Lucknow: पेपर लीक में होगा आजीवन कारावास

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को लोकभवन में आयोजित कैबिनेट बैठक में सार्वजनिक परीक्षाओं में नकल करने और पेपर लीक की रोकथाम के लिए अध्यादेश को मंजूरी दी गई है।

Jun 26, 2024 - 09:26
Jun 26, 2024 - 10:33
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Lucknow: पेपर लीक में होगा आजीवन कारावास

उत्तर प्रदेश में परीक्षाओं को पारदर्शी और शुचितापूर्ण तरीके से कराने के लिए योगी सरकार ने एक कड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को लोकभवन में आयोजित कैबिनेट बैठक में सार्वजनिक परीक्षाओं में नकल करने और पेपर लीक की रोकथाम के लिए अध्यादेश को मंजूरी दी गई है।

इन बोर्डों की परीक्षाओं में प्रभावी होगा अध्यादेश

कैबिनेट की बैठक के बाद वित्त एवं संसदीय मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि अध्यादेश लोकसेवा आयोग, उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड, यूपी बोर्ड, विश्वविद्यालय, प्राधिकरण या निकाय या उनके द्वारा नामित संस्था द्वारा संचालित परीक्षाओं में नकल करने, कराने या पेपर लीक करने पर लागू होगा। यह भर्ती परीक्षाओ, नियमितीकरण या पदोन्नति वाली, डिग्री-डिप्लोमा, प्रमाण पत्रों के लिए होने वाली परीक्षाओं पर भी लागू होगा।

इस अध्यादेश के तहत नकल करने या कराने और पेपरलीक करने वालों के खिलाफ सजा के कड़े प्रावधान सम्मिलित किए गए हैं। ऐसे व्यक्ति जो नकल करने या कराने में शामिल होंगे, उन्हें दो साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा देने का प्रावधान किया गया है। साथ ही एक करोड़ रुपये तक के जुर्माने को शामिल किया गया है। परीक्षा में होने वाले खर्च की भरपाई साल्वर गैंग से वसूली जाएगी। संपत्तियां भी कुर्क की जाएंगी। उत्तर प्रदेश वर्ष 1992 के बाद कोई कड़ा नकल विरोधी अध्यादेश लागू किया जा रहा है। ।

वर्ष 1992 में तत्कालीन कल्याण सिंह सरकार ने हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए नकल विरोधी कानून लागू किया था। उस वक्त के शिक्षा मंत्री राजनाथ सिह थे। बाद में वर्ष 1993 में मुलायम सिंह सरकार बनने पर इस अध्यादेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी गई थी। बाद में कल्याण सिंह सरकार ने 1998 में परीक्षाओं में अनुचित साधनों की रोकथाम के लिए कानून बनाया, जिसमें अधिकतम एक साल की सजा और पांच हजार रुपये जुमनिः का प्रावधान किया गया है।

महिलाओं और मादक पदार्थ तस्करी से जुड़े अपराधों में नहीं मिलेगी अग्रिम जमानत

प्रदेश सरकार केंद्र के भारतीय नागरिक संहिता अधिनियम-2023 के लागू होने के बाद अधिनियम की नई धारा-482 द्वारा प्रतिस्थापित करने के लिए नया अध्यादेश लाएगी। इसके तहत हत्या, यौन उत्पीड़न, दुराचार और मादक पदार्थों की तस्करी के मामले में अग्रिम जमानत नहीं मिलेगी। अब विधिविरुद्ध क्रिया कलाप निवारण अधिनियम-1967, उप्र गिरोहबंद और समाज विरोधी क्रियाकलाप निवारण अधिनियम-1986 और उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म समपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम के तहत अपराधों में अग्रिम जमानत नहीं दी जाएगी।

विशेष कानूनों में बदलाव: केंद्र द्वारा बनाए गए भारतीय न्याय संहिता- 2023, भारतीय नागरिक संहिता- 2023 के प्रावधानों के मद्देनजर राज्य सरकार छह कानूनों में बदलाव करेगी।

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Abhishek Chauhan भारतीय न्यूज़ का सदस्य हूँ। एक युवा होने के नाते देश व समाज के लिए कुछ कर गुजरने का लक्ष्य लिए पत्रकारिता में उतरा हूं। आशा है की आप सभी मुझे आशीर्वाद प्रदान करेंगे। जिससे मैं देश में समाज के लिए कुछ कर सकूं। सादर प्रणाम।