सीजेआइ के घर गणपति पूजा में मोदी के शामिल होने पर विपक्ष ने उठाए सवाल

हाल ही में, चीफ जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ ने अपने आवास पर गणेश चतुर्थी के मौके पर एक पूजा का आयोजन किया था, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हुए थे। पूजा की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद विपक्ष ने आलोचना शुरू कर दी।

Sep 13, 2024 - 19:33
Sep 13, 2024 - 19:34
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सीजेआइ के घर गणपति पूजा में मोदी के शामिल होने पर विपक्ष ने उठाए सवाल

सीजेआइ के घर गणपति पूजा में मोदी के शामिल होने पर विपक्ष ने उठाए सवाल  

पात्रा ने पूछा, क्या मनमोहन की इफ्तार पार्टी में तत्कालीन सीजेआइ शामिल नहीं हुए थे शिवसेना (उद्धव गुट) के नेता संजय राउत और राजद के मनोज झा ने उठाए सवाल सिब्बल ने कहा, सर्वोच्च पद पर बैठे लोगों को निजी आयोजनों का प्रचार नहीं करना चाहिए

भाजपा ने विपक्षी दलों की प्रतिक्रिया को खतरनाक मिसाल बताया  प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के आवास पर गणपति पूजा समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शामिल होने को लेकर उठे विवाद के बीच भाजपा ने विपक्षी दलों पर निशाना साधा और उनकी प्रतिक्रियाओं को 'लापरवाही भरा' बताया। कहा कि शीर्ष अदालत पर 'निराधार आरोप' लगाना एक खतरनाक मिसाल कायम करता है। पीएम मोदी ने बुधवार को सीजेआइ के आवास पर गणपति पूजा में भाग लिया था। इस समारोह से संबंधित एक वीडियो में जस्टिस चंद्रचूड़ और उनकी पत्नी कल्पना दास अपने घर पर मोदी का स्वागत करते हुए दिखाई दे रहे हैं।

सीजेआइ के आवास पर गणपति पूजा में मोदी के शामिल होने पर विपक्ष के कई नेताओं ने सवाल उठाए हैं भाजपा मुख्यालय में पत्रकारों से बात करते हुए पार्टी प्रवक्ता संबित पात्रा ने विपक्ष पर पलटवार करते हुए पूछा कि क्या पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा आयोजित इफ्तार पार्टी में तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश शामिल नहीं हुए थे? मुझे आश्चर्य है कि अगर प्रधानमंत्री देश के प्रधान न्यायाधीश से मिलते हैं तो विपक्षी नेता आपत्ति करते हैं। लेकिन जब वह (राहुल गांधी) अमेरिका में भारत विरोधी सांसद इल्हान उमर से मिलते हैं, तो किसी को कोई आपत्ति नहीं होती है।

वहीं, राज्यसभा सदस्य और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष कपिल सिब्बल ने कहा कि सर्वोच्च पद पर बैठे लोगों को निजी आयोजनों का प्रचार नहीं करना चाहिए। किसी को भी ऐसी स्थिति में नहीं पड़ना चाहिए, जहां लोग किसी संस्थान के बारे में गपशप करें। राजद सांसद मनोज झा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा सीजेआइ के आवास पर गणपति पूजा में भाग लेने से एक ऐसा संदेश जाता है, जो किसी को भी असहज करता है। हर संस्था की स्वतंत्रता केवल सैद्धांतिक नहीं होनी चाहिए, यह दिखाई देनी चाहिए। 

बुधवार को नई दिल्ली में सीजेआइ डीवाई चंद्रचूड़ के आवास पर गणपति पूजन में पीएम नरेन्द्र मोदी भी शामिल हुए एवं गणपति बप्पा की आरती की। गोयल बोले, विपक्ष का संकीर्ण सोच तुष्टीकरण की राजनीति से ग्रस्त  

सीजेआई (Chief Justice of India) डी. वाई. चंद्रचूड़ के आवास पर गणपति पूजा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी को लेकर विपक्षी दलों ने सवाल खड़े किए हैं। विपक्ष का कहना है कि यह घटना न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर सवाल उठाती है, क्योंकि एक संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति और देश के प्रधानमंत्री के साथ इस तरह की धार्मिक और व्यक्तिगत भागीदारी न्यायिक निष्पक्षता को प्रभावित कर सकती है।

पूरा मामला:

हाल ही में, चीफ जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ ने अपने आवास पर गणेश चतुर्थी के मौके पर एक पूजा का आयोजन किया था, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हुए थे। पूजा की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद विपक्ष ने आलोचना शुरू कर दी। प्रमुख विपक्षी दलों का कहना है कि एक संवैधानिक प्रमुख और न्यायपालिका के सर्वोच्च न्यायाधीश के घर प्रधानमंत्री की उपस्थिति न्यायिक स्वतंत्रता को खतरे में डाल सकती है।

विपक्ष की प्रतिक्रिया:

  • विपक्षी नेताओं का मानना है कि न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच स्पष्ट अंतर होना चाहिए, और ऐसी घटनाओं से न्यायपालिका की निष्पक्षता पर संदेह हो सकता है।
  • कुछ नेताओं ने इसे न्यायिक नैतिकता के खिलाफ भी बताया, क्योंकि यह घटना न्यायपालिका और सरकार के बीच 'मित्रवत' संबंधों का संकेत दे सकती है।

सरकार की प्रतिक्रिया:

सरकार और बीजेपी समर्थकों का कहना है कि यह एक धार्मिक अवसर था और इसमें प्रधानमंत्री का शामिल होना किसी प्रकार के हस्तक्षेप या अनैतिकता का संकेत नहीं देता। उन्होंने इसे भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक विविधता का प्रतीक बताया, जहां सभी लोग बिना किसी भेदभाव के त्योहार मनाते हैं।

इस घटना को लेकर राजनीतिक और कानूनी बहस छिड़ गई है, जिसमें न्यायपालिका की स्वतंत्रता और निष्पक्षता के मुद्दों को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। 

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