31 जनवरी का इतिहास है खास जरूर जानिए

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Jan 31, 2025 - 06:41
Jan 31, 2025 - 06:46
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31 जनवरी का इतिहास है खास जरूर जानिए

31 जनवरी का इतिहास है खास जरूर जानिए

1561 - बैरम ख़ाँ की हत्या:
मुग़ल बादशाह अकबर के संरक्षक बैरम ख़ाँ की गुजरात के पाटण में हत्या कर दी गई। बैरम ख़ाँ अकबर के राजनीतिक गुरु और सेना के प्रमुख थे, जिन्होंने अकबर के शासन को स्थापित करने में अहम भूमिका निभाई थी। उनकी मृत्यु के बाद अकबर ने अपने साम्राज्य की शक्ति को और मजबूत किया।

1606 - गाइफ़ाक्स की सजा:
ब्रिटेन में तख़्त के ख़िलाफ़ साजिश करने वाले गाइफ़ाक्स को मौत के घाट उतार दिया गया। गाइफ़ाक्स और उनके साथियों ने संसद भवन को उड़ा देने का प्रयास किया था, जिसे 'गाइफ़ाक्स की साजिश' के नाम से जाना जाता है। इस साजिश के विफल होने के बाद उन्हें फांसी दे दी गई।

1865 - दासता उन्मूलन विधेयक:
अमेरिका में 'दासता उन्मूलन' संबंधी 13वां संशोधन विधेयक स्वीकृत हुआ। इस विधेयक के द्वारा अमेरिका में दासता का अंत हुआ, और सभी दासों को स्वतंत्रता प्राप्त हुई। यह अमेरिका के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ था, जो समाज में समानता की दिशा में एक बड़ा कदम था।

1884 - मर्व पर रूसी कब्जा:
रूसी फ़ौजों ने अफ़ग़ानिस्तान के अमीर के मर्व पर कब्जा कर लिया। मर्व क्षेत्र की रणनीतिक स्थिति को लेकर रूस और ब्रिटेन के बीच तनाव था, और इस विजय ने रूस की शक्ति को इस क्षेत्र में बढ़ाया। यह घटना रूस-ब्रिटेन संघर्ष के संदर्भ में महत्वपूर्ण थी।

1893 - कोका-कोला का ट्रेडमार्क:
ट्रेडमार्क ‘कोका कोला’ का अमेरिका में पहली बार पेटेंट किया गया। यह एक अहम मील का पत्थर था, जिसने कोका-कोला को एक वैश्विक ब्रांड के रूप में स्थापित किया। कोका-कोला आज दुनिया के सबसे बड़े सॉफ्ट ड्रिंक ब्रांडों में से एक है।

1915 - जर्मनी द्वारा ज़हरीली गैस का इस्तेमाल:
प्रथम विश्व युद्ध के दौरान जर्मनी ने रूस के ख़िलाफ़ ज़हरीली गैस का इस्तेमाल किया। यह युद्ध का एक भयावह मोड़ था, जहाँ रासायनिक हथियारों का उपयोग शुरू हुआ, जिससे लाखों लोग प्रभावित हुए और युद्ध की भयावहता में वृद्धि हुई।

1946 - यूगोस्लाविया का विघटन:
सोवियत संघ के माॅडल के आधार पर यूगोस्लाविया का छह देशों में विघटन हुआ। यह घटनाक्रम 1990 के दशक में यूगोस्लाविया के विभाजन की शुरुआत का संकेत था, जिससे सर्बिया, मोंटेनेग्रो, क्रोएशिया, स्लोवेनिया, बोस्निया-हर्जेगोविना, और मैसेडोनिया जैसे देशों का निर्माण हुआ।

1953 - नौका दुर्घटना:
आईरिश सागर में नौका दुर्घटना में कम से कम 130 यात्रियों और चालक दल के सदस्यों की मौत हो गई। यह दुर्घटना एक बड़े समुद्री हादसे का हिस्सा थी, जिसने जहाजों के सुरक्षा मानकों को लेकर कई सुधारों की शुरुआत की।

1957 - पाइपलाइन का काम पूरा:
अबादान से तेहरान तक पाइपलाइन बिछाने का काम पूरा हुआ। यह पाइपलाइन ईरान में तेल उद्योग के विकास में महत्वपूर्ण साबित हुई, और ईरान को वैश्विक ऊर्जा बाजार में प्रमुख भूमिका निभाने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाया।

1958 - पहला भू-उपग्रह:
अमेरिका ने पहले भू-उपग्रह का प्रक्षेपण किया। इसका नाम 'एक्सप्लोरर 1' था और यह अमेरिका द्वारा अंतरिक्ष अन्वेषण में एक महत्वपूर्ण कदम था। इस उपग्रह ने पृथ्वी के वातावरण के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की और अंतरिक्ष अन्वेषण की राह खोल दी।

1962 - क्यूबा का असमर्थन:
अमेरिकी देशों के संगठन ने क्यूबा को न शामिल करने का फैसला किया। यह निर्णय क्यूबा के समाजवादी सरकार और अमेरिका के बीच तनावपूर्ण संबंधों का परिणाम था, और यह क्यूबा के लिए एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक झटका था।

1963 - मोर को राष्ट्रीय पक्षी घोषित करना:
भारत सरकार ने मोर को राष्ट्रीय पक्षी घोषित किया। मोर की सुंदरता और सांस्कृतिक महत्व को देखते हुए यह निर्णय लिया गया। मोर भारतीय संस्कृति में शुभता और दिव्यता का प्रतीक है।

1966 - लूना 9 स्पेशक्राफ्ट लॉन्चिंग:
सोवियत संघ ने लूना कार्यक्रम के तहत मानवरहित लूना 9 स्पेशक्राफ्ट की लांचिंग की। यह उपग्रह चंद्रमा के सतह पर सुरक्षित रूप से लैंड करने में सफल रहा और चंद्रमा के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी भेजी, जिससे अंतरिक्ष अन्वेषण में एक बड़ी सफलता मानी गई।

1968 - नौरू को स्वतंत्रता:
प्रशान्त महासागर में स्थित द्वीपीय देश नौरू को आस्ट्रेलिया से स्वाधीनता मिली। नौरू, जो पहले आस्ट्रेलिया के संरक्षण में था, अब एक स्वतंत्र राष्ट्र बन गया। यह घटना नौरू के लिए एक ऐतिहासिक मील का पत्थर थी, जो एक नया राजनीतिक दौर था।

1971 - बर्लिन में टेलीफोन सेवा पुनः बहाल:
पूर्व और पश्चिमी बर्लिन के बीच 19 साल के अंतराल के बाद फिर से टेलीफोन सेवा बहाल हुई। बर्लिन की दीवार के अस्तित्व के कारण यह सेवा पहले बंद कर दी गई थी, और इस पुनः स्थापना ने दोनों हिस्सों के बीच संचार में सुधार किया।

1974 - पेन अमेरिका एयरवेज़ विमान दुर्घटना:
पेन अमेरिका एयरवेज़ का विमान अमेरिकी सीमाओं में दुर्घटनाग्रस्त हुआ, जिसमें 15 लोग मारे गये। यह घटना एक भयावह विमान हादसा थी, जिसने विमानन सुरक्षा मानकों को लेकर चर्चा को बढ़ावा दिया।

1979 - चीन का आरोप:
चीन ने सोवियत संघ को विश्वयुद्ध भड़काने वाला मुख्य देश होने का आरोप लगाया। यह आरोप शीत युद्ध के दौरान चीन और सोवियत संघ के बढ़ते तनाव का संकेत था, जब दोनों शक्तियों के बीच रणनीतिक प्रतिस्पर्धा और मतभेद बढ़ रहे थे।

1984 - दक्षिण अफ़्रीका से व्यापार संबंध तोड़ना:
विश्व के नौ ग़रीब देशों ने लुसाका बैठक में दक्षिण अफ़्रीका से व्यापार संबंध तोड़ लेने की घोषणा की। यह कदम दक्षिण अफ़्रीका में रंगभेद नीति के विरोध में लिया गया था और यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रंगभेद नीति के खिलाफ एक महत्वपूर्ण संदेश था।

1985 - दलबदल निरोधक संविधान संशोधन:
दलबदल निरोधक संबंधी 52वें संविधान संशोधन विधेयक को राज्यसभा ने भी मंजूरी दी। इस संशोधन का उद्देश्य राजनीति में दलबदल को रोकना था, ताकि चुनावी प्रक्रिया में स्थिरता बनी रहे और लोकतंत्र की मूलभूत भावना को बनाए रखा जा सके।

1988 - पोलैंड में सालिडैरिटी आंदोलन:
पोलैंड में सालिडैरिटी के समर्थकों ने सरकार द्वारा मूल्यवृद्धि के विरोध में प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन पोलैंड में आर्थिक सुधारों और राजनीतिक स्वतंत्रता की मांग का प्रतीक था, जो अंततः कम्युनिस्ट शासन के अंत की ओर बढ़ा।

1989 - कोलंबियाई विमान अपहरण:
कोलंबियाई विमान का अपहरण कर 122 लोगों सहित अपहृत कर कोस्टारिका ले जाया गया। यह अपहरण कोलंबियाई विद्रोहियों द्वारा किया गया था और इस घटना ने विमान अपहरण और आतंकवाद के वैश्विक खतरे को उजागर किया।

1992 - क्रोएशिया और स्लोवानिया को मान्यता:
28 देशों द्वारा क्रोएशिया और स्लोवानिया को मान्यता दी गई; न्यूयार्क में सुरक्षा परिषद का पहला शिखर सम्मेलन हुआ। यह घटना पूर्व युगोस्लाविया के विभाजन के बाद इन देशों के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृति का प्रतीक थी।

1995 - इस्रायल-जार्डन शांति संधि:
इस्रायल एवं जार्डन के मध्य हुई शांति संधि के परिणामस्वरूप इस्रायल ने अधिकृत सीमावर्ती क्षेत्र जार्डन के सुपुर्द किया। यह संधि मध्य-पूर्व में शांति प्रक्रिया के लिए एक महत्वपूर्ण कदम थी, जिसने क्षेत्रीय सहयोग और स्थिरता को बढ़ावा दिया।

1996 - श्रीलंका में आत्मघाती हमले में मौतें:
श्रीलंका में आत्मघाती हमले में 86 की मौत हो गई, 1400 लोग घायल हुए। यह घटना श्रीलंकाई गृहयुद्ध के दौरान हुए आतंकवादी हमलों का हिस्सा थी, जिसने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष को तेज करने की आवश्यकता का अहसास कराया।

1998 - मार्टिना हिंगिस की जीत:
मार्टिना हिंगिस ने कोंचिता मार्टिनेज को हराकर आस्ट्रेलियाई ओपन चैंपियनशिप जीती। यह जीत हिंगिस के करियर की एक बड़ी उपलब्धि थी, और उसने महिला टेनिस में अपनी प्रमुखता को साबित किया।

1999 - गोहर अरुथ्यूनियम और यवगेनी काफ़ेलनिकोव की जीतें:
अर्मिनिया की सुंदरी गोहर अरुथ्यूनियम मिस कॉमनवेल्थ 1999 चुनी गईं। इसी साल, रूस के यवगेनी काफ़ेलनिकोव ने पुरुषों का आस्ट्रेलियन ओपन टेनिस का एकल ख़िताब जीता। इन दोनों ने अपने-अपने क्षेत्र में महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त की।

2000 - हवाला केस के आरोपी बरी:
हवाला केस के सभी आरोपी बरी कर दिए गए। यह मामला भारत में वित्तीय घोटालों और भ्रष्टाचार के आरोपों का हिस्सा था, जिसमें कई राजनीतिक और व्यवसायिक हस्तियों का नाम जुड़ा था। हालांकि कोर्ट ने आरोपियों को बरी कर दिया, यह केस भारतीय न्यायिक प्रक्रिया में महत्वपूर्ण था।

2002 - झारखंड के राज्यपाल प्रभात कुमार का इस्तीफा:
झारखंड के राज्यपाल प्रभात कुमार ने इस्तीफा दिया। उनका इस्तीफा राजनीतिक दबाव और विवादों के कारण था। यह घटनाक्रम राज्य के राजनीतिक माहौल में महत्वपूर्ण मोड़ था।

2004 - डॉ. अब्दुल कादिर ख़ान की बर्खास्तगी:
पाकिस्तानी परमाणु कार्यक्रम के जनक डॉ. अब्दुल कादिर ख़ान को प्रधानमंत्री के विशेष सलाहकार पद से बर्खास्त किया गया। उनके खिलाफ परमाणु प्रौद्योगिकी के गलत तरीके से प्रसार करने के आरोप थे, जो पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम पर सवाल खड़े कर रहे थे।

2005 - जनरल जोगिंदर सिंह का सेना प्रमुख बनने:
जनरल जोगिंदर सिंह को भारतीय सेना का नया प्रमुख नियुक्त किया गया। उनका कार्यकाल भारतीय सेना के लिए महत्वपूर्ण था, और उन्होंने कई रणनीतिक निर्णय लिए जो सेना की क्षमता को बढ़ाने में मददगार साबित हुए।

2005 - बांग्लादेश की जिम्बाब्वे पर जीत:
बांग्लादेश ने जिम्बाव्वे के खिलाफ एक दिवसीय क्रिकेट श्रृंखला 3-2 से जीत ली। यह बांग्लादेश क्रिकेट के लिए एक ऐतिहासिक जीत थी और टीम के लिए आत्मविश्वास बढ़ाने वाला क्षण था।

2007 - टाटा का कोरस अधिग्रहण:
भारतीय स्टील कंपनी टाटा, एंग्लो-डच स्टील कंपनी कोरस के अधिग्रहण के बाद विश्व की पांचवी बड़ी कंपनी बन गई। यह अधिग्रहण टाटा समूह के वैश्विक विस्तार की दिशा में एक बड़ा कदम था, जिसने भारतीय उद्योग को वैश्विक मंच पर और मजबूती प्रदान की।

2008 - उत्तर प्रदेश में विद्युत परियोजनाओं का लोकार्पण:
उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने राज्य को पांच वर्षों के भीतर बिजली के मामले में आत्मनिर्भर बनाने के लिए 6168 करोड़ रुपये की विद्युत परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। यह परियोजना राज्य की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में सहायक साबित हुई।

2008 - भारतीय स्टेट बैंक के राइट इश्यू के द्वारा धन जुटाना:
केंद्र सरकार ने भारतीय स्टेट बैंक के राइट इश्यू के जरिए लगभग 10 हज़ार करोड़ रुपये जुटाने की मंज़ूरी दी। यह कदम बैंक की पूंजी स्थिति को मजबूत करने और वित्तीय क्षेत्र में स्थिरता बनाए रखने के लिए था।

2008 - हेनरी जे. हाइड का निधन:
भारत-अमेरिकी असैन्य परमाणु करार के विवादास्पद हाइड एक्ट कानून के जनक और पूर्व रिपब्लिकन सांसद हेनरी जे. हाइड का निधन हुआ। हाइड का योगदान अमेरिकी विदेश नीति में महत्वपूर्ण था, विशेष रूप से भारत के साथ परमाणु सहयोग के मामले में।

2008 - बेनजीर भुट्टो की पार्टी का घोषणा पत्र:
पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय बेनजीर भुट्टो की पार्टी, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र को जारी किया। यह घोषणा पत्र पार्टी के राजनीतिक एजेंडे और आगामी चुनावों में उनके दृष्टिकोण को प्रस्तुत करता था।

2010 - 'अवतार' फिल्म का रिकॉर्ड:
हॉलीवुड फिल्म ‘अवतार’ दो बिलियन डॉलर कमाकर दुनियाभर में सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बनी। यह फिल्म अपनी अद्वितीय 3D तकनीक और विजुअल इफेक्ट्स के लिए प्रसिद्ध हुई और फिल्म उद्योग में एक नया मानक स्थापित किया।

31 जनवरी को जन्मे व्यक्ति:

  • 1934 - कुमुदबेन मणिशंकर जोशी:
    कुमुदबेन मणिशंकर जोशी आंध्र प्रदेश की 14वीं राज्यपाल थीं। उनका योगदान भारतीय राजनीति और सामाजिक कार्यों में महत्वपूर्ण था, और उन्होंने राज्य की समृद्धि के लिए कई योजनाओं को लागू किया।

  • 1923 - सोमनाथ शर्मा:
    सोमनाथ शर्मा भारत के पहले परमवीर चक्र प्राप्त शहीद थे। उन्होंने भारतीय सेना में अद्वितीय साहस और वीरता का परिचय दिया, विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर के श्योक नदी क्षेत्र में, जहाँ उन्होंने अपने प्राणों की आहुति दी।

  • 1975 - प्रीति जिंटा:
    प्रीति जिंटा भारतीय फिल्म उद्योग की प्रमुख अभिनेत्री हैं, जिन्होंने अपनी अदाकारी से लाखों दिलों को जीत लिया। वे अपने समय की सबसे लोकप्रिय अभिनेत्रियों में से एक रही हैं और उन्होंने कई हिट फिल्मों में अभिनय किया है।

31 जनवरी को हुए निधन:

  • 2020 - दलीप कौर तिवाना:
    दलीप कौर तिवाना पंजाबी की प्रतिष्ठित लेखिका और बहुचर्चित अग्रज साहित्यकार थीं। उनका साहित्यिक योगदान आज भी पंजाबी साहित्य में महत्वपूर्ण माना जाता है।

  • 2007 - होकिशे सेमा:
    होकिशे सेमा नागालैंड के तीसरे मुख्यमंत्री थे। उनका कार्यकाल राज्य के विकास में महत्वपूर्ण था और उन्होंने नागा समस्या के समाधान में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

  • 1961 - श्रीकृष्ण सिंह:
    श्रीकृष्ण सिंह बिहार के पहले मुख्यमंत्री थे। उन्होंने बिहार के राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र में कई सुधार किए और राज्य के समग्र विकास में योगदान दिया।

  • 1968 - पद्मनारायण राय:
    पद्मनारायण राय हिंदी के निबंधकार और साहित्यकार थे। उनका योगदान हिंदी साहित्य में महत्वपूर्ण था, और उन्होंने अपनी रचनाओं के माध्यम से समाज के विभिन्न पहलुओं को उजागर किया।

  • 1987 - मिनजुर भक्तवत्सलम:
    मिनजुर भक्तवत्सलम एक प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी थे। उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया और देश की स्वतंत्रता के लिए अपनी जान की कुर्बानी दी।

  • 2004 - सुर सम्राज्ञी सुरैया:
    सुर सम्राज्ञी सुरैया एक प्रसिद्ध गायिका थीं, जिनका निधन 2004 में हुआ। उनका योगदान भारतीय फिल्म संगीत में अनमोल था, और उनकी आवाज़ आज भी भारतीय संगीत प्रेमियों के दिलों में जीवित है।

  • 2012 - मनीराम बागड़ी:
    मनीराम बागड़ी समाजवादी विचारधारा के प्रसिद्ध भारतीय नेता थे। उन्होंने समाज के पिछड़े वर्गों के लिए अपनी आवाज उठाई और समाज में समानता की दिशा में काम किया।

  • 1988 - अकिलन:
    अकिलन तमिल भाषा के प्रसिद्ध साहित्यकार थे। उन्होंने तमिल साहित्य को नए दृष्टिकोण से देखा और उसकी समृद्धि में योगदान किया।

  • 2000 - के. एन. सिंह:
    के. एन. सिंह भारतीय सिनेमा के खलनायक अभिनेता थे। उन्होंने अपनी अदाकारी से हिंदी सिनेमा में एक महत्वपूर्ण स्थान बनाया और खलनायक की भूमिका में अपनी छाप छोड़ी।

31 जनवरी के महत्त्वपूर्ण अवसर एवं उत्सव:

  • राष्ट्रीय जनसंख्या दिवस:
    31 जनवरी को राष्ट्रीय जनसंख्या दिवस मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य जनसंख्या वृद्धि और उसके सामाजिक, आर्थिक प्रभावों के बारे में जागरूकता फैलाना है। यह दिन जनसंख्या नियंत्रण के महत्व को समझने के लिए मनाया जाता है।
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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,