वोट बैंक के लिए कांग्रेस ने ठुकरा दिया था प्राण प्रतिष्ठा का आमंत्रण : मोदी
कांग्रेस पर निशाना, बोले सनातन विरोधी द्रमुक से गठबंधन की कौन सी मजबूरी
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वोट बैंक के लिए कांग्रेस ने ठुकरा दिया था प्राण प्रतिष्ठा का आमंत्रण : मोदी
कांग्रेस पर निशाना, बोले सनातन विरोधी द्रमुक से गठबंधन की कौन सी मजबूरी
- रामनवमी से पहले प्रधानमंत्री का कांग्रेस पर बड़ा हमला
- कहा, चुनावी बांड योजना पर झूठ फैला रहा विपक्ष
- ईडी की ओर से दर्ज किए गए तीन प्रतिशत मामले नेताओं के विरुद्ध
भ्रष्टाचार में शामिल लोगों को अपने पाप का डर
भाजपा सरकार द्वारा जेले भेज जाने के विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ईडी द्वारा दर्ज तीन प्रतिशत केस ही नेताओं के खिलाफ हैं और 97 प्रतिशत मामले उन लोगों या कंपनियों के विरुद्ध हैं जिनका राजनीति से लेना-देना नहीं है। इन लोगों में ड्रग्स माफिया व भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि 2014 से पहले ईडी ने सिर्फ 5,000 करोड़ की संपत्तियां जब्त की थीं, लेकिन उनके कार्यकाल में एक लाख करोड़ रुपये से अधिक की परिसंपत्तियां जब्त हुई हैं। ईमानदार व्यक्ति को कोई डर नहीं है, लेकिन भ्रष्टाचार में शामिल लोगों को अपने पाप का डर है। भ्रष्टाचार ने देश को नष्ट कर दिया है और इससे पूरी ताकत से निपटना होगा। यह उनकी प्रतिबद्धता है।
दिल्ली: राम नवमी से ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि कांग्रेस ने वोट बैंक
को साधने के लिए अयोध्या में नवनिर्मित मंदिर में रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण ठुकराया था। उन्होंने एएनआइ के साथ विशेष साक्षात्कार में सनातन से लेकर चुनावी बांड और ईडी की कार्रवाई पर सवाल उठाने वाले विपक्ष के आरोपों पर भी हमला बोला। उन्होंने कांग्रेस से यह सवाल भी किया कि ऐसी क्या मजबूरी थी कि उसने सनातन धर्म के विरुद्ध घृणा और जहर उगलने वाली द्रमुक के साथ गठबंधन किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि राम मंदिर मुद्दे का समाधान देश के बंटवारे के वक्त किया जा सकता था, उसके बाद अदालत में मामला निपट सकता था, लेकिन इस मुद्दे का वोट बैंक के तुष्टीकरण के लिए राजनीतिक हथियार की तरह इस्तेमाल किया गया। कांग्रेस को गर्व होना चाहिए था कि मंदिर के लिए संघर्ष करने वालों ने उसके सभी पापों को भुलाकर आमंत्रित किया था, लेकिन वोट बैंक ने उसे असहाय बना दिया और उसने आमंत्रण ठुकरा दिया। मोदी ने कहा कि जब संविधान बनाया गया था तो उसके हर पेज की पेंटिंग सनातन की परंपरा से जुड़ी हुई थी। उस संविधान में सनातन सरकार का अंग था।
आज अगर कोई सनातन को अपशब्द कहने की हिम्मत करता है और आप उसके साथ राजनीति करते हैं तो यह देश के लिए चिंता का विषय है सुप्रीम कोर्ट द्वारा रद की गई चुनावी बांड योजना के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि विपक्ष इस बारे झूठ फैला रहा है। इस योजना को सफलता की एक कहानी के रूप में देखा जाना चाहिए क्योंकि इसी योजना के कारण पता चल सका कि राजनीतिक दलों को किसने चंदा दिया। हमने कभी नहीं कहा कि निर्णय लेने में कोई खामी नहीं थी। इसमें भी सुधार की काफी गुंजाइश थी। लेकिन अब देश को पूरी तरह चुनावों में कालेधन के दौर में धकेल दिया गया है। जब भी इस संबंध में ईमानदारी से सोचा जाएगा तो हर कोई पछताएगा। मोदी ने कहा कि जांच एजेंसियों द्वारा कार्रवाई के बाद जिन 16 कंपनियों ने चंदा दिया था, उस चंदे में से सिर्फ 37 प्रतिशत भाजपा को और 63 प्रतिशत भाजपा के विरोधी दलों को मिला था।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब चुनावी बांड योजना से संबंधित विधेयक को संसद में पारित किया गया था तो आज इस पर टिप्पणी करने वाले कुछ लोगों ने इसका समर्थन किया था। उन्होंने एक हजार और दो हजार रुपये के नोटों को बंद करने के फैसले का जिक्र करते हुए कहा कि चुनावों के दौरान बड़ी मात्रा में इन नोटों को ले जाया गया था। सरकार ने यह कदम इसलिए उठाया ताकि कालाधन खत्म हो। लोकसभा चुनाव में समान अवसरों के अभाव के विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि विभिन्न संस्थानों से जुड़े कानूनों को उनके कार्यकाल से पहले बनाया गया था और विपक्ष सिर्फ अपनी आसन्न हार के बहाने तलाश रहा है। इस संबंध में एक कहावत है, 'नाच न जाने, आंगन टेढ़ा।' उन्होंने कहा, 'इस संबंध में कोई भी कानून मेरी सरकार ने नहीं बनाया है, चाहे वह ईडी हो, सीबीआइ हो या चुनाव आयोग।'
पहले कांग्रेस के नजदीकी रहे लोग चुनाव आयुक्त बने और बाद में उन्हें राज्यसभा टिकट और मंत्रालय भी दिए गए। • जिस विकसित भारत की मैं बात कर रहा हूं, उसका भविष्य किसके साथ जुड़ा है? जो आज 20 वर्ष के हैं, वे 2047 में 40-45 वर्ष के होंगे। विकास की प्रक्रिया और उनके जीवन की प्रक्रिया समान है। इसलिए में कह रहा हूं कि मैं आपका भविष्य बना रहा हूं।
• भारत में निवेश आए क्योंकि पैसा किसी का भी हो, पसीना मेरे देश का लगना चाहिए। देश में हमारे युवाओं को रोजगार के अवसर मिल सकें।
• पिछले 10 वर्षों में आटीआर भरने वालों की संख्या चार करोड़ से बढ़कर आठ करोड हो गई है। कर संग्रहण 11 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 34 लाख करोड़ हो गया है। लोगों को विश्वास है कि उनका पैसा सही हाथों में जा रहा है।
• राज्यों के बीच सहयोग के साथ स्वस्थ प्रतिस्पर्धा होनी चाहिए। हम कभी नहीं चाहेंगे कि राज्य बाधाओं का सामना करें। मैं मुख्यमंत्री रह चुका हूं और इस बात को समझता हूं।
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