गोरखनाथ, गीता वाटिका, विष्णु मंदिर के पास नहीं बन सकेंगी ऊंची इमारतें

विष्णु मंदिर समेत सभी प्रमुख और प्राचीन मंदिरों

Mar 9, 2024 - 22:13
Mar 18, 2024 - 10:20
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गोरखनाथ, गीता वाटिका, विष्णु मंदिर के पास नहीं बन सकेंगी ऊंची इमारतें

गोरखनाथ, गीता वाटिका, विष्णु मंदिर के पास नहीं बन सकेंगी ऊंची इमारतें 

धार्मिक व पुरातात्विक महत्व के स्थलों के आस-पास ऊंचे भवन के निर्माण को नहीं मिलेगी स्वीकृति, जीडीए ने महायोजना 2031 में किया प्रविधान

में भी गोरखनाथ, गीता वाटिका, विष्णु मंदिर समेत सभी प्रमुख और प्राचीन मंदिरों के साथ ही धार्मिक व पुरातात्विक महत्व के स्थलों के आस-पास ऊंची इमारतें नहीं बन सकेंगी। गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) की ओर से इन क्षेत्रों में सामान्य से अधिक ऊंचाई वाली किसी भी आवासीय या व्यावसायिक इमारतों के निर्माण का ले-आउट स्वीकृत नहीं किया जाएगा। जीडीए की नई महायोजना 2031 में इसका भी प्रविधान किया गया है।


धार्मिक व पुरात्विक स्थलों के महत्व व उसकी सुरक्षा को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन स्थलों के आस-पास ऊंची इमारतों के निर्माण पर रोक लगाने का निर्देश दिया था। जीडीए ने सख्ती शुरू भी कर दी थी, अब इसे लेकर महायोजना 2031 में भी प्रविधान कर दिया गया है 

प्राधिकरण के मुताबिक महानगर में प्राचीन और बड़े घर्मिक स्थलों की प्राचीनता एवं एतिहासिकता को बनाए रखने के लिए बहुमंजिला भवन की स्वीकृति, शासन की नीति के अंतर्गत नहीं दिए जाने का निर्णय लिया गया है। वहीं महानगर क्षेत्र के तहत भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अधीन केंद्रीय संरक्षित स्मारक डोमिनगढ़ टीला के संरक्षण भी नई महायोजना में जोर है। प्राचीन स्मारक तथा पुरातत्वीय स्थल अवशेष अधिनियम के अधीन केंद्रीय संरक्षित स्मारक के 100 मीटर तक का क्षेत्र एवं उससे परे 200 मीटर तक का क्षेत्र उत्खनन एवं निर्माण दोनों ही दृष्टि से प्रतिबंधित है और विनियमित क्षेत्र घोषित है।

यहां किसी भी इमारत के नवीनीकरण, मरम्मत के लिए राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण को और से नामित अधिकारी से अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करना जरूरी होगा। इसी तरह इस महायोजना में भी बायु सेना स्टेशन परिक्षेत्र के चारों ओर नी कंस्ट्रक्शन जोन अधिसूचित है, जिसमें किसी प्रकार का निर्माण नहीं हो सकेगा। इसके अलावा कलर कोडेड जोनिंग मैप भी बनाया गया है जिसमें, भवनों की ऊंचाई के अनुसार आवश्यक अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना आवश्यक है। वहीं रामगढ़ताल के आद्रभूमि सीमा परिक्षेत्र में में सख्ती बरकरार रहेगी। 

प्राधिकरण के पोर्टल पर अपलोड हुआ महायोजना का मानचित्र गोरखपुर: गोरखपुर महायोजना 2031  का मानचित्र शुक्रवार की रात प्राधिकरण की वेबसाइट www.gdagkp.in पर अपलोड कर दिया गया। प्राधिकरण उपाध्यक्ष आनंद वर्द्धन ने कहा कि तकनीकी दिक्कतों से विलंब हुआ। फिलहाल पोर्टल पर शासन और जीडीए बोर्ड की मंजूरी से प्रकाशित गोरखपुर महायोजना 2031 अपलोड हो गई है। वेबसाइट पर हापट महायोजना पहले ही अपलोड है। इसके अलावा महायोजना गोरखपुर 2021 भी पोर्टल पर अपलोड है। 

नई महायोजना में 333 हेक्टेयर बढ़ा औद्योगिक क्षेत्र जारी, गोरखपुर : बदलते गोरखपुर में तेजी से बढ़ रही उद्योग की संभावनाओं का जीडीए ने भी अपनी नई महायोजना 2031 में विशेष ध्यान रखा है। यही दजह है कि इस बार की महायोजना में कालेसर जीरो प्वाइंट से जंगल कौड़िया की ओर जाने वाले मार्ग के किनारे 300 हेक्टेयर से अधिक की भूमि औद्योगिक क्षेत्र के लिए आरक्षित की गई है। पिछली महायोजना में प्राधिकरण क्षेत्र के भीतर 466.39 हेक्टेयर का क्षेत्र औद्योगिक था। नई महायोजना 2031 में बढ़ाकर 799,84 हेक्टेयर कर दिया गया है जी कुल भूमि का 3.93 प्रतिशत है।

जीडीए प्रशासन के मुतापिक कालेसर जीरो प्वाइंट से जगल कौडिया की ओर का बेल्ट ही औद्योगिक गतिविधियों के लिए सुरक्षित करने का उद्देश्य भविष्य में गीड़ा का विस्तार है। यह पूरा क्षेत्र गीड़ा से सटा होने की वजह से प्राधिकरण, आसानी से उस दिशा में विस्तार कर सकेगा। भूमि अधिग्रहण या उद्योगों की स्थापना में कोई परेशानी नहीं होगी। पहले से जगह सुरक्षित हो जाने से वहा किसी और तरह का निर्माण नहीं हो सकेगा।

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