मिनिमली इनवेसिव सर्जरी से दिल की बीमारियों का बेहतर समाधान

मिनिमली इनवेसिव सर्जरी से दिल की बीमारियों का बेहतर समाधान, Better solution to heart diseases through minimally invasive surgery,

Jan 28, 2025 - 11:49
Jan 28, 2025 - 11:50
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मिनिमली इनवेसिव सर्जरी से दिल की बीमारियों का बेहतर समाधान

मिनिमली इनवेसिव सर्जरी से दिल की बीमारियों का बेहतर समाधान

भारत में हार्ट डिजीज मौत का एक प्रमुख कारण बन चुकी है, और इसके मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। बैठने वाली जीवनशैली, अस्वस्थ खान-पान और बढ़ते तनाव जैसे कारण, इस समस्या को और गंभीर बना रहे हैं। लेकिन अब चिकित्सा तकनीक में हुए उन्नति से, मिनिमली इनवेसिव कार्डियक सर्जरी (एमआईसीएस) जैसी अत्याधुनिक प्रक्रियाओं से दिल की बीमारियों का इलाज आसान, सुरक्षित और प्रभावी हो गया है।

मिनिमली इनवेसिव कार्डियक सर्जरी एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें बड़े चीरों की बजाय छोटी-छोटी कटिंग्स के जरिए सर्जरी की जाती है। यह सर्जरी आमतौर पर पसलियों के बीच से की जाती है, जिससे साधारण ओपन-हार्ट सर्जरी में लगने वाले बड़े चीरों की ज़रूरत नहीं पड़ती। इस प्रक्रिया में हाई-डेफिनिशन कैमरा और विशेष सर्जिकल उपकरणों का उपयोग होता है, जिससे सर्जन अधिक सटीकता के साथ ऑपरेशन कर पाते हैं। एमआईसीएस का उपयोग कोरोनरी आर्टरी बायपास ग्राफ्टिंग, वाल्व रिपेयर या रिप्लेसमेंट को ठीक करने जैसे मामलों में किया जाता है।

डॉ. अखिल कुमार रस्तोगी, डायरेक्टर और प्रमुख, कार्डियोथोरेसिक एंड वैस्कुलर सर्जरी, यथार्थ हॉस्पिटल, ग्रेटर नोएडा ने कहा, "मिनिमली इनवेसिव कार्डियक सर्जरी ने हार्ट डिजीज के इलाज में एक नई क्रांति ला दी है। यह प्रक्रिया न केवल मरीज़ों को जल्दी ठीक होने का मौका देती है, बल्कि उनकी जिंदगी को बेहतर बनाती है। सही समय पर इलाज और विशेषज्ञ डॉक्टर की देखरेख से हार्ट की बीमारियों को सही ढंग से संभाला जा सकता है।"

मिनिमली इनवेसिव कार्डियक सर्जरी की सबसे बड़ी खासियत है इसकी जल्दी रिकवरी। छोटे कट की वजह से मरीज़ों को कम दर्द होता है और खून की कमी का सामना नहीं करना पड़ता है। जहां साधारण ओपन-हार्ट सर्जरी के बाद मरीज़ों को हफ्तों या महीनों तक आराम की ज़रूरत पड़ती है, वहीं एमआईसीएस के मरीज़ अपनी सामान्य दिनचर्या को कुछ ही दिनों में शुरू कर सकते हैं।

इसके अलावा, इस प्रक्रिया में संक्रमण का खतरा भी काफी कम होता है, खासकर डायबिटीज़ या मोटापे से ग्रस्त मरीज़ों के लिए, जिनमें संक्रमण की संभावना अधिक होती है। छोटी-छोटी कटिंग्स से बहुत कम निशान बनते हैं, जो युवा मरीज़ों या ऐसे लोगों के लिए एक बड़ा लाभ है, जो सर्जरी के बाद के निशानों को लेकर चिंतित रहते हैं।

एमआईसीएस में एडवांस्ड तकनीकों का इस्तेमाल होता है, जैसे कि थोरैकोस्कोपिक सर्जरी, जिसमें एक छोटे कैमरे के जरिए दिल की स्पष्ट तस्वीर लेकर सर्जन ऑपरेशन करते हैं। कुछ मामलों में रोबोटिक-असिस्टेड सर्जरी का उपयोग भी होता है, जिससे सर्जन और भी छोटे कट्स के जरिए अधिक सटीकता से सर्जरी कर पाते हैं।

मिनिमली इनवेसिव कार्डियक सर्जरी ने हार्ट डिजीज के इलाज का तरीका पूरी तरह बदल दिया है। आधुनिक तकनीक और मरीज़-केंद्रित दृष्टिकोण के साथ, यह प्रक्रिया तेज़ रिकवरी और बेहतर परिणाम का रास्ता खोलती है। जैसे-जैसे इसके प्रति जागरूकता बढ़ेगी, भारत और दुनिया भर में अधिक से अधिक मरीज़ इस अद्भुत तकनीक का लाभ उठा पाएंगे।

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Adnan Ibad Reporter उत्तर प्रदेश के समाचार देते है और हम भारतीय न्यूज़ के साथ स्टोरी लिखते हैं ताकि हर नई और सटीक जानकारी समय पर लोगों तक पहुँचे। हमारा उद्देश्य है कि पाठकों को सरल भाषा में ताज़ा, विश्वसनीय और महत्वपूर्ण समाचार मिलें, जिससे वे जागरूक रहें और समाज में हो रहे बदलावों को समझ सकें। bjmc ccsu meerut