MERRUT: जाटव समुदाय के बारात को रोकने की साजिश
शादी समारोह में पत्थरों की बारिश से हालात डेंजरस हो गए। घरों की छतों पर पड़े पत्थर हिंसा की गवाही दे रहे हैं। लेकिन आखिर 14 जुलाई की रात ऐसा क्या हुआ? जिससे मेरठ के रसूलपुर में मुस्लिम और जाटव समाज आमने -सामने आ गए। आखिर विवाद की शुरुआत कहां से हुई?
घरों की छतों से..सड़कों से ...मकानों से.. हर तरफ से साजिश के पत्थर बरसाए जा रहे थे। ऐसा मैं नहां, मेरठ के रसूलपुर गांव की घटना बता रही है। जहां पर जाटव समुदाय के बारात को रोकने की साजिश रची गई।
मेरठ के इसी घर में 14 जुलाई की रात शादी का जश्न मनाया जा रहा था। लोग खुशी से नाच- गा रहे थे। जश्न में पूरा परिवार डूबा था। लेकिन 15 जुलाई की सुबह जब बारात जाने का वक्त हुआ। उसी वक्त पत्थरबाजी की लाइव तस्वीरें सामने आने लगीं। घरों की छतों से ताबड़तोड़ पत्थर चलने लगे। गांव की सड़क ईंट -पत्थर से पट गई।
शादी समारोह में पत्थरों की बारिश से हालात डेंजरस हो गए। घरों की छतों पर पड़े पत्थर हिंसा की गवाही दे रहे हैं। लेकिन आखिर 14 जुलाई की रात ऐसा क्या हुआ? जिससे मेरठ के रसूलपुर में मुस्लिम और जाटव समाज आमने -सामने आ गए। आखिर विवाद की शुरुआत कहां से हुई?
इसकी एक-एक डिटेल जान लीजिए...
15 जुलाई को जाटव समाज के सचिन की शादी थी। सचिन की बारात जानी थी। उससे ठीक एक दिन पहले। 14 जुलाई को यानि रविवार को रस्मों के दौरान परिवार के लोगों ने DJ बजाया था। मोहल्ले के रहने वाले विशेष समुदाय के लोगों ने इसका विरोध किया। इस बात पर दोनों पक्षों के बीच झड़प हो गई। इस मामले को उसी समय रफा-दफा भी करा दिया गया। लेकिन 15 जुलाई की सुबह बारात पर उपद्रवियों ने हमला कर दिया। जिसके दौरान छतों और घरों से पत्थरबाजी होने लगी। देखते ही देखते ही पूरा इलाका जंग के मैदान में तब्दील हो गया।जाटव समुदाय का ये भी आरोप है कि, बारात में डांस कर रहीं महिलाओं के वीडियो बनाए गए। गैरसमुदाय यानी मुस्लिम पक्ष के लोगों ने घर में घुसकर बदसलूकी की कोशिश की। विरोध करने पर पत्थरबाजी होने लगी।
मेरठ में हुई इस पत्थरबाजी में 6 लोग घायल हो गए। घायलों में महिलाएं भी शामिल हैं। मेरठ के रसूलपुर गांव में तनाव का माहौल है। पुलिस चप्पे-चप्पे पर पहरेदारी कर रही है। जगह-जगह निगरानी की जा रही है। जिससे तनाव की आंच की लपटें और ना फैले। अलग-अलग समुदाय के बीच हिंसक लड़ाई की सूचना मिलते ही पुलिस हरकत में आई। पुलिस ने घायलों को इलाज के लिए अस्पताल भिजवाकर बारात को भी रवाना कराया।
लेकिन सवाल है कि कि क्या मेरठ में हिंसा फैलाने की सोची-समझी साजिश रची गई। क्या हिंसा भड़काना मकसद था। क्योंकि जब 14 जुलाई की शाम को मामला शांत हो गया था। तो 15 जुलाई की सुबह पत्थर क्यों बरसे। इस घटना पर पुलिस की FIR में जिन 18 लोगों के नाम दर्ज किए गए है। जो कि सभी एक ही समुदाय है। ऐसे में क्या जानबूझकर सांप्रदायिक रंग देने का प्लान तैयार किया गया था।
अब योगी की पुलिस 14 जुलाई की रात डीजे पर डांस करने वालों से लेकर, उनके वीडियो बनाने वाले.. हिंसा के पत्थर बरसाने वाले..एक-एक किरदार की तलाश कर रही है। पुलिस ने एक्शन लेते हुए, 18 नामजद आरोपियों पर FIR दर्ज कर लिया है। जिनसें 3 आरोपी सलमान..नदीम ..समीर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। जिनसे पूछताछ की जा रही है। बाकी आरोपियों की तलाश में दबिश दी जा रही है।
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