स्कॉटलैंड के भारतवंशी डॉ. संदेश गुल्हाने ने हिंदी में संदेश जारी करने का आग्रह

स्कॉटलैंड के भारतवंशी डॉ. संदेश गुल्हाने ने हिंदी में संदेश जारी करने का आग्रह, Dr Sandesh Gulhane Indian Scotland requested issue the message Hindi,

स्कॉटलैंड के भारतवंशी डॉ. संदेश गुल्हाने ने हिंदी में संदेश जारी करने का आग्रह
स्कॉटलैंड की संसद में भारतवंशी सदस्य डॉ. संदेश गुल्हाने ने प्रशासन से अपील की है कि स्वास्थ्य अभियानों और जनसंदेशों को हिंदी में भी जारी किया जाए। उन्होंने कहा कि स्कॉटलैंड में भारतीय आव्रजकों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, और यह समुदाय अब देश की दूसरी सबसे बड़ी आव्रजक आबादी बन चुका है। ऐसे में स्वास्थ्य और सामाजिक कल्याण से जुड़ी जानकारी हिंदी में उपलब्ध कराना आवश्यक है, ताकि लोगों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
डॉ. गुल्हाने, जो स्वास्थ्य और समाज कल्याण विभाग के शैडो कैबिनेट मंत्री हैं और ग्लासगो में एक जनरल प्रैक्टिशनर के रूप में कार्यरत हैं, ने एडिनबर्ग स्थित संसद में इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया। उन्होंने बताया कि स्कॉटलैंड में जनता को दिए जाने वाले सरकारी संदेशों में कई भाषाओं का उपयोग होता है, लेकिन इनमें हिंदी का अभाव है।
42 वर्षीय नेता ने स्कॉटलैंड के प्रथम उप प्रधानमंत्री केट फोर्ब्स से आग्रह करते हुए कहा कि एनएचएस (राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा) के बुलेटिन और सार्वजनिक स्थलों पर अन्य भाषाओं में तो संदेश मिलते हैं, लेकिन हिंदी को इसमें स्थान नहीं दिया गया है।
डॉ. गुल्हाने ने वर्ष 2022 की जनगणना का हवाला देते हुए कहा कि स्कॉटलैंड में हिंदीभाषी आबादी इतनी बड़ी हो चुकी है कि इसकी संख्या पर्थ में रहने वाले कुल निवासियों के बराबर है। उन्होंने यह भी बताया कि हिंदी विश्व में बोली जाने वाली तीसरी सबसे बड़ी भाषा है, और इसे शामिल करना भारतीय समुदाय के लिए एक बड़ा सम्मान होगा।
कंजरवेटिव पार्टी के सदस्य डॉ. गुल्हाने की इस पहल को भारत के लिए गर्व का विषय माना जा रहा है। उनकी अपील से न केवल हिंदी भाषा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और अधिक पहचान मिलेगी, बल्कि यह भारतीय समुदाय को बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं से जोड़ने में भी सहायक होगी।
डॉ. संदेश गुल्हाने की यह पहल न केवल स्कॉटलैंड में भारतीय समुदाय की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए की गई है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और भाषा की वैश्विक पहचान को भी मजबूत करती है।