2 फरवरी को हुए निधन: महान व्यक्तित्वों का संक्षिप्त परिचय

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Feb 2, 2025 - 06:18
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2 फरवरी को हुए निधन: महान व्यक्तित्वों का संक्षिप्त परिचय

2 फरवरी को हुए निधन: महान व्यक्तित्वों का संक्षिप्त परिचय

2 फरवरी को इतिहास के पन्नों में उन महान हस्तियों के निधन के रूप में दर्ज है, जिन्होंने अपने-अपने क्षेत्र में अमूल्य योगदान दिया। रूसी वैज्ञानिक दमित्री मेंडलीव ने आवर्त सारणी का निर्माण किया, जबकि बलुसु संबमूर्ति स्वतंत्रता संग्राम में अग्रणी रहे। आचार्य चतुरसेन शास्त्री ने हिंदी साहित्य को समृद्ध किया, और खूबचंद बघेल छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण आंदोलन के नेता थे। गोविंद शंकर कुरुप, मलयाली साहित्य के प्रसिद्ध कवि, ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित हुए। मोहन लाल सुखाड़िया ने राजस्थान के विकास में अहम भूमिका निभाई, जबकि विजय अरोड़ा और रमेश देव भारतीय सिनेमा के मशहूर अभिनेता रहे। पी. शानमुगम, पुदुचेरी के दो बार मुख्यमंत्री रहे। इन महान विभूतियों की विरासत आज भी लोगों को प्रेरित करती है।

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1. दमित्री मेंडलीव (1834 - 1907)

दमित्री मेंडलीव रूस के महान वैज्ञानिक थे, जिन्हें आधुनिक आवर्त सारणी (Periodic Table) के जनक के रूप में जाना जाता है। उनका जन्म 8 फरवरी 1834 को साइबेरिया के टोबोल्स्क में हुआ था। उन्होंने रसायन विज्ञान को एक नई दिशा दी और तत्वों को उनके परमाणु भार और गुणों के आधार पर व्यवस्थित किया। उनकी भविष्यवाणी के आधार पर कई नए तत्वों की खोज संभव हुई। मेंडलीव का योगदान केवल रसायन तक सीमित नहीं था, उन्होंने तरल पदार्थों और गैसों पर भी शोध किए। 2 फरवरी 1907 को इस महान वैज्ञानिक का निधन हो गया।

2. बलुसु संबमूर्ति (1888 - 1958)

बलुसु संबमूर्ति स्वतंत्रता संग्राम में अग्रणी भूमिका निभाने वाले प्रमुख नेता थे। वे मद्रास (अब तमिलनाडु) के एक प्रतिष्ठित स्वतंत्रता सेनानी थे और ब्रिटिश शासन के खिलाफ संघर्ष में सक्रिय रूप से शामिल रहे। उन्होंने दक्षिण भारत में राष्ट्रीय आंदोलन को संगठित किया और कांग्रेस पार्टी के माध्यम से स्वतंत्रता संग्राम में योगदान दिया। वे कई आंदोलनों में जेल भी गए और अपने जीवन को देश की आज़ादी के लिए समर्पित कर दिया। 2 फरवरी 1958 को उनका निधन हुआ।

3. आचार्य चतुरसेन शास्त्री (1891 - 1960)

चतुरसेन शास्त्री हिंदी साहित्य के प्रसिद्ध उपन्यासकार और लेखक थे। उनका जन्म 26 अगस्त 1891 को उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले में हुआ था। वे विशेष रूप से ऐतिहासिक और पौराणिक उपन्यासों के लिए जाने जाते हैं। उनके प्रसिद्ध उपन्यासों में वैशाली की नगरवधू, सोमनाथ और वयं रक्षामः शामिल हैं। उनकी लेखनी भारतीय संस्कृति, इतिहास और सामाजिक मूल्यों को उजागर करती थी। 2 फरवरी 1960 को हिंदी साहित्य का यह सितारा हमेशा के लिए अस्त हो गया।

4. खूबचंद बघेल (1900 - 1969)

खूबचंद बघेल छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण आंदोलन के महान नेता और साहित्यकार थे। उनका जन्म 15 अगस्त 1900 को हुआ था। वे स्वतंत्रता संग्राम में भी सक्रिय रूप से शामिल रहे और छत्तीसगढ़ की सामाजिक और राजनीतिक चेतना को जागरूक करने का कार्य किया। वे छत्तीसगढ़ी भाषा और साहित्य के प्रखर समर्थक थे और क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के लिए जीवनभर कार्यरत रहे। 2 फरवरी 1969 को उनका निधन हुआ।

5. गोविंद शंकर कुरुप (1901 - 1978)

गोविंद शंकर कुरुप मलयाली भाषा के प्रसिद्ध साहित्यकार थे। उनका जन्म 5 जून 1901 को हुआ था। वे ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित पहले मलयाली लेखक थे। उनकी कविता संग्रह ओटक्कुषल (बांसुरी) को भारतीय साहित्य में विशेष स्थान प्राप्त है। उनकी कविताओं में भारतीय संस्कृति, प्रकृति और मानवीय मूल्यों की झलक मिलती है। 2 फरवरी 1978 को इस महान साहित्यकार का निधन हुआ।

6. मोहन लाल सुखाड़िया (1916 - 1982)

मोहन लाल सुखाड़िया भारतीय राजनीतिज्ञ थे और राजस्थान के मुख्यमंत्री के रूप में 17 वर्षों तक कार्यरत रहे। उनका जन्म 31 जुलाई 1916 को हुआ था। वे राजस्थान के ‘आधुनिक निर्माता’ कहे जाते हैं क्योंकि उनके शासनकाल में राज्य में औद्योगिक और कृषि विकास को बढ़ावा मिला। वे एक दूरदर्शी नेता थे और उनके प्रशासन में राजस्थान की आधारभूत संरचना को मजबूत किया गया। 2 फरवरी 1982 को उनका निधन हुआ।

7. विजय अरोड़ा (1944 - 2007)

विजय अरोड़ा भारतीय सिनेमा और टेलीविजन के जाने-माने अभिनेता थे। उनका जन्म 27 दिसंबर 1944 को हुआ था। वे फिल्म ‘यादों की बारात’ (1973) में अपने किरदार के लिए प्रसिद्ध हुए। उन्होंने कई बॉलीवुड फिल्मों और टीवी धारावाहिकों में अभिनय किया। 1980-90 के दशक में वे टीवी पर ‘रामायण’ में मेघनाद के किरदार में भी नजर आए। 2 फरवरी 2007 को उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया।

8. पी. शानमुगम (1937 - 2013)

पी. शानमुगम भारतीय राजनीतिज्ञ थे और पुदुचेरी के मुख्यमंत्री के रूप में दो बार कार्यरत रहे। वे एक लोकप्रिय नेता थे और जनता की भलाई के लिए हमेशा प्रयासरत रहे। उनके कार्यकाल में पुदुचेरी में कई विकास योजनाएं लागू की गईं। उन्होंने गरीबों और किसानों के लिए कई योजनाएं शुरू कीं। 2 फरवरी 2013 को उन्होंने अंतिम सांस ली।

9. रमेश देव (1929 - 2022)

रमेश देव हिंदी और मराठी फिल्मों के प्रसिद्ध अभिनेता थे। उनका जन्म 30 जनवरी 1929 को हुआ था। वे आनंद, मेरे अपने और कई मराठी फिल्मों में अपनी प्रभावशाली भूमिकाओं के लिए जाने जाते हैं। वे न केवल अभिनेता बल्कि एक निर्देशक और निर्माता भी थे। उनके अभिनय में सहजता और गहराई थी, जिसने उन्हें सिनेमा जगत में एक अमिट पहचान दी। 2 फरवरी 2022 को उन्होंने अंतिम सांस ली।

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,