देश विदेश का इतिहास 1 फ़रवरी की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ जरुर जाने

1 फरवरी के दिन कई ऐतिहासिक घटनाएँ घटी हैं, जिनमें भारत और विश्व से जुड़ी प्रमुख घटनाएँ शामिल हैं। देश विदेश का इतिहास 1 फ़रवरी की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ जरुर जाने, आज का इतिहास, 1 फरवरी का इतिहास, 1 फरवरी की प्रमुख घटनाएँ, इतिहास में आज का दिन, 1 फरवरी को क्या हुआ था, भारतीय इतिहास, विश्व इतिहास, महत्वपूर्ण घटनाएँ, प्रसिद्ध व्यक्तित्व, ऐतिहासिक घटनाएँ, 1 फरवरी के जन्मदिवस, 1 फरवरी की पुण्यतिथि, आज का दिन विशेष, इतिहास में आज, Today in History, February 1 History, Historical Events on February 1

Jan 31, 2025 - 18:21
Jan 31, 2025 - 18:36
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देश विदेश का इतिहास  1 फ़रवरी की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ जरुर जाने

1 फरवरी की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ

1 फरवरी का दिन इतिहास में कई महत्वपूर्ण घटनाओं का साक्षी रहा है, जिनमें भारतीय और अंतरराष्ट्रीय घटनाएँ शामिल हैं। इस दिन की कुछ प्रमुख घटनाएँ निम्नलिखित हैं

1 फरवरी 1786 - लॉर्ड कार्नवालिस भारत के गवर्नर जनरल बने

लॉर्ड कार्नवालिस 1786 में भारत के गवर्नर जनरल बने। वे ईस्ट इंडिया कंपनी के प्रभावशाली प्रशासक और सैन्य अधिकारी थे। उनके कार्यकाल में प्रशासनिक सुधारों के तहत स्थायी बंदोबस्त (Permanent Settlement) लागू किया गया, जिससे जमींदारी व्यवस्था को मजबूती मिली। इसके अलावा, उन्होंने भारतीय सिविल सेवा में सुधार किए और कंपनी शासन को व्यवस्थित किया। कार्नवालिस को 1793 में बंगाल में न्यायिक व प्रशासनिक सुधारों के लिए भी जाना जाता है। वे 1805 में फिर से भारत लौटे, लेकिन कुछ ही महीनों बाद उनकी मृत्यु हो गई।

1 फरवरी 1790 - न्यूयार्क शहर में पहली बार 'सुप्रीम कोर्ट ऑफ़ द यूनाइटेड स्टेट्स' का आयोजन

1 फरवरी 1790 को न्यूयॉर्क शहर में अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट का पहला सत्र आयोजित किया गया। यह अमेरिका की न्यायिक व्यवस्था की एक ऐतिहासिक घटना थी। सुप्रीम कोर्ट की स्थापना अमेरिकी संविधान के तहत की गई थी और यह देश की सर्वोच्च न्यायिक संस्था बनी। पहले सत्र में छह जजों ने भाग लिया, जिनमें मुख्य न्यायाधीश जॉन जे भी शामिल थे। सुप्रीम कोर्ट का मुख्य उद्देश्य अमेरिकी संविधान की व्याख्या करना और संघीय कानूनों की समीक्षा करना था। वर्तमान में यह न्यायालय अमेरिका की न्यायिक प्रणाली की सबसे ऊंची संस्था है।

1 फरवरी 1793 - फ्रांस ने यूनाइटेड किंगडम और नीदरलैंड पर युद्ध की घोषणा की

फ्रांस की क्रांतिकारी सरकार ने 1 फरवरी 1793 को यूनाइटेड किंगडम और नीदरलैंड के खिलाफ युद्ध की घोषणा की। यह युद्ध फ्रांसीसी क्रांतिकारी युद्धों का हिस्सा था, जिसे 'फर्स्ट कोएलिशन वार' (First Coalition War) कहा जाता है। फ्रांस में क्रांति के बाद यूरोपीय शक्तियों को डर था कि क्रांति उनके देशों में भी फैल सकती है, इसलिए उन्होंने फ्रांस के खिलाफ मोर्चा बनाया। फ्रांस ने इन युद्धों में अपनी सैन्य शक्ति का विस्तार किया और अंततः 1804 में नेपोलियन बोनापार्ट की सत्ता में वृद्धि हुई। यह युद्ध यूरोप में सत्ता संतुलन को बदलने वाला साबित हुआ।

1 फरवरी 1797 - लॉर्ड कार्नवालिस ने बंगाल के गवर्नर जनरल के पद की शपथ ली

लॉर्ड कार्नवालिस 1 फरवरी 1797 को दूसरी बार बंगाल के गवर्नर जनरल बने। उनके इस कार्यकाल के दौरान उन्होंने प्रशासनिक सुधारों और न्याय प्रणाली में महत्वपूर्ण बदलाव किए। उनके द्वारा लागू किया गया स्थायी बंदोबस्त (Permanent Settlement) भारत में ब्रिटिश शासन की नीतियों में एक महत्वपूर्ण आर्थिक बदलाव था। इस नीति के तहत किसानों और जमींदारों के बीच एक नई व्यवस्था लागू की गई, जिसने राजस्व संग्रहण की प्रक्रिया को स्थिर किया। कार्नवालिस ने भारतीय सिविल सेवा में सुधार करते हुए भ्रष्टाचार कम करने की दिशा में भी प्रयास किए।

1 फरवरी 1814 - फिलीपींस में ज्वालामुखी विस्फोट से 1,200 लोगों की मृत्यु

1 फरवरी 1814 को फिलीपींस के मायोन ज्वालामुखी (Mayon Volcano) में भयानक विस्फोट हुआ, जिससे लगभग 1,200 लोगों की मृत्यु हो गई। मायोन ज्वालामुखी अपनी शंक्वाकार आकृति और लगातार होने वाले विस्फोटों के लिए प्रसिद्ध है। इस विनाशकारी घटना के दौरान लावा और राख ने कई गांवों को तबाह कर दिया था। इस विस्फोट के कारण आसपास के इलाकों में कृषि को भारी नुकसान पहुंचा और पर्यावरणीय असंतुलन उत्पन्न हुआ। यह घटना फिलीपींस के इतिहास में सबसे घातक ज्वालामुखी आपदाओं में से एक मानी जाती है।

1 फरवरी 1827 - कलकत्ता बंगाल क्लब की स्थापना

1 फरवरी 1827 को कलकत्ता (अब कोलकाता) में 'बंगाल क्लब' की स्थापना हुई। यह क्लब ब्रिटिश अधिकारियों और समाज के संभ्रांत वर्ग के लिए बनाया गया था। यह उस समय का एक महत्वपूर्ण सामाजिक और सांस्कृतिक केंद्र था, जहां प्रशासनिक अधिकारी, व्यवसायी और बुद्धिजीवी एकत्र होते थे। बंगाल क्लब का उद्देश्य औपनिवेशिक प्रशासन के बीच सामाजिक संपर्क को बढ़ावा देना था। यह भारत के शुरुआती सामाजिक क्लबों में से एक था और ब्रिटिश साम्राज्य की सांस्कृतिक और राजनीतिक नीतियों को प्रभावित करने का एक प्रमुख स्थल बन गया था। 

1 फरवरी की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ

1835 - ईस्ट इंडिया कंपनी ने दार्जिलिंग को सिक्किम के पट्टे पर लिया

1 फरवरी 1835 को ईस्ट इंडिया कंपनी ने दार्जिलिंग को सिक्किम से पट्टे पर लिया। उस समय दार्जिलिंग एक छोटा पहाड़ी क्षेत्र था, जिसे ब्रिटिश अधिकारियों ने सैन्य और स्वास्थ्य उद्देश्यों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान माना। इसे एक सैनिटोरियम और हिल स्टेशन के रूप में विकसित किया गया। दार्जिलिंग बाद में चाय उत्पादन के लिए प्रसिद्ध हुआ और ब्रिटिश शासन के दौरान एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल बन गया। इस क्षेत्र का प्रशासनिक नियंत्रण धीरे-धीरे ब्रिटिश भारत के हाथ में चला गया और यह एक महत्वपूर्ण ब्रिटिश संपत्ति बन गया।

1835 - मॉरीशस में 'गुलामी प्रथा' का समापन

1 फरवरी 1835 को मॉरीशस में औपचारिक रूप से गुलामी प्रथा समाप्त कर दी गई। ब्रिटिश सरकार ने 1833 में 'स्लेवरी एबॉलिशन एक्ट' पारित किया था, जिसके तहत ब्रिटिश उपनिवेशों में दास प्रथा को समाप्त किया जाना था। मॉरीशस में बड़ी संख्या में अफ्रीकी और भारतीय मूल के लोग दास के रूप में काम कर रहे थे। दास प्रथा समाप्त होने के बाद ब्रिटिश सरकार ने 'गिरमिटिया मजदूर प्रणाली' लागू की, जिसके तहत बड़ी संख्या में भारतीयों को मॉरीशस ले जाया गया। इस ऐतिहासिक बदलाव से मॉरीशस की सामाजिक और सांस्कृतिक संरचना में बड़ा परिवर्तन आया।

1855 - ईस्ट इंडिया रेलवे का विधिवत उद्घाटन

1 फरवरी 1855 को ईस्ट इंडिया रेलवे का विधिवत उद्घाटन हुआ। यह भारत में रेलवे के शुरुआती विकास का एक महत्वपूर्ण चरण था। इस रेलवे लाइन ने औपनिवेशिक शासन के दौरान माल और यात्री परिवहन को आसान बनाया। ईस्ट इंडिया रेलवे ने औद्योगिक और वाणिज्यिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया और ब्रिटिश शासन के दौरान भारत में रेल नेटवर्क के विस्तार की नींव रखी। यह रेलवे प्रणाली बाद में भारतीय रेलवे का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गई, जिसने देश के आर्थिक और सामाजिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

1881 - दिल्ली के सबसे पुराने कॉलेज सेंट स्टीफन कॉलेज की स्थापना

1 फरवरी 1881 को दिल्ली में सेंट स्टीफन कॉलेज की स्थापना हुई। यह कॉलेज दिल्ली का सबसे पुराना शिक्षण संस्थान है और इसे ब्रिटिश मिशनरियों ने स्थापित किया था। सेंट स्टीफन कॉलेज उच्च शिक्षा के क्षेत्र में प्रतिष्ठित संस्थानों में से एक बन गया। यह कॉलेज शुरू में चांदनी चौक में स्थापित हुआ था, लेकिन बाद में इसे नॉर्थ कैंपस, दिल्ली विश्वविद्यालय में स्थानांतरित कर दिया गया। यहां से कई प्रमुख राजनीतिज्ञ, विद्वान और प्रशासक निकले हैं। आज भी यह कॉलेज अकादमिक उत्कृष्टता के लिए जाना जाता है।

1884 - डाक बीमा योजना लागू हुई

1 फरवरी 1884 को भारत में डाक बीमा योजना लागू की गई। इस योजना का उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों को बीमा सुरक्षा प्रदान करना था। डाक बीमा योजना को भारतीय डाक विभाग द्वारा संचालित किया गया और इसे विशेष रूप से सरकारी कर्मचारियों के लिए शुरू किया गया था। यह योजना बाद में विस्तारित हुई और निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए भी उपलब्ध कराई गई। यह भारत की सबसे पुरानी बीमा योजनाओं में से एक है और आज भी कई लोगों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान कर रही है।

1884 - 'ऑक्सफोर्ड इंग्लिश डिक्शनरी' का पहला वॉल्यूम 'A to Ant' प्रकाशित

1 फरवरी 1884 को 'ऑक्सफोर्ड इंग्लिश डिक्शनरी' (OED) का पहला वॉल्यूम 'A to Ant' प्रकाशित हुआ। यह अंग्रेजी भाषा की सबसे प्रतिष्ठित और व्यापक शब्दकोश परियोजनाओं में से एक थी। इस डिक्शनरी का उद्देश्य अंग्रेजी भाषा के शब्दों का ऐतिहासिक और व्याकरणिक विश्लेषण प्रस्तुत करना था। इसकी शुरुआत 1857 में हुई थी, और इसका पहला संस्करण कई वर्षों तक विकसित होता रहा। OED आज भी अंग्रेजी भाषा के विकास और इतिहास को समझने का एक महत्वपूर्ण स्रोत है और लगातार अपडेट होता रहता है।

1908 - पुर्तगाल नरेश कार्लोस प्रथम और युवराज लुइस फिलिप की हत्या

1 फरवरी 1908 को पुर्तगाल के राजा कार्लोस प्रथम और उनके पुत्र युवराज लुइस फिलिप की लिस्बन में हत्या कर दी गई। इस राजनीतिक हत्याकांड के पीछे पुर्तगाल की अस्थिर राजनीतिक स्थिति और गणतंत्रवादी आंदोलन थे। हत्या के बाद मैनुअल द्वितीय को पुर्तगाल का नया शासक घोषित किया गया, लेकिन उनकी सत्ता भी अधिक समय तक नहीं चल पाई। 1910 में पुर्तगाल में क्रांति हुई और देश को गणराज्य घोषित कर दिया गया। इस घटना ने पुर्तगाल के राजशाही युग के अंत की नींव रखी।

1922 - महात्मा गांधी ने असहयोग आंदोलन तेज करने की जानकारी भारत के वायसराय को दी

1 फरवरी 1922 को महात्मा गांधी ने भारत के वायसराय को पत्र लिखकर असहयोग आंदोलन को और तेज करने की सूचना दी। यह आंदोलन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का एक महत्वपूर्ण चरण था, जिसका उद्देश्य ब्रिटिश शासन के खिलाफ शांतिपूर्ण असहयोग करना था। गांधीजी ने जनता से ब्रिटिश वस्त्रों और सरकारी संस्थानों का बहिष्कार करने का आह्वान किया। हालांकि, फरवरी 1922 में चौरी चौरा कांड के बाद गांधीजी ने आंदोलन को वापस ले लिया, लेकिन इस आंदोलन ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को नई दिशा दी और स्वराज की मांग को मजबूत किया।

1 फरवरी की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ

1924 - यू.एस.एस.आर. और यूनाइटेड किंगडम ने एक-दूसरे को मान्यता दी

1 फरवरी 1924 को सोवियत संघ (यू.एस.एस.आर.) ने यूनाइटेड किंगडम को औपचारिक मान्यता प्रदान की और इसके बदले ब्रिटेन ने भी सोवियत संघ को मान्यता दी। यह निर्णय अक्टूबर क्रांति (1917) और गृहयुद्ध के बाद सोवियत संघ की स्थिरता को स्वीकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था। इससे पहले पश्चिमी देश सोवियत संघ को मान्यता देने में झिझक रहे थे, लेकिन बढ़ते राजनीतिक और आर्थिक कारकों के चलते ब्रिटेन ने यह फैसला किया। इस मान्यता ने सोवियत संघ को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक प्रमुख शक्ति के रूप में स्थापित करने में मदद की।

1949 - 'प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया' ने 'एसोसिएटेड प्रेस ऑफ इंडिया' का अधिग्रहण किया

1 फरवरी 1949 को 'प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया' (PTI) ने 'एसोसिएटेड प्रेस ऑफ इंडिया' (API) का अधिग्रहण कर लिया। API भारत की पहली समाचार एजेंसियों में से एक थी, लेकिन स्वतंत्रता के बाद इसे एक अधिक स्वतंत्र और सशक्त समाचार एजेंसी की आवश्यकता थी। PTI का गठन इसी उद्देश्य से किया गया था, जिससे भारतीय पत्रकारिता को मजबूती मिली। यह अधिग्रहण भारतीय मीडिया जगत में एक बड़ा बदलाव था, जिससे समाचारों का प्रसार अधिक व्यापक और प्रभावी हुआ। आज भी PTI भारत की प्रमुख समाचार एजेंसियों में से एक है।

1953 - नीदरलैंड, बेल्जियम, इंग्लैंड और स्कॉटलैंड में आई भीषण बाढ़

1 फरवरी 1953 को नीदरलैंड, बेल्जियम, इंग्लैंड और स्कॉटलैंड में विनाशकारी बाढ़ आई, जिससे 2500 से अधिक लोगों की मौत हुई। अकेले नीदरलैंड में 1836 लोगों की जान गई। इस आपदा का मुख्य कारण एक शक्तिशाली उत्तरी सागर तूफान था, जिसने समुद्री जल स्तर को खतरनाक रूप से बढ़ा दिया। नीदरलैंड में इस बाढ़ के बाद 'डेल्टा वर्क्स' परियोजना शुरू की गई, जिसमें बड़े पैमाने पर जल प्रबंधन और बाढ़ नियंत्रण प्रणाली विकसित की गई। यह घटना यूरोप के सबसे घातक प्राकृतिक आपदाओं में से एक मानी जाती है।

1956 - दक्षिण अफ्रीका ने सोवियत संघ के वाणिज्य दूतावास के कर्मचारियों को वापिस बुलाने की माँग की

1 फरवरी 1956 को दक्षिण अफ्रीका की सरकार ने सोवियत संघ से उसके वाणिज्य दूतावास के कर्मचारियों को वापस बुलाने की मांग की। यह मांग उस समय की शीत युद्ध की राजनीति से जुड़ी थी। दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद (Apartheid) नीति लागू थी, और सोवियत संघ रंगभेद के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विरोध कर रहा था। दक्षिण अफ्रीका की सरकार को डर था कि सोवियत दूतावास कम्युनिस्ट विचारधारा के प्रसार में सहायता कर सकता है, इसलिए उसने इस प्रकार का कदम उठाया। यह घटना शीत युद्ध के दौरान कूटनीतिक संघर्षों का एक उदाहरण थी।

1958 - मिस्र और सीरिया को 'यूनाइटेड अरब रिपब्लिक' में मिला दिया गया

1 फरवरी 1958 को मिस्र और सीरिया को मिलाकर 'यूनाइटेड अरब रिपब्लिक' (UAR) का गठन किया गया। यह अरब देशों के एकीकरण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम था। इस संघ का नेतृत्व मिस्र के राष्ट्रपति गमाल अब्देल नासिर ने किया। हालांकि, यह एकीकरण लंबे समय तक नहीं चला और 1961 में सीरिया ने खुद को इस संघ से अलग कर लिया। इसके बावजूद, मिस्र 1971 तक आधिकारिक रूप से 'यूनाइटेड अरब रिपब्लिक' के नाम का उपयोग करता रहा। यह घटना अरब राष्ट्रवाद की एक महत्वपूर्ण अभिव्यक्ति थी।

1964 - भारत में 'यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया' (UTI) की स्थापना

1 फरवरी 1964 को भारत में 'यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया' (UTI) की स्थापना हुई। यह भारत की पहली म्यूचुअल फंड संस्था थी, जिसे सरकार ने पूंजी बाजार को बढ़ावा देने और छोटे निवेशकों को प्रोत्साहित करने के लिए शुरू किया था। UTI ने भारतीयों को बचत और निवेश की नई सुविधाएं प्रदान कीं और देश में म्यूचुअल फंड उद्योग की नींव रखी। बाद में 2002 में इसे पुनर्गठित किया गया और अलग-अलग वित्तीय संस्थानों में विभाजित किया गया। UTI आज भी भारतीय वित्तीय प्रणाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

1972 - 'भारतीय अंतर्राष्ट्रीय विमानपतन प्राधिकरण' का गठन

1 फरवरी 1972 को 'भारतीय अंतर्राष्ट्रीय विमानपतन प्राधिकरण' (IAAI) की स्थापना की गई। यह प्राधिकरण मुख्य रूप से भारत के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों के प्रबंधन और संचालन के लिए बनाया गया था। IAAI ने भारतीय हवाई अड्डों के आधुनिकीकरण और अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। बाद में 1995 में इसे 'भारतीय विमानपतन प्राधिकरण' (Airports Authority of India - AAI) में विलय कर दिया गया, जिससे हवाई अड्डों की समग्र निगरानी और संचालन की प्रक्रिया अधिक प्रभावी हुई।

1 फरवरी की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ

1974 - ब्राजील के साओ पाउलो में बैंक की इमारत में आग, 227 लोगों की मृत्यु

1 फरवरी 1974 को ब्राजील के साओ पाउलो शहर में जोएलमा बैंक बिल्डिंग में भीषण आग लग गई। यह इमारत 25 मंजिला थी और इस हादसे में 227 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि सैकड़ों लोग घायल हुए। आग लगने का मुख्य कारण विद्युत शॉर्ट सर्किट माना गया। इस दुर्घटना ने ऊँची इमारतों में अग्नि सुरक्षा उपायों की गंभीरता को उजागर किया और इसके बाद भवन सुरक्षा नियमों को सख्त किया गया। यह घटना ब्राजील के इतिहास की सबसे भीषण आग त्रासदियों में से एक मानी जाती है।

1974 - क्वालालंपुर को संघीय क्षेत्र घोषित किया गया

1 फरवरी 1974 को मलेशिया की राजधानी क्वालालंपुर को आधिकारिक रूप से 'संघीय क्षेत्र' (Federal Territory) घोषित किया गया। इससे पहले यह सेलांगोर राज्य का हिस्सा था, लेकिन इसे सीधे मलेशिया सरकार के प्रशासन के अधीन लाया गया। यह कदम क्वालालंपुर के तेजी से शहरीकरण और आर्थिक विकास को ध्यान में रखते हुए उठाया गया था। आज क्वालालंपुर मलेशिया का सबसे बड़ा और आर्थिक रूप से समृद्ध शहर है, जो वैश्विक व्यापार और पर्यटन का एक प्रमुख केंद्र बन चुका है।

1976 - 'राष्ट्रीय संवाद समिति समाचार' का गठन

1 फरवरी 1976 को भारत में 'राष्ट्रीय संवाद समिति समाचार' (संवाद) की स्थापना की गई। यह समाचार एजेंसी भारत सरकार द्वारा संचालित की गई थी और इसका उद्देश्य विश्वसनीय व सटीक समाचार प्रसारित करना था। इसका गठन भारत में समाचार एजेंसियों को एक संगठित और प्रभावी रूप देने के लिए किया गया था। बाद में इसे 'संवाद समिति' के रूप में जाना जाने लगा और यह भारत के मीडिया नेटवर्क का महत्वपूर्ण हिस्सा बन गई।

1977 - 'भारतीय तट रक्षक बल' (Indian Coast Guard) का गठन

1 फरवरी 1977 को भारत सरकार ने 'भारतीय तट रक्षक बल' (Indian Coast Guard) की स्थापना की। यह बल समुद्री सुरक्षा, तस्करी रोकथाम, बचाव कार्यों और पर्यावरण संरक्षण जैसे कार्यों के लिए गठित किया गया। भारतीय तटरक्षक बल रक्षा मंत्रालय के अधीन कार्य करता है और यह समुद्री सीमाओं की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसकी स्थापना के बाद से, यह संगठन भारतीय समुद्री क्षेत्र में लगातार सुरक्षा और निगरानी कार्यों को प्रभावी ढंग से अंजाम दे रहा है।

1977 - भारत के पहले राष्ट्रीय रेल संग्रहालय की स्थापना, दिल्ली

1 फरवरी 1977 को दिल्ली में भारत के पहले 'राष्ट्रीय रेल संग्रहालय' (National Rail Museum) की स्थापना हुई। यह संग्रहालय भारतीय रेलवे के समृद्ध इतिहास और विकास को दर्शाने के लिए बनाया गया। इसमें कई ऐतिहासिक रेल इंजनों, भाप इंजनों, सैलून और कोचों को प्रदर्शित किया गया है। यह संग्रहालय भारतीय रेलवे के तकनीकी और सांस्कृतिक विकास को समझने के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र बन चुका है और आज भी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।

1979 - 14 वर्षों के निर्वासन के बाद अयातुल्ला खुमैनी का ईरान आगमन

1 फरवरी 1979 को ईरान में इस्लामिक क्रांति के नेता अयातुल्ला रुहोल्ला खुमैनी 14 वर्षों के निर्वासन के बाद वापस ईरान लौटे। वे 1964 में ईरान के शाह (शासक) द्वारा निर्वासित किए गए थे और इस दौरान उन्होंने फ्रांस में शरण ली थी। उनकी वापसी के साथ ही ईरान में इस्लामिक क्रांति ने तेजी पकड़ी और कुछ ही दिनों में शाह के शासन का अंत हो गया। इसके बाद ईरान में इस्लामिक गणराज्य (Islamic Republic of Iran) की स्थापना हुई और खुमैनी देश के सर्वोच्च नेता बने।

1985 - मोहम्मद अजहरुद्दीन का लगातार तीन टेस्ट शतक का विश्व रिकॉर्ड

1 फरवरी 1985 को भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद अजहरुद्दीन ने कानपुर में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट मैच में शतक बनाया। यह उनका लगातार तीसरा टेस्ट शतक था, जिससे वे अपने पहले तीन टेस्ट मैचों में लगातार तीन शतक बनाने वाले पहले क्रिकेटर बने। यह उपलब्धि क्रिकेट इतिहास में एक महत्वपूर्ण रिकॉर्ड बन गई और अजहरुद्दीन ने अपनी शानदार बल्लेबाजी से क्रिकेट जगत में एक अलग पहचान बनाई। उनके इस रिकॉर्ड को आज भी भारतीय क्रिकेट की महान उपलब्धियों में गिना जाता है।

1991 - अफगानिस्तान और पाकिस्तान में भूकंप, करीब 1200 लोगों की मौत

1 फरवरी 1991 को अफगानिस्तान और पाकिस्तान में भयानक भूकंप आया, जिसमें करीब 1200 लोगों की जान चली गई। यह भूकंप रिक्टर स्केल पर 6.8 की तीव्रता का था और इसने कई गांवों को पूरी तरह तबाह कर दिया। हजारों लोग घायल हुए और कई मकान जमींदोज़ हो गए। इस आपदा के बाद राहत एवं बचाव कार्य तेजी से शुरू किया गया, लेकिन कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के कारण राहत पहुंचाने में कई चुनौतियाँ आईं। यह भूकंप क्षेत्र की सबसे घातक प्राकृतिक आपदाओं में से एक था।

1992 - भोपाल गैस त्रासदी: वारेन एंडरसन फरार घोषित

1 फरवरी 1992 को भोपाल के मुख्य न्यायाधीश ने यूनियन कार्बाइड कंपनी के पूर्व सीईओ वारेन एंडरसन को फरार घोषित कर दिया। 1984 में हुई भोपाल गैस त्रासदी में हजारों लोग मारे गए थे और लाखों लोग जहरीली गैस से प्रभावित हुए थे। इस मामले में वारेन एंडरसन के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही थी, लेकिन वह भारत से भाग गए थे। भारत सरकार ने उन्हें प्रत्यर्पित करने की कोशिश की, लेकिन वह कभी भारत नहीं लौटे। यह घटना आज भी न्याय और उत्तरदायित्व की एक महत्वपूर्ण मिसाल बनी हुई है।

1992 - दिल्ली का नाम बदलकर 'राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली' रखा गया

1 फरवरी 1992 को भारत सरकार ने आधिकारिक रूप से दिल्ली को 'राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली' (National Capital Territory of Delhi - NCT) घोषित किया। इससे पहले, दिल्ली को केंद्र शासित प्रदेश (Union Territory) के रूप में जाना जाता था। इस बदलाव के साथ दिल्ली को सीमित राज्यस्तरीय प्रशासनिक अधिकार मिले और इसे एक विशेष प्रशासनिक इकाई का दर्जा प्राप्त हुआ। यह निर्णय दिल्ली की बढ़ती जनसंख्या और प्रशासनिक आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए लिया गया था।

1 फरवरी की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ

1994 - जोस अनाला लेसो संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार के प्रथम उच्चायुक्त नियुक्त

1 फरवरी 1994 को जोस अनाला लेसो को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग (UNHRC) का पहला उच्चायुक्त नियुक्त किया गया। यह पद मानवाधिकारों की रक्षा और उनके प्रचार-प्रसार के लिए बनाया गया था। लेसो कोलंबिया के पूर्व राष्ट्रपति थे और उनके नेतृत्व में UNHRC ने दुनिया भर में मानवाधिकार उल्लंघनों की निगरानी शुरू की। उनका कार्यकाल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मानवाधिकारों को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था।

1998 - पीटर कोर्डा ने मार्सिलो रियोस को हराकर ऑस्ट्रेलियन ओपन टेनिस चैंपियनशिप जीती

1 फरवरी 1998 को चेक गणराज्य के टेनिस खिलाड़ी पीटर कोर्डा ने चिली के मार्सिलो रियोस को हराकर ऑस्ट्रेलियन ओपन का पुरुष एकल खिताब जीता। इस जीत के साथ, कोर्डा ने अपना पहला और एकमात्र ग्रैंड स्लैम खिताब हासिल किया। यह टूर्नामेंट टेनिस इतिहास में इसलिए भी महत्वपूर्ण था क्योंकि कोर्डा की आक्रामक शैली और बेहतरीन रणनीति ने उन्हें चैंपियन बनाया।

1999 - बांग्लादेश में अंतर्राष्ट्रीय इस्लामी धर्मसभा का आयोजन, पाकिस्तान उच्च न्यायालय का 'जंग' समूह पर आदेश

1 फरवरी 1999 को बांग्लादेश के टांगी में अंतर्राष्ट्रीय इस्लामी धर्मसभा का आयोजन किया गया। यह सभा इस्लामी एकता और धार्मिक मुद्दों पर चर्चा के लिए आयोजित की गई थी। इसी दिन पाकिस्तान के उच्च न्यायालय ने प्रमुख समाचार समूह 'जंग' के प्रकाशन को लेकर एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया। यह आदेश मीडिया की स्वतंत्रता और सरकारी हस्तक्षेप के संबंध में महत्वपूर्ण था।

2002 - अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल की आतंकवादियों द्वारा हत्या

1 फरवरी 2002 को पाकिस्तान में कार्यरत अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल की आतंकवादियों ने सिर कलम करके हत्या कर दी। पर्ल 'द वॉल स्ट्रीट जर्नल' के लिए काम कर रहे थे और आतंकवाद पर रिपोर्टिंग कर रहे थे। उन्हें कराची में अपहरण कर लिया गया था और फिर अल-कायदा से जुड़े आतंकियों ने उनकी हत्या कर दी। यह घटना पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर वैश्विक चिंता का विषय बन गई।

2003 - कोलंबिया अंतरिक्ष यान दुर्घटना, कल्पना चावला सहित सात अंतरिक्ष यात्रियों की मौत

1 फरवरी 2003 को नासा के 'कोलंबिया अंतरिक्ष यान' की दुर्घटना में भारतीय-अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला सहित सात अंतरिक्ष यात्रियों की मृत्यु हो गई। यह दुर्घटना तब हुई जब यान पृथ्वी पर लौटते समय वायुमंडल में प्रवेश कर रहा था और टूटकर बिखर गया। इस घटना ने अंतरिक्ष अभियानों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए और नासा ने भविष्य में अपने अभियानों को अधिक सुरक्षित बनाने के लिए कई सुधार किए।

2004 - सऊदी अरब में हज यात्रा के दौरान भगदड़, 251 लोगों की मौत

1 फरवरी 2004 को सऊदी अरब में हज यात्रा के दौरान मची भगदड़ में 251 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई और 244 लोग घायल हुए। यह हादसा मिना में 'शैतान को पत्थर मारने' की रस्म के दौरान हुआ, जब लाखों लोग एक साथ एकत्र हुए थे। यह घटना हज प्रबंधन और भीड़ नियंत्रण की दिशा में एक बड़ा सबक बनी और इसके बाद कई सुरक्षा उपाय लागू किए गए।

2005 - नेपाल नरेश ज्ञानेंद्र ने प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा को हटाया, कार्यकारी अधिकार अपने पास लिए

1 फरवरी 2005 को नेपाल के राजा ज्ञानेंद्र ने प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा को बर्खास्त कर दिया और खुद को पूर्ण कार्यकारी अधिकार दे दिए। उन्होंने संसद को भी निलंबित कर दिया, जिससे नेपाल में लोकतांत्रिक प्रक्रिया बाधित हो गई। इस कदम का व्यापक विरोध हुआ और यह नेपाल में बाद के वर्षों में लोकतंत्र बहाली के संघर्ष का एक प्रमुख कारण बना।

2006 - अमेरिका ने दस वर्षीय 'अमेरिकी प्रतिस्पर्धी योजना' की घोषणा की

1 फरवरी 2006 को संयुक्त राज्य अमेरिका ने 'अमेरिकी प्रतिस्पर्धी योजना' (American Competitiveness Initiative) की घोषणा की। इस योजना का उद्देश्य विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (STEM) क्षेत्रों में अमेरिकी प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना था। इस पहल के तहत अनुसंधान और शिक्षा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर निवेश किया गया, जिससे अमेरिका वैश्विक तकनीकी प्रतिस्पर्धा में आगे बना रहा।

2007 - इफको ने जॉर्डन कंपनी JPM के साथ संयुक्त उद्यम स्थापित करने का निर्णय लिया

1 फरवरी 2007 को भारतीय उर्वरक सहकारी संस्था इफको (IFFCO) ने जॉर्डन फॉस्फेट माइंस कंपनी (JPM) के साथ संयुक्त उद्यम स्थापित करने का निर्णय लिया। इस समझौते का उद्देश्य फॉस्फेट उत्पादन को बढ़ावा देना और भारत में उर्वरक आपूर्ति को सुनिश्चित करना था। यह कृषि क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था।

2009 - पंजाब गोल्ड कप हॉकी टूर्नामेंट में भारत ने न्यूजीलैंड को 2-0 से हराया

1 फरवरी 2009 को भारत ने चार देशों के 'पंजाब गोल्ड कप हॉकी टूर्नामेंट' में न्यूजीलैंड को 2-0 से हराकर महत्वपूर्ण जीत हासिल की। इस टूर्नामेंट में भारत के प्रदर्शन को सराहा गया और यह जीत भारतीय हॉकी टीम के लिए मनोबल बढ़ाने वाली साबित हुई।

2009 - महेश भूपति और सानिया मिर्ज़ा ने ऑस्ट्रेलियन ओपन में मिक्स्ड डबल्स खिताब जीता

1 फरवरी 2009 को भारतीय टेनिस खिलाड़ी महेश भूपति और सानिया मिर्ज़ा ने ऑस्ट्रेलियन ओपन में मिक्स्ड डबल्स खिताब जीतकर इतिहास रचा। यह किसी भारतीय जोड़ी द्वारा इस टूर्नामेंट में जीता गया पहला मिक्स्ड डबल्स खिताब था। इस जीत से भारतीय टेनिस को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान मिली।

2012 - मिस्र के पोर्ट सईद में फुटबॉल मैच के दौरान दंगे, 74 लोगों की मौत

1 फरवरी 2012 को मिस्र के पोर्ट सईद में एक फुटबॉल मैच के दौरान दंगे भड़क गए, जिसमें 74 लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों लोग घायल हो गए। यह हिंसा अल-अहली और अल-मसर्री क्लबों के समर्थकों के बीच हुई थी। यह मिस्र के इतिहास की सबसे भीषण खेल हिंसाओं में से एक थी और इसके बाद सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कई कड़े कदम उठाए गए।

1 फरवरी को जन्मे प्रमुख व्यक्ति

1854 - अब्बास तैयबजी (भारतीय स्वतंत्रता सेनानी)

अब्बास तैयबजी एक प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी थे, जिन्होंने महात्मा गांधी के साथ स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय भूमिका निभाई। वे पेशे से एक न्यायाधीश थे, लेकिन बाद में स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल हो गए। उन्होंने नमक सत्याग्रह के दौरान गांधीजी की गिरफ्तारी के बाद दांडी मार्च का नेतृत्व किया। अब्बास तैयबजी अपने शांतिपूर्ण और अहिंसक संघर्ष के लिए जाने जाते हैं। उनका योगदान भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान रखता है।

1861 - ब्रह्मबांधव उपाध्याय (भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और विचारक)

ब्रह्मबांधव उपाध्याय भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में एक प्रमुख विचारक और क्रांतिकारी थे। वे भारतीय राष्ट्रवाद और आध्यात्मिकता के संयोजन पर जोर देते थे। उन्होंने बंगाल में स्वतंत्रता आंदोलन को बल प्रदान किया और ब्रिटिश शासन के खिलाफ आवाज उठाई। वे हिंदू दर्शन और ईसाई धर्मशास्त्र के अच्छे जानकार थे, जिससे उन्होंने भारत में सामाजिक सुधारों को बढ़ावा देने का कार्य किया।

1899 - भुवनेश्वर प्रसाद सिन्हा (भारत के छठे मुख्य न्यायाधीश)

भुवनेश्वर प्रसाद सिन्हा भारत के छठे मुख्य न्यायाधीश थे। उन्होंने 1959 से 1964 तक इस पद पर कार्य किया। उनके कार्यकाल में भारतीय न्यायपालिका को सशक्त बनाने के कई अहम फैसले लिए गए। वे कानून और संविधान के गहरे जानकार थे और भारतीय न्याय प्रणाली में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाता है।

1902 - अनिल कुमार दास (भारतीय वैज्ञानिक और खगोलशास्त्री)

अनिल कुमार दास भारत के प्रसिद्ध खगोलशास्त्री थे। वे कोडाइकनाल वेधशाला के निदेशक के रूप में कार्यरत रहे और खगोल विज्ञान में महत्वपूर्ण शोध किए। उन्होंने सूर्य संबंधी अध्ययन में विशेष योगदान दिया और भारतीय खगोल विज्ञान के विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।

1915 - शंभुनाथ डे (हैजा पर शोध करने वाले वैज्ञानिक)

शंभुनाथ डे एक प्रसिद्ध भारतीय वैज्ञानिक थे, जिन्होंने हैजा के जीवाणु पर शोध किया। उनके शोध कार्य से इस रोग के इलाज और रोकथाम के नए रास्ते खुले। उनके वैज्ञानिक अनुसंधानों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया और चिकित्सा विज्ञान में उनका योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है।

1917 - ए. के. हंगल (प्रसिद्ध अभिनेता और दूरदर्शन कलाकार)

ए. के. हंगल भारतीय सिनेमा के प्रसिद्ध अभिनेता थे। वे मुख्य रूप से चरित्र भूमिकाओं के लिए जाने जाते थे। 'शोले' में "रहमानी चाचा" की उनकी भूमिका आज भी लोगों को याद है। वे सामाजिक मुद्दों से जुड़े नाटकों और फिल्मों में भी सक्रिय रहे। उनके अभिनय करियर ने भारतीय सिनेमा को समृद्ध बनाया।

1939 - कलाम अंजी रेड्डी (भारतीय उद्योगपति, फार्मा क्षेत्र में योगदान)

कलाम अंजी रेड्डी भारतीय दवा उद्योग के प्रमुख उद्यमी थे। उन्होंने 'डॉ. रेड्डीज लेबोरेटरीज' की स्थापना की, जो आज भारत की प्रमुख फार्मास्युटिकल कंपनियों में से एक है। उन्होंने सस्ती और प्रभावी दवाओं के विकास में योगदान दिया, जिससे भारत की फार्मा इंडस्ट्री को वैश्विक पहचान मिली।

1943 - एम. कीर्ति सिंह (मणिपुरी लेखक, विद्वान और शिक्षाविद)

एम. कीर्ति सिंह मणिपुर के प्रसिद्ध लेखक, विद्वान और शिक्षाविद थे। उन्होंने मणिपुरी भाषा और संस्कृति के संरक्षण और विकास के लिए महत्वपूर्ण कार्य किए। वे शिक्षा और साहित्य के क्षेत्र में अपने योगदान के लिए प्रसिद्ध हैं।

1 फरवरी को जन्मे प्रमुख व्यक्ति

1946 - ई. के. मॉलोंग (मेघालय के भूतपूर्व मुख्यमंत्री)

ई. के. मॉलोंग मेघालय के सातवें मुख्यमंत्री थे। वे एक प्रभावशाली राजनेता थे जिन्होंने राज्य के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनका प्रशासनिक कार्यकाल राजनीतिक स्थिरता और क्षेत्रीय विकास पर केंद्रित था। मेघालय की राजनीति में उनकी भूमिका को हमेशा याद किया जाता है।

1955 - सतपाल सिंह (प्रसिद्ध कुश्ती पहलवान)

सतपाल सिंह भारत के जाने-माने कुश्ती पहलवान हैं। उन्होंने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई पदक जीते। उन्हें 'द्रोणाचार्य पुरस्कार' और 'पद्मश्री' से सम्मानित किया गया। वे कुश्ती कोच के रूप में भी सक्रिय रहे और सुशील कुमार जैसे पहलवानों को प्रशिक्षित किया।

1956 - ब्रह्मनंदन (भारतीय फ़िल्म अभिनेता)

ब्रह्मनंदन भारतीय फ़िल्म जगत के जाने-माने अभिनेता हैं, जो मुख्य रूप से दक्षिण भारतीय फिल्मों में हास्य भूमिकाओं के लिए प्रसिद्ध हैं। उनकी कॉमिक टाइमिंग और बेहतरीन अभिनय क्षमता ने उन्हें दर्शकों का प्रिय बना दिया है।

1957 - जैकी श्रॉफ (फिल्म अभिनेता)

जय किशन "जैकी" श्रॉफ बॉलीवुड के लोकप्रिय अभिनेता हैं। उन्होंने 1980 के दशक में 'हीरो' फिल्म से प्रसिद्धि पाई और अपनी दमदार अभिनय शैली से कई हिट फिल्में दीं। वे एक बहुमुखी अभिनेता हैं और अब भी भारतीय सिनेमा में सक्रिय हैं।

1967 - शिशुपाल नाथु पाटले (भारतीय राजनीतिज्ञ)

शिशुपाल नाथु पाटले भारतीय राजनीति से जुड़े हुए हैं। वे अपने क्षेत्र के विकास और सामाजिक कार्यों में योगदान के लिए जाने जाते हैं। उनकी राजनीतिक यात्रा जनता की सेवा और सामाजिक कल्याण पर केंद्रित रही है।

1969 - हिमंता बिस्वा सरमा (असम के मुख्यमंत्री)

हिमंता बिस्वा सरमा असम के 15वें मुख्यमंत्री हैं। वे असम की राजनीति में एक प्रभावशाली नेता माने जाते हैं और उन्होंने राज्य में कई बड़े विकास कार्य किए हैं। वे पहले कांग्रेस में थे, लेकिन बाद में भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल हो गए और राज्य की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

1971 - अजय जडेजा (भारतीय क्रिकेटर)

अजय जडेजा भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व खिलाड़ी हैं। वे अपनी शानदार बल्लेबाजी और बेहतरीन फील्डिंग के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने 1990 के दशक में भारतीय क्रिकेट टीम के लिए कई महत्वपूर्ण पारियां खेलीं।

1971 - अब्दुल खालेक (भारतीय राजनीतिज्ञ, कांग्रेस नेता)

अब्दुल खालेक भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेता हैं। वे असम से राजनीति में सक्रिय हैं और क्षेत्रीय तथा राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी के संगठन को मजबूत करने में योगदान देते हैं।

1995 - सुशीला लिकमाबाम (भारतीय जूडो खिलाड़ी)

सुशीला लिकमाबाम भारत की एक प्रमुख जूडो खिलाड़ी हैं। उन्होंने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई प्रतियोगिताओं में भारत का प्रतिनिधित्व किया है और पदक जीते हैं। वे भारतीय महिला खेल प्रतिभाओं में एक महत्वपूर्ण नाम हैं।

1 फरवरी को हुए निधन

1882 - नैन सिंह रावत (हिमालयी खोजकर्ता)

नैन सिंह रावत भारत के प्रमुख खोजकर्ताओं में से एक थे, जिन्होंने 19वीं सदी में हिमालयी क्षेत्रों की खोज की। वे ब्रिटिश सर्वे ऑफ इंडिया के लिए काम करते थे और गुप्त रूप से तिब्बत और अन्य दुर्गम क्षेत्रों का मानचित्रण किया। उनकी साहसिक यात्राओं ने भूगोल और मानचित्रण के क्षेत्र में अमूल्य योगदान दिया।

1952 - रामहरख सिंह सहगल (पत्रकार और क्रांतिकारी विचारक)

रामहरख सिंह सहगल अपने समय के प्रसिद्ध पत्रकार थे। वे स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े रहे और अपने लेखों के माध्यम से ब्रिटिश शासन की नीतियों का विरोध किया। उनके क्रांतिकारी विचारों ने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन को प्रेरित किया।

1969 - मगन भाई देसाई (गांधीवादी विचारक और शिक्षाविद)

मगन भाई देसाई एक प्रसिद्ध गांधीवादी और शिक्षाविद थे। उन्होंने भारतीय शिक्षा प्रणाली में सुधार के लिए कई प्रयास किए और महात्मा गांधी के सिद्धांतों का प्रचार किया। उनके विचारों ने भारतीय समाज और शिक्षा प्रणाली पर गहरा प्रभाव डाला।

2003 - कल्पना चावला (भारतीय-अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री)

कल्पना चावला भारतीय मूल की पहली महिला अंतरिक्ष यात्री थीं। वे नासा के स्पेस शटल कोलंबिया मिशन का हिस्सा थीं, लेकिन 1 फरवरी 2003 को पृथ्वी पर लौटते समय यान दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें उनकी मृत्यु हो गई। वे आज भी विज्ञान और अंतरिक्ष अन्वेषण में रुचि रखने वाले युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।

2013 - शानू लहिरी (बंगाली चित्रकार और कला शिक्षिका)

शानू लहिरी बंगाल की जानी-मानी चित्रकार और कला शिक्षिका थीं। वे अपनी रचनात्मकता और कला के प्रति समर्पण के लिए प्रसिद्ध थीं। उन्होंने भारतीय कला और संस्कृति में विशेष योगदान दिया।

2016 - मधुकर हीरालाल कनिया (भारत के 23वें मुख्य न्यायाधीश)

मधुकर हीरालाल कनिया भारत के 23वें मुख्य न्यायाधीश थे। उन्होंने भारतीय न्यायपालिका में कई महत्वपूर्ण फैसले दिए और कानून व्यवस्था को मजबूत करने में योगदान दिया।


1 फरवरी के महत्त्वपूर्ण अवसर एवं उत्सव

तटरक्षक दिवस (Indian Coast Guard Day)

1 फरवरी को भारत में 'तटरक्षक दिवस' मनाया जाता है। इस दिन 1977 में भारतीय तटरक्षक बल (Indian Coast Guard) की स्थापना हुई थी। यह बल समुद्री सुरक्षा, तस्करी रोकथाम और पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

वन अग्नि सुरक्षा दिवस (Forest Fire Safety Week)

1 फरवरी से 'वन अग्नि सुरक्षा सप्ताह' की शुरुआत होती है। इसका उद्देश्य जंगलों में आग लगने की घटनाओं को रोकने और पर्यावरण की रक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाना है।

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,