लोकतंत्र का प्रथम सस्कार
भारतवर्ष लोकतंत्र के की तैयारी में जुट गया है। का सबसे विशाल तथा सबसे पुरातन लोकतंत्र
लोकतंत्र का प्रथम सस्कार
कर्तव्यनिष्ठ संस्कारों से आपूरित है हमारा देश। ऐसे ही एक दिव्य संस्कार का प्रथम सोपान है आगामी लोकसभा चुनाव, जिसमें दो करोड़ से अधिक युवा पहली बार प्रयोग करेंगे मताधिकार का। यह वक शक्ति है जिसके सामर्थ्य पर भारत को सदैव गर्व रहा है।13वीं लोकसभा के लिए प्रथम मतदान करने को उत्सुक युवाओं को पो. संजीव कुमार शर्मा बता रहे हैं कि लोकतंत्र के इस उत्सव में अपने नवप्रवेश को यादगार बनाने के लिए केवल मतदाता न बनें, इसमें करें सक्रिय भागीदारी और बनाएं अपने सपनों का भारत...
यादगार बना लें यह उत्सव
18-19 वर्ष की आयु स्वप्न देखने और बुनने की होती है। यह कौतूहल, जिज्ञासा, उत्सुकत, उत्कंठा और उहापोह की आयु है। यह भविष्य के प्रतिचिंता और पथ-निर्धारण के लिए खखेोजबीन करने की आयु है। यह नया सीखने और साहस से आगे बढ़ने की आयु है। यह आखो को चारों ओर फैलाने, वाहों में शक्ति भरने और कदमों को यथाशक्ति गति देने की आयु है। यह अपने पुरानो से निर्देश लेने और नए मार्ग चुनना आरंभ करनेकी आयु है। यह अत्यंत संवेदनशील और ऊर्जावान रहने की आयु है। इस आयु वर्ग के मतबला भारतवर्ष के इतिहास और वर्तमान से परिचित है। वे भारत के भकिय के लिए नया सोचते हैं। इसलिए वे लोकतंत्र के इस महा उत्सव में अपने नवप्रवेश को हमेशा के लिए यादगार बनाएं । ये प्रथम बार के मतदात भारत का भक्रिय है और भविष्य निर्माता भी।
भारतवर्ष लोकतंत्र के की तैयारी में जुट गया है। का सबसे विशाल तथा सबसे पुरातन लोकतंत्र पुनः अपने प्रत्यक्ष रूप निर्वाचित होने वाले जन प्रतिनिधियों के की ओर बढ़ रहा है। भारत के प्रत्येक राज्य प्रत्येक केंद्रशासित प्रदेश के नागरिकों में 2024 के अप्रैल-मई माह में संभावित चुनावों को लेकर उत्सुकता है। राजनीतिक दलों ने अपने प्रत्याशियों के चयन की प्रक्रिया तेज कर दी है। निर्वाचन आयोग अपनी व्यवस्थाएं सुनिश्चित कर रहा है। दलों के घोषणापत्र तैयार हो रहे हैं। नए गठबंधन बन रहे हैं। पुरानी दोस्ती नई राजनीतिक दुस्मनी में बदल रही है। पुरानी शत्रुताएं भूलकर नई गलबहियां हो रही हैं। नए-नए वादे किए जा रहे हैं। नई योजनाओं पर विचार चल रहा है। रैलियां शुरू हो गई हैं। नए नारे गढ़े जा रहे हैं। पुराने किस्से खोजे जा रहे हैं। आगामी कई माह तक भारत के लोकतंत्र का यह उत्सव रोचक होता जाएगा।
कुछ नया, कुछ अपरिचित
भारतवर्ष विश्व का विशालतम लोकतंत्र है। विश्व के अनेक राष्ट्रों की उतनी जनसंख्या भी नहीं है जितने भारतवर्ष में मतदाता हैं। इस बार 2024 के लोकसभा चुनाव में लगभग 100 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। आधुनिक विश्व भारत की 18वीं लोकसभा के निर्वाचन में जोवन के 18वें वर्ष में प्रवेश कर चुके और पहली बार से मतदान करने वाले बुवा मतदाताओं की संख्हा चयन लगभग दो करोड़ है। भारत विश्व का सबसे दुवा और देश है। हमारी जनसंख्या में युवाओं का प्रतिशत वर्ष विश्व में सर्वाधिक है। । इसीलिए यह नूतन भारत युवा आकांक्षाओं का अपनी युवा शक्ति और सामर्थ्य पर गर्व करता है और इसी के आत्मविश्वास में सर्वतोमुखी उन्नति के स्वप्न देखता है। आकाश से ऊंची उड़ान और पाताल तक पहुंच की क्षमता तथा साहस से संपन्न भारतवर्ष करा बुवा अपनी कल्पनाओं को पंत्र लगा रहा है और अपने सपनों को साकार करने के लिए विश्वभर का सामना करने को तैयार है। इसीलिए वह नवाचार से स्टार्टअप और यूनीफार्न की दिशा बदल रहा है। वह कौशल विकास को गति दे रहा है और साहसपूर्वक नए प्रयोग कर रहा है। यह विश्वभर की तकनीक और प्रौद्योगिकी को अपना रहा है और कृत्रिम बुद्धिमत्ता और यांत्रिक शिक्षण से अपनी क्षमता का संवर्धन कर रहा है। आज के भारत का यह युवावर्ग संचार क्रांति में योगदान दे रहा है और मोबाइल तकनीक में अग्रणी बन रहा है। ऐसे में बुद्धि, कौशल, तकनीक, प्रौद्योगिकी, कल्पना
महत्वाकांक्षा, प्रावीण्य, दक्षता और साहस से
भरपूर भारत की यह स्वनदर्शी मुक युवा शक्ति पहली बार लोकतंत्र के इस विराट उत्सव में जब भाग लेगी तो उसके लिए कुछ नया होगा और कुछ अपरिचित भी अनिवार्य कर्तव्यपालन का अवसर18वीं लोकसभा में पहली बार मतदान करने वाले जीवन के 18 वें वर्ष में प्रवेश कर चुके युवाओं के लिए यह एक महत्वपूर्ण अवसर है। यह भारत के जीवंत और गतिशील लोकतंत्र में अपनी सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित करने का अवसर है। युवाओं के लिए यह भारतवर्ष की संश्लिष्ट राजनीति को निकटता से देखने, जानने और समझने का अवसर है। पहली बार के मतदाताओं के लिए यह दलों की विचारधाराओं, कार्यक्रमों, योजनाओं तथा नेतृत्व को परखने का भी पहला अवसर है। यह एक उत्तरदायी नागरिक के रूप में अपने अनिवार्य कर्तव्यपालन का भी अवसर है। यह लोकतांत्रिक व्यवस्था में अपने विश्वास और आस्था की अभिव्यक्ति का अवसर है। यह भारतीय संविधान के प्रति अपनी निष्ठा को प्रकट करने और राजनीति में अपनी संभावनाएं खोजने का अवसर है। यह व्यवस्थाओं, शासकों, राजनेताओं, दलों तथा निर्णयों के प्रति अपनी सहमति और असहमति व्यक्त करने का भी अक्सर है। यह अपने सपनों और आकांक्षाओं के साकार होने की दशाएं सुनिश्चित करने का अवसर है।
यह भारतवर्ष को एक वैश्विक लोकतांत्रिक महाशक्ति बनाने के मार्ग में एक संयुक्त श्रमदान है अपने साथ भारत का भविष्य
सजग हैं नए मतदाता
यात्रापथ के कर्णधार ये प्रथम मतदाता भारत के भविष्य के लिए मतदान करेंगे। ये भारत के वैश्विक सम्मान को ध्यान में रखकर अपना मत देंगे। ये भारत की उदयगाथा को शक्ति देने के लिए मतदान करेंगे। वे आर्थिक उन्नति व आधारभूत संरचना को ध्यान में रखेंगे। ये मतदान करते समय आधुनिक प्रौद्योगिकी, बिजली, सड़क, स्वास्थ्य, रेल, विमान परिवहन अंतरिक्ष विज्ञान आदि को ध्यान में रखते हुए अपना जनप्रतिनिधि चुनेंगे। ये सीमाओं की सुरक्षा, आतंकवाद, नक्सलवाद, उग्रवाद की समस्याओं को ध्यान में रखकर अपना जनप्रतिनिधि चुनेंगे। वे एक समर्थ भारत, स्वच्छ भारत, सशक्त भारत, स्वस्थ भारत, ऊर्जस्थित भारत, सक्षम भारत, संपूर्ण वैभवदुक्त भारत बनाने के लिए मतदान करेंगे। भारतवर्ष की युवा शक्ति विश्व में लोकतंत्र को जन्म देने वाले और आधुनिक विश्व के सबसे विशाल लोकतंत्र की सबसे अधिक शक्ति संपन्न प्रतिनिधि सभा का निर्वाचन करने जा रही है। यह भारतवर्ष के भविष्य का वात्रा पथ निर्धारित करने वाले कर्णधारों को चुनने का अवसर है। भारत के पहले मतदाता का पहला बोट देश के नाम होगा। राष्ट्र-प्रथम इस वोट का आधार होगा। भारत इस वोट की पृष्ठभूमि होगा।
उज्ज्वल भविष्य इस वोट
What's Your Reaction?