चंद्रमा के दो पक्ष दिखते हैं एक दूसरे से काफी भिन्न

चंद्रमा के दो पक्ष दिखते हैं एक दूसरे से काफी भिन्न, अध्ययन नासा के ग्रेल मिशन ने अंतरिक्ष यान से मिला गुरुत्वाकर्षण डाटा, निकटवर्ती पक्ष ज्वालामुखी गतिविधिओं से पैदा हुआ, The two sides of the moon look quite different from each other

May 16, 2025 - 06:14
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चंद्रमा के दो पक्ष दिखते हैं एक दूसरे से काफी भिन्न
चंद्रमा के दो पक्ष दिखते हैं एक दूसरे से काफी भिन्न

चंद्रमा के दो पक्ष दिखते हैं एक दूसरे से काफी भिन्न चांद का निकटवर्ती पक्ष समतल से ढका हुआ है, दूरवर्ती पक्ष अधिक ऊबड़-खाबड़ है

अध्ययन नासा के ग्रेल मिशन ने अंतरिक्ष यान से मिला गुरुत्वाकर्षण डाटा, निकटवर्ती पक्ष ज्वालामुखी गतिविधिओं से पैदा हुआ

 वाशिंगटन, रायटर: चांद के दो पक्ष अलग-अलग दिखने का मुख्य कारण चंद्रमा का अपने अक्ष पर एक बार में पृथ्वी का एक ही तरफ घूमना है। यह प्रक्रिया चंद्रमा के गुरुत्वाकर्षण से भी जुड़ी हुई है। नासा के दो रोबोटिक अंतरिक्ष यानों द्वारा प्राप्त डाटा के माध्यम से चांद के गुरुत्वाकर्षण का अध्ययन यह संकेत दे रहा है कि चांद के दो पक्ष जिसमें एक जो हमेशा पृथ्वी की ओर है, दूसरा जो हमेशा इसके विपरीत है, इतने भिन्न क्यों दिखते हैं।


यूएस स्पेस एजेंसी के ग्रेल (गुरुत्वाकर्षण पुनर्प्राप्ति और आंतरिक प्रयोगशाला) मिशन से प्राप्त डाटा यह दर्शाता है कि चांद का गहरा आंतरिक भाग असममित संरचना का है, जो कि अरबों साल पहले निकटवर्ती पक्ष पर तीव्र ज्वालामुखी गतिविधियों के कारण पैदा हुआ, जिसने इसकी सतह की विशेषताओं को आकार दिया। शोधकर्ताओं ने पाया कि पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण प्रभाव के कारण चांद का निकटवर्ती पक्ष पृथ्वी के चारों ओर अंडाकार कक्षा में दूरवर्ती पक्ष की तुलना में थोड़ी अधिक लचीला होता है। इसे ज्वारीय विकृति कहा जाता है।

ठंडे और ठोस हुए पिघले हुए पत्थर से बना है निकट का पक्ष कैलिफोर्निया के नासा के जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी में सौर प्रणाली गतिशीलता समूह के पर्यवेक्षक और इस अध्ययन के प्रमुख लेखक रयान पार्क ने कहा कि हमारा अध्ययन दर्शाता है कि चांद का आंतरिक भाग समान नहीं है। पृथ्वी की और का पक्ष निकटवर्ती पक्ष, गहरे में दूरवर्ती पक्ष की तुलना में अधिक गर्म और भूवैज्ञानिक रूप से सक्रिय है। चांद का निकटवर्ती पक्ष विशाल समतल से ढका हुआ है। इसे मैरे कहा जाता है। यह अरबों साल पहले ठंडे और ठोस हुए पिघले हुए पत्थर से बना है। इसके विपरीत दूरवर्ती पक्ष में अधिक पहाड़ी भूभाग है, जिसमें कुछ समतल हैं। कुछ विज्ञानियों ने अनुमान लगाया है कि निकटवर्ती पक्ष में तीव्र ज्वालामुखी गतिविधियों के कारण रेडियोधर्मी और गर्मी उत्पन्न करने वाले तत्वों का संचय हुआ। शोधकर्ताओं ने अनुमान लगाया है हुआ कि निकटवर्ती मेंटल औसतन दूरवर्ती पक्ष की तुलना में लगभग 180-360 डिग्री फारेनहाइट (100-200 डिग्री सेल्सियस) अधिक गर्म है। ताप की यह भिन्नता संभवतः निकटवर्ती पक्ष पर थोरियम और टाइटेनियम के तत्वों के रेडियोधर्मी विघटन द्वारा बनाए रखी जाती है।


पार्क ने कहा कि चांद का निकटवर्ती और दूरवर्ती पक्ष भिन्न दिखते हैं, जैसा कि भूआकृति, क्रस्ट की मोटाई और आंतरिक गर्मी उत्पन्न करने वाले तत्वों की मात्रा में भिन्नताओं से स्पष्ट है। चांद का व्यास लगभग 3,475 किमी है, जो पृथ्वी के व्यास का एक चौथाई से थोड़ा अधिक है। चांद का मेंटल वह परत है जो क्रस्ट के नीचे और कोर के ऊपर स्थित है, जिसकी गहराई सतह के नीचे लगभग 35-1,400 किमी है। 

कई प्रश्न अब भी अनुत्तरित: शोधकर्ताओं ने कहा कि यहां गुरुत्वाकर्षण डाटा का उपयोग करके चांद के आंतरिक भाग का आकलन करने की यही विधि सौर प्रणाली के अन्य निकायों जैसे कि शनि के चांद एनसेलाडस और बृहस्पति के चांद गैनीमेड पर भी लागू की जा सकती है, जो पृथ्वी के बाहर संभावित जीवन की खोज में रुचि के दो विश्व है। पार्क ने कहा कि चांद पृथ्वी की घूर्णन को स्थिर करने और महासागरीय ज्वार पैदा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जो प्राकृतिक प्रणालियों और दैनिक लय को प्रभावित करता है। मानव और रोबोटिक मिशनों के माध्यम से चांद के बारे में हमारी जानकारी बढ़ी है, जिसने इसकी सतह और आंतरिक भाग के बारे में विवरण सामने रखे हैं। फिर भी इसकी गहरी संरचना और इतिहास के बारे में कई प्रश्न अनुत्तरित है। 

नासा के लूनर रिकानिसेंस आर्विटर से मिला चंद्रमा की संयुक्त फोटो, जिसमें वाई ओर चंद्रमा का निकटवर्ती भाग तथा दाई ओर दूर वाला भाग दिखाई दे रहा है।

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