हथकरघा हाट में "विरासत" प्रदर्शनी का शुभारंभ राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के उत्सव की शुरुआत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने "मन की बात" कार्यक्रम के 112वें एपिसोड में हथकरघा कारीगरों के कौशल की सराहना की थी और लोगों से स्थानीय उत्पादों के साथ अपनी तस्वीरें हैशटैग ‘#MyProductMyPride’ के साथ सोशल मीडिया पर अपलोड करने का आग्रह किया था।

Aug 4, 2024 - 16:52
Aug 4, 2024 - 16:53
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हथकरघा हाट में "विरासत" प्रदर्शनी का शुभारंभ राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के उत्सव की शुरुआत

10वें राष्ट्रीय हथकरघा दिवस का उत्सव: "विरासत" प्रदर्शनी नई दिल्ली में शुरू

नई दिल्ली के जनपथ स्थित हथकरघा हाट में शनिवार, 3 अगस्त 2024 को 10वें राष्ट्रीय हथकरघा दिवस का उत्सव मनाने के लिए “विरासत” प्रदर्शनी का उद्घाटन हुआ। यह प्रदर्शनी एक पखवाड़े तक चलेगी और इसका समापन 16 अगस्त 2024 को होगा। इस आयोजन का संचालन भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय के तत्वावधान में राष्ट्रीय हथकरघा विकास निगम लिमिटेड (एनएचडीसी) द्वारा किया जा रहा है।

इस विशेष प्रदर्शनी का उद्देश्य भारत के समृद्ध हथकरघा और हस्तशिल्प की परंपरा को उजागर करना और हथकरघा बुनकरों और कारीगरों को बाजार प्रदान करना है। प्रदर्शनी में भारत के विभिन्न हिस्सों से आए उत्कृष्ट हथकरघा उत्पादों का प्रदर्शन और बिक्री की जाएगी। प्रदर्शनी हर दिन सुबह 11 बजे से रात 8 बजे तक आम जनता के लिए खुली रहेगी।

प्रदर्शनी के दौरान हथकरघा हाट में विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। इसमें 75 स्टॉल होंगे जहाँ बुनकर और कारीगर अपने उत्पादों की खुदरा बिक्री कर सकेंगे। इसके अतिरिक्त, भारत के उत्कृष्ट हथकरघा उत्पादों की क्यूरेटेड थीम डिस्प्ले, प्राकृतिक रंगों, कस्तूरी कपास, डिजाइन और निर्यात पर कार्यशालाएँ, लाइव करघा प्रदर्शन, भारत के लोक नृत्य और स्वादिष्ट क्षेत्रीय व्यंजन प्रदर्शित किए जाएंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने "मन की बात" कार्यक्रम के 112वें एपिसोड में हथकरघा कारीगरों के कौशल की सराहना की थी और लोगों से स्थानीय उत्पादों के साथ अपनी तस्वीरें हैशटैग ‘#MyProductMyPride’ के साथ सोशल मीडिया पर अपलोड करने का आग्रह किया था।

राष्ट्रीय हथकरघा दिवस 7 अगस्त को मनाया जाएगा, जो 1905 में शुरू हुए स्वदेशी आंदोलन की वर्षगांठ का प्रतीक है। इस आंदोलन ने स्वदेशी उद्योगों और हथकरघा बुनकरों को प्रोत्साहित किया था। भारत सरकार ने 2015 में हर साल 7 अगस्त को राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया। इस दिन को बुनकर समुदाय को सम्मानित करने और देश के सामाजिक-आर्थिक विकास में उनके योगदान को विशिष्ट रूप से दर्शाने के लिए चुना गया।

हथकरघा क्षेत्र भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है और यह लगभग 35 लाख व्यक्तियों को रोजगार प्रदान करता है। इस क्षेत्र में विविधता और पारंपरिक मूल्यों का समावेश है। बनारसी, जामदानी, बालूचरी, मधुबनी, कोसा, इक्कत, पटोला, तसर सिल्क, माहेश्वरी, मोइरांग फी, फुलकारी, लहरिया, खंडुआ और तंगलिया जैसे विशिष्ट उत्पाद अपनी अद्वितीय बुनाई और डिजाइन के कारण दुनियाभर में लोकप्रिय हैं।

सरकार ने हथकरघा क्षेत्र के सतत विकास को सुनिश्चित करने और बुनकरों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए कई योजनाएँ शुरू की हैं। इन योजनाओं का उद्देश्य उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों की ब्रांडिंग करना है, जिससे उनकी विशिष्टता को बढ़ावा मिल सके। प्रदर्शनी में सभी प्रदर्शकों को अपने उत्कृष्ट उत्पादों को प्रदर्शित करने के लिए प्रोत्साहित किया गया है, ताकि हथकरघा उत्पादों के लिए बाजार और हथकरघा समुदाय की आय में सुधार हो सके।

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार