आइवीएफ से पहले ओरल स्वैब टेस्ट से सफलता की संभावना

आइवीएफ से पहले ओरल स्वैब टेस्ट से सफलता की संभावना, Chances of success with oral swab test before IVF.

आइवीएफ से पहले ओरल स्वैब टेस्ट से सफलता की संभावना

आइवीएफ से पहले ओरल स्वैब टेस्ट से सफलता की संभावना 

स्वीडिश शोधकर्ताओं ने ओरल स्वाव टेस्ट विकसित किया, जिससे वढ सकती है आईवीएफ की सफलता दर स्वीडन में आइवीएफ कराने वाली 1,466 महिलाओं को अध्ययन में शामिल किया, इसमें 475 को दो अलग-अलग हार्मोन उपचारों के लिए रैंडम टेस्ट किया गया 

आजकल खराब खान-पान और दूषित जीवनशैली के चलते लोगों में बांझपन की समस्या बढ़ रही है। इसके चलते लोगों को बच्चे नहीं होने की समस्या हो रही है। हालांकि, बांझपन के पीछे अन्य भी कई कारण भी जिम्मेदार हैं। प्राकृतिक तरीके से गर्भाधान नहीं कर पाने के बाद दंपत्ति आइवीएफ का सहारा लेते हैं। स्वीडिश शोधकर्ताओं ने एक सिंपल ओरल स्वैब टेस्ट विकसित किया है, जो इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आइवीएफ) प्रक्रिया की सफलता दर को बढ़ाने में मदद कर सकता है।


आइवीएफ उपचार में महिला के अंडाशय को कई अंडों को परिपक्व करने के लिए उत्तेजित करना शामिल है, जिन्हें फिर प्रयोगशाला में शुक्राणु के साथ निषेचित किया जाता है और गर्भाशय में वापस रखा जाता है। अंडों की परिपक्वता के लिए दो प्रकार के हार्मोन उपचार उपलब्ध हैंः जैविक या सिंथेटिक। गंभीर दुष्प्रभावों के जोखिम के अलावा ये उपचार कभी-कभी महिलाओं को गहन देखभाल में जाने की आवश्यकता होती है। आइवीएफ के कई प्रयास फेल हो जाते हैं। यह चुनना कि कौन सा उपचार महिला के लिए सबसे अच्छा है, एक बड़ी चुनौती बन गया है। जहां जीन की मैपिंग महंगा और समय लेने वाला होता है, वहीं नया सिंपल ओरल टेस्ट एक घंटे के भीतर दिखाता है कि कौन सा हार्मोन उपचार सबसे उपयुक्त है।
2026 में आम लोगों के लिए उपलब्ध होगा लुंड विश्वविद्यालय की प्रोफेसर इवोन लुंडबर्ग गिवेरकमन ने कहा कि हमारी आशा है कि इससे महिलाओं के लिए पीड़ा का खतरा कम होगा।
सफल उपचारों की संख्या बढ़ेगी और करदाताओं के लिए लागत कम होगी। हमारा लक्ष्य है कि यह परीक्षण आम लोगों को 2026 की शुरुआत तक उपलब्ध हो। स्वीडन में आइवीएफ उपचार से गुजर रही कुल 1,466 महिलाओं को अध्ययन में शामिल किया गया, और 475 को दो अलग-अलग हार्मोन उपचारों के लिए रैंडम रूप से चुना गया, जबकि बाकी नियंत्रण समूह में थीं। 

कैसे किया गया शोध : जीन अनुक्रमण का उपयोग करते हुए टीम ने जीन फालिकल-स्टिमुलेटिंग हार्मोन (एफएसएच) की क्रिया की मैपिंग की, जो अंडों की परिपक्वता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए जाना जाता है। अध्ययन में पाया गया कि महिलाओं ने एफएसएच रिसेप्टर (एफएसएचआर) के एक विशेष प्रकार के जीन के साथ न के साथ जैविक हार्मोन इलाज के लिए सबसे अच्छी प्रतिक्रिया दी, जबकि अन्य ने सिंथेटिक प्रकार के हार्मोन से लाभ हासिल किया। आनुवंशिक प्रोफाइल को डिकोड करने के लिए टीम ने सिंपल ओरल स्वैब टेस्ट का सहारा लिया, जो प्रभावी साबित हुआ।


एक घंटे के भीतर इसने परिणाम उत्पन्न किए जिन्हें नग्न आंखों से गुलाबी या पीले रंग के रूप में देखा जा सकता है। महिला की आनुवंशिक प्रोफाइल को पहले से जानकर हम सफल गर्भधारण की संख्या बढ़ा सकते हैं। गिवेरकमन ने कहा, यह अध्ययन जर्नल फ्रंटियर्स इन एंडोक्रिनोलाजी में प्रकाशित हुआ, जिसपर लोगों की नजर है।