जन धन और बेसिक बचत खातों में बैलेंस रखने की आवश्यकता नहीं है।

सरकार बोली वित्त मंत्री ने प्रश्नकाल के दौरान एक सवाल के जवाब में दी जानकारी, पिछले महीने सरकारी बैंकों ने 2,331 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूला

Aug 7, 2024 - 20:20
Aug 7, 2024 - 20:45
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जन धन और बेसिक बचत खातों में  बैलेंस रखने की आवश्यकता नहीं है।

जन धन और बेसिक बचत खातों में   बैलेंस रखने की  आवश्यकता नहीं है। 

जन धन, बेसिक बचत खातों में न्यूनतम बैलेंस रखने की जरूरत नहीं

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को राज्यसभा में कहा, जन धन और बेसिक बचत खातों में न्यूनतम बैलेंस रखने की कोई आवश्यकता नहीं है। बैंक केवल उन्हीं मामलों में जुर्माना लगाते हैं, जहां ग्राहक अपने खाते में अपेक्षित राशि बनाए रखने में असफल रहते हैं प्रश्नकाल के दौरान सार्वजनिक बैंकों की ओर बीते पांच वर्षों में खातों में न्यूनतम बैलेंस न रखने पर ग्राहकों से 8,500 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूलने के बारे में पूछे जाने पर वित्त मंत्री ने यह जवाब दिया। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोस में बताया कि खातों में औसत मासिक न्यूनतम बैलेंस नहीं बनाए रखने पर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने पिछले माह 2,331 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूला है। एक अन्य सवाल के जवाब में चौधरी ने बताया कि प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई) के तहत खोले गए खातों में जमा राशि 2.30 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गई है और अब तक योजना के तहत 52.81 करोड़ खाते खोले जा चुके हैं। 

इसमें से 55.6 प्रतिशत खाते महिलाओं के हैं। बैंकिंग सुविधा से वंचित प्रत्येक परिवार को बैंकिंग सेवाएं प्रदान करने के उद्देश्य से सरकार ने अगस्त 2014 में पीएमजेडीवाई के नाम से राष्ट्रीय वित्तीय समावेशन मिशन की शुरुआत की थी। योजना के तहत 35.15 करोड़ या 66.6 प्रतिशत खाते ग्रामीण या अर्द्ध-शहरी क्षेत्रों में खोले गए हैं।


बैंकों ने पांच वर्षों में 9.90 लाख करोड़ का कर्ज राइट आफ किया वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने रास में बताया कि बैंकों की और से बीते पांच वित्त वर्षों के दौरान 9.90 लाख करोड़ रुपये का कर्ज राइट आफ किया गया 

है। 2023-24 के दौरान 1.70 लाख करोड़ रुपये का कर्ज राइट आफ किया गया है जो 2022-23 के 2.08 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा है। आरबीआइ के दिशा-निर्देशों और बैंक के बोर्ड की ओर से अनुमोदित नीति के अनुसार, एनपीए के चार वर्ष पूरे होने पर उसको बैंक की बैलेंस शीट से राइट आफ के जरिये हटा दिया जाता है। ऐसे राइट आफ से कर्ज लेने वाले को देनदारी से छूट नहीं मिलती है और न ही उसे कोई लाभ होता है।


चीन से 18.65 लाख टन यूरिया का आयात : रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने राज्यसभा में बताया कि वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान भारत ने चीन से 18.65 लाख टन यूरिया व 22.58 लाख टन फास्फेटिक व पोटेसिक का आयात किया है। धोखाधड़ी के मामलों में 140 करोड़ का मुआवजा दिया वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा में बताया कि 2023-24 के दौरान धोखाधड़ी के मामलों में सरकारी बैंकों ने ग्राहकों को 140 करोड़ रुपये का मुआवजा
दिया है, जो 2022-23 के 42.70 करोड़ रुपये के 12.27 करोड़ डालर के गैर-बासमती सफेद चावल का निर्यात वाणिज्य एवं उद्योग राज्यमंत्री जितिन प्रसाद ने लोकसभा में बताया कि इस वर्ष अप्रैल-मई के दौरान 12.27 करोड़ डालर के गैर-बासमती सफेद चावल का निर्यात किया गया है।

20 जुलाई 2023 से गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध है। हालांकि, सरकार की मंजूरी से निर्यात किया जा रहा है। वहीं, प्रसाद ने बताया कि निर्यातकों को जोड़ने के लिए सरकार ट्रेड कनेक्ट ई-प्लेटफार्म बना रही है। पिछले वर्ष 51.83 रुपये प्रति लीटर रहा टॉड दूध का मूल्य मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह ने लोस में बताया कि 2023-24 के दौरान देश में टॉड दूध का औसत मूल्य 51.83 रुपये प्रति लीटर रहा है जो 2018-19 में 39 रुपये प्रति लीटर था। पशुपालन एवं डेयरी विभाग देश में दूध और दूध उत्पादों की खरीद और बिक्री कीमतों को विनियमित नहीं करता है और ना ही कोई सब्सिडी देता है।

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