्री बना दिए।

एनडीए की विशेष रणनीति है: अश्क

वरिष्ठ पत्रकार ओम प्रकाश अश्क कहते हैं कि यह बदलाव कोई अचानक नहीं हुआ है। यह एक सोची समझी राजनीति की स्ट्रेटजी है। इस स्ट्रेटजी का खुलासा तो उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और मंत्री गिरिराज सिंह के बीच बातचीत का एक वीडियो वायरल से हो गया था। इस वीडियो में यह कहते हुए दिखाया गया था कि अब हमला लालू यादव पर करना है। इसके बाद से लालू विरोध चरम पर पहुंचने लगा है। अब इसे प्रभाव कह लें या लालू यादव के प्रभाव का विस्तार। लेकिन बाजी पलट देने की क़ूबत अभी भी राजद सुप्रीमो में है। इसलिए निशाने पर एनडीए नेताओं ने राजद सुप्रीमो को लिया है तो ठीक ही किया है।

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