प्रत्येक वो व्यक्ति
जो आपको प्रेम से हृदय से लगा सके
प्रत्येक वो व्यक्ति
जो अनुभव करवाए आपको कि आप अकेले नहीं हैं जीवन में,
जो आपकी शक्ति बनें जब आप कमजोर पड़ रहे हों,
जो आपके कान बनें जब आप कुछ कहना चाहते हों,
जो देख सकें आपका सुख दुःख बिना आपके बताए,
जिसके साथ आपको स्वयं के खुल जाने का भय न हो,
जिसे आप पाएं आस पास चाहे उसके पास समय न हो,
जो आपको प्रेम से हृदय से लगा सके,
जो आपके प्रत्येक दुःख को भुला सके...
जिसका नाम आपके मन में गूंजे सर्वप्रथम जब भी जरूरत आन पड़े,
जो किसी भी क्षण जीवन के,
सबसे ऊपर आपका सम्मान रखे...
ऐसा प्रत्येक व्यक्ति बंध जाता है, इस वचन,
इस रक्षा के बंधन से,
जबकि आवश्यक नहीं वो सांसारिक संबंधी ही हो,
वो हो सकता है गोविंद के समान, जो हैं परम सखा,
संबंधों से परे, जिसके हाथ में बांध ले कोई द्रौपदी फाड़ कर साड़ी का टुकड़ा,
बदले में वो बन जाए अनंत वस्त्र,
छेड़ दे महाभारत,
ईश्वर होकर भी सारथी बनना चुन ले,
जीत ले जाए प्रत्येक युद्ध,
निभाए रक्षा का बंधन...
वही सच्चा मित्र है...।
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