लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक: आधुनिक भारत के निर्माता

Aug 2, 2024 - 06:50
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लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक: आधुनिक भारत के निर्माता

लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक: आधुनिक भारत के निर्माता

लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक, जिन्हें महात्मा गांधी ने "आधुनिक भारत के निर्माता" कहा था, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नायकों में से एक थे। तिलक जी का जन्म 23 जुलाई 1856 को महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले के चिखली गाँव में हुआ था। उनकी पुण्यतिथि, 1 अगस्त, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में उनके अद्वितीय योगदान को याद करने का अवसर है।

तिलक जी ने अपने जीवन को भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को समर्पित कर दिया। उन्होंने शिक्षा, पत्रकारिता और राजनीति के माध्यम से स्वतंत्रता आंदोलन को नई दिशा दी। वे एक महान शिक्षक, विद्वान, पत्रकार और समाज सुधारक थे। उनके द्वारा स्थापित किए गए संस्थान आज भी शिक्षा और राष्ट्र सेवा में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।

शिक्षा और समाज सुधार

बाल गंगाधर तिलक ने शिक्षा के क्षेत्र में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने फर्ग्यूसन कॉलेज की स्थापना की, जो आज भी एक प्रमुख शैक्षिक संस्थान है। उनका मानना था कि शिक्षा से ही समाज में जागरूकता और परिवर्तन लाया जा सकता है। उन्होंने महिलाओं की शिक्षा पर भी जोर दिया और सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ आवाज उठाई।

पत्रकारिता और लेखन

तिलक जी ने पत्रकारिता को स्वतंत्रता संग्राम का एक महत्वपूर्ण हथियार बनाया। उन्होंने 'केसरी' और 'मराठा' नामक समाचार पत्रों का संपादन किया। इन समाचार पत्रों के माध्यम से उन्होंने ब्रिटिश शासन की नीतियों की कड़ी आलोचना की और जनता को स्वतंत्रता संग्राम के लिए प्रेरित किया। उनके लेखों में देशभक्ति और राष्ट्रीयता की भावना झलकती थी।

राजनीति और स्वतंत्रता संग्राम

तिलक जी ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशनों में सक्रिय भाग लिया और उन्होंने 'स्वराज्य मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूंगा' का नारा दिया। उनका यह नारा स्वतंत्रता संग्राम का प्रमुख ध्येय बन गया। उन्होंने ब्रिटिश सरकार के खिलाफ कई आंदोलन चलाए और जेल भी गए। उन्होंने होमरूल लीग की स्थापना की, जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई।

आध्यात्मिक और सांस्कृतिक योगदान

तिलक जी ने भारतीय संस्कृति और परंपराओं को भी महत्व दिया। उन्होंने गणेश उत्सव और शिवाजी उत्सव जैसे त्योहारों को सामूहिक रूप से मनाने की परंपरा शुरू की, जो लोगों में एकता और सामूहिकता की भावना को प्रोत्साहित करती थी। उनका मानना था कि सांस्कृतिक जागरूकता से ही राष्ट्रीय जागरूकता उत्पन्न हो सकती है।

विरासत और सम्मान

बाल गंगाधर तिलक की विरासत आज भी भारतीय समाज में जीवित है। उनके विचार और आदर्श आज भी हमें प्रेरित करते हैं। उनके योगदान को याद करते हुए, हम उनके द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलकर देश की सेवा करने का संकल्प लेते हैं।

तिलक जी की पुण्यतिथि पर उन्हें कोटि-कोटि नमन करते हुए, हम उनके बलिदान और संघर्ष को सलाम करते हैं। उनका जीवन हमें यह सिखाता है कि सच्ची देशभक्ति और दृढ़ संकल्प से किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। उनके आदर्शों पर चलकर हम एक मजबूत और आत्मनिर्भर भारत का निर्माण कर सकते हैं।

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार