Canada Police खालिस्तानियों की, खालिस्तानियों के साथ! सार्जेंट हरिंदर खालिस्तानी प्रदर्शन में शामिल होने पर ‘बर्खास्त’
भारत के प्रधानमंत्री मोदी ने कनाडा में मंदिर पर हमले की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए एक्स पर लिखा, ‘मैं कनाडा में हिंदू मंदिर पर पूर्वनियोजित हमले की निंदा करता हूं। हमारे राजनयिकों को डराने-धमकाने के प्रयास भी उतने ही भय पैदा करने वाले हैं। इस तरह के हिंसा की हरकतें भारत के संकल्प […]
भारत के प्रधानमंत्री मोदी ने कनाडा में मंदिर पर हमले की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए एक्स पर लिखा, ‘मैं कनाडा में हिंदू मंदिर पर पूर्वनियोजित हमले की निंदा करता हूं। हमारे राजनयिकों को डराने-धमकाने के प्रयास भी उतने ही भय पैदा करने वाले हैं। इस तरह के हिंसा की हरकतें भारत के संकल्प को कमजोर नहीं कर पाएंगी।’ मोदी ने मांग की है कि कनाडा सरकार इस पर कार्रवाई करके न्याय सुनिश्चित करे और कानून-व्यवस्था कायम करे।
कनाडा की पुलिस ने त्रूदो सरकार के कथित निर्देश पर ब्रैम्टन में मंदिर पर हमले के बाद जिस प्रकार खालिस्तानियों का बचाव किया और उलटे हिन्दुओं को ही पीटा, उससे कनाडा की दुनिया भर में भर्त्सना हो रही है। त्रूदो की पुलिस का खालिस्तानी चेहरा तब और खुलकर सामने आया जब पुलिस का एक सार्जेंट खुद खालिस्तान का झंडा लेकर उपद्रवियों के साथ शामिल दिखाई दिया। उस सार्जेंट की वीडियो ऐसी वायरल हुई कि शर्म से गढ़ी त्रूदो सरकार ने आखिरकार उसे ‘बर्खास्त’ कर दिया।
बर्खास्त हुआ सार्जेंट है हरिंदर सोही, जो पूरी बेशर्मी से कैमरे के सामने खालिस्तानी झंडा लहराता दिखाई दिया। पीछे खालिस्तानी तत्व भारत विरोधी नारे लगाते दिख रहे थे। कनाडा पुलिस के अधिकारियों ने जिस निर्ममता से हिंदू श्रद्धालुओं को पीटा और एक लड़के का गला लगभग दबोच दिया, उसने त्रूदो सरकार की अमानवीयता सतह पर ला दी है। कनाडा के मंत्री से लेकर हिन्दुओं, भारतभक्त सिखों और दुनिया के अनेक देशों के सभ्य वर्गों से इस घटना की तीखी निंदा की जा रही है।
खालिस्तानियों के उस प्रदर्शन में सार्जेंट हरिंदर का शामिल होना साबित कर गया कि त्रूदो सरकार खुद ही नहीं, बल्कि वहां का प्रशासन भी खालिस्तानियों की कठपुतली बन चुका है। मंदिर पर हमले की उस घटना ने कनाडा में बिगड़ती जा रहीं परिस्थितियों का खुलासा कर दिया है।
सीबीसी न्यूज की खबर बताती है कि ब्रैम्पटन के हिंदू मंदिर के सामने खालिस्तानी तत्व प्रदर्शन कर रहे थे जिसमें कनाडा का एक पुलिसकर्मी भी खालिस्तानी झंडा उठाए दिखाई दिया। उसे निलंबित कर दिया गया है।
कनाडा के ही वरिष्ठ पत्रकार डेनियल बोर्डमैन ने एक वीडियो साझा करके हिंदू समुदाय पर खालिस्तानियों के हमले, मंदिर में तोड़फोड़ को दुनिया के सामने रखा है। अपने एक्स हैंडल पर बोर्डमैन लिखते हैं, ‘रॉयल कनैडियन माउंटेड पुलिस ने सरे बीसी में मंदिर परिसर में हिंदू श्रद्धालुओं पर हमला बोलना शुरू कर दिया।’ वीडियो में पुलिस अधिकारी हिंदुओं को डंडे और घूंसे मारते दिख रहे हैं।
ब्रैम्पटन का हिंदू सभा मंदिर स्थानीय हिन्दुओं में काफी प्रसिद्ध है। वहां दर्शन पूजन के लिए हिन्दू भक्त आते रहते हैं। खालिस्तानी गुर्गे गुरपतवंत पन्नू ने एक वीडियो में मंदिरों पर हमले करने की अपील की थी। उसके उस वीडियो से ये संकेत भी मिले कि त्रूदो सरकार इस हमले के बारे में पहले से जानती थी। अगर ऐसा था तो साफ है कि प्रधानमंत्री त्रूदो ने जानबूझकर आंखें मूंदी हुई थीं और पुलिस को हिन्दुओं को ही ‘सबक’ सिखाने के आदेश जारी किये थे।
इस हमले के बाद स्थानीय हिंदू संगठन ही नहीं, अमेरिका तक में रोष व्याप्त है। हिंदू संगठनों ने कहा है कि राजनेताओं को अब उनके राजनीतिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए मंदिर परिसरों का इस्तेमाल करने की छूट नहीं दी जाएगी। और यह रोक कनाडा में बढ़ रहे खालिस्तानी उग्रपंथ पर प्रभावी लगाम लगने तक जारी रहेगी। कनाडा की नेशनल हिंदू काउंसिल तथा हिंदू फेडरेशन ने मंदिर प्रबंधकों तथा हिंदू समर्थक समूहों की सहमति से ही यह आह्वान किया है।
हिन्दू काउंसिल ने खालिस्तानी तत्वों के बढ़ते हौसलों के बीच कनाडा के हिंदू समुदाय की सुरक्षा के प्रति गंभीर चिंता व्यक्त की है। काउंसिल ने बयान जारी करके कहा है कि प्रदर्शनकारी मंदिर के गेट पर इकट्ठे होने के बाद जबरन मंदिर में घुस गए और वहां श्रद्धालुओं अन्य पर हमला बोल दिया।
इधर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कनाडा में मंदिर पर हमले की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए एक्स पर लिखा, ‘मैं कनाडा में हिंदू मंदिर पर पूर्वनियोजित हमले की निंदा करता हूं। हमारे राजनयिकों को डराने-धमकाने के प्रयास भी उतने ही भय पैदा करने वाले हैं। इस तरह के हिंसा की हरकतें भारत के संकल्प को कमजोर नहीं कर पाएंगी।’ मोदी ने मांग की है कि कनाडा सरकार इस पर कार्रवाई करके न्याय सुनिश्चित करे और कानून-व्यवस्था कायम करे।
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