इतिहास की पुनः वापसी
भारत ने गुरू के रूप में विश्व को एक दिशा देने का कार्य किया ।
इतिहास की पुनः वापसी: भारत का इतिहास संघर्ष पूर्ण रहा है। बलिदानियों की इस पुण्यधरा ने ना जाने कितने संघर्ष झेले। इन संघर्ष के बीच भारत ने गुरू के रूप में विश्व को एक दिशा देने का कार्य भी किया। भारत पर बार-बार विदेशी आक्रांताओं नें युद्ध ही नही, इतिहास को बदलने का भी कार्य किया। देश की आज़ादी के समय देश के कुछ आंतरिक अराजक तत्वों नें भी देश के इतिहास को बदला।
आज के समय में जब हम देश का इतिहास ही नही जान पायेंगे, तो देश के लिये कुछ कर पायेंगे क्या। देश की स्वतंत्रता के लिए महान सपूतों ने हंसते हुए अपने प्राण न्यौछावर कर दिये। कैसे भुला सकते है उनके योगदान को, यह एक विचारणीय विषय है। इन सभी के बीच भारत के इतिहासकारों नें अपना उस समावेशी इतिहास को वापस लाने का बेड़ा उठाया है। और इसमें भारत सरकार भी पूर्णरूप से सहायता देने के लिए तैयार है।
जब अपने समावेशी इतिहास की गाथा देश की जनता सुनेंगी, पढेगी। तब उससे जो देश प्रेम की भावना उत्पन्न होगी। उसी के कारण देश की जनता देश के लिए कुछ कर पायेगी। और तभी भारत पुन: विश्वगुरू की ओर लौटेगा। विश्व का मार्ग प्रशस्त कर सकेगा।
अभिषेक चौहान, गोविंदपुरी दिल्ली
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