41Km का गाजा स्ट्रिप क्यों नहीं कब्जा करना चाहते हैं इजराइल के मिलिट्री चीफ?

41 किलोमीटर के गाजा स्ट्रिप पर पूरी तरह कंट्रोल करने का नेतन्याहू का प्लान फिलहाल तो फेल होता हुआ नजर आ रहा है. इजराइल के मिलिट्री चीफ ने खुद इसका पुरजोर विरोध किया है. आइए 4 प्वाइंट में समझते हैं कि नेतन्याहू के इस प्लान से आखिर इजराइल की सेना क्यों खुश नहीं है?

Aug 7, 2025 - 11:07
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41Km का गाजा स्ट्रिप क्यों नहीं कब्जा करना चाहते हैं इजराइल के मिलिट्री चीफ?
41Km का गाजा स्ट्रिप क्यों नहीं कब्जा करना चाहते हैं इजराइल के मिलिट्री चीफ?

हाल ही में इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने 41 किलोमीटर के गाजा स्ट्रिप पर पूरी तरह कब्जा करने का निर्देश दिया था. मगर फिलहाल उनकी इस योजना का विरोध खुद इजराइल की सेना कर रही है. दरअसल इजराइल के मिलिट्री चीफ एयाल जामिल ने नेतन्याहू को घंटों चली एक मीटिंग में आगाह किया है कि गाजा स्ट्रिप पर कब्जा करना सेना को वहां फंसा सकता है, जहां से वो करीब दो दशक पहले पीछे हट चुकी है.

ये विरोध सेना की तरफ ऐसे वक्त में किया जा रहा है जब प्रधानमंत्री पर युद्ध को लेकर घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दबाव लगातार बढ़ रहा है. आइए समझते हैं कि आखिर इजराइल की सेना नेतन्याहू के इस प्लान से खुश क्यों नहीं है और नेतन्याहू फुल कंट्रोल के लिए इतने बेताब क्यों है?

गाजा स्ट्रिप के फुल कंट्रोल से सेना को क्यों एतराज?

पहला: Reuters में सूत्रों के हवालों से छपी एक खबर के मुताबिक इजराइली सेना का दावा है कि वो गाजा का लगभग 75 फीसदी हिस्से पर कंट्रोंल हासिल कर चुकी है. सेना ने पहले भी सैन्य शासन लागू करने, गाजा को इजराइल में मिलाने और वहां फिर से यहूदी बस्तियां बसाने जैसे प्रस्तावाों का विरोध किया है जबकि नेतन्याहू की सरकार में शामिल कुछ कट्टरपंथी मंत्री इन नीतियों की वकालत करते रहे हैं.

दूसरा: इजराइली सेना का मानना है कि हमास आम लोगों के बीच छिपी है, इसलिए कई बार उन ठिकानों पर हमला नहीं किया गया जहां बंधक होने का शक था. कई पूर्व बंधकों ने बताया भी है कि हमास ने चेताया था कि इजराइली सेना आई तो मार देंगे. ताजा सर्वे बताता है कि 70% इजराइली अब बंधकों की रिहाई को सबसे जरूरी मानते हैं. करीब 50 बंधक अब भी गाजा में हैं, जिनमें 20 के जिंदा होने की उम्मीद है. सेना का कहना है कि गाजा स्ट्रिप पर कब्जा करना बंधकों को छुड़ाने में उल्टा बाधा बन सकता है.

तीसरा: गाजा युद्ध ने इजराइल की सेना पर भी भारी दबाव डाला है. इजराइल की सेना आकार में छोटी है और उसे बार बार रिजर्व सैनिकों को बुलाना पड़ रहा है. ये स्पष्ट नहीं है कि और इलाकों पर कब्जा करने के लिए अतिरिक्त सैनिकों की जरूरत होगी या नहीं. इसलिए जमीर ने कहा कि ऐसा कदम उठाने से इजरायली सेना पर बोझ और बढ़ जाएगा.

चौथा: अगस्त 2025 तक, हमास के खिलाफ चल रहे युद्ध के अलावा इजराइली सेना दो और बड़े सैन्य संघर्षों में शामिल है.पहला है लेबनान में इजराइल का चल रहा “ऑपरेशन नॉर्दर्न एरोज”. ये सितंबर 2024 से जारी है और इसमें इजराइल की सेना हिज़्बुल्ला के खिलाफ लेबनान में सैन्य कार्रवाई कर रही है. इसके अलावा ईरान पर ऑपरेशन राइज़िंग लायन. यह जून 2025 में शुरू हुआ, संघर्षविराम हो गया है मगर सेना का कहना है कि ये अभी भी जारी है.

नेतन्याहू क्यों उतावले हैं?

प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू गुरुवार को अन्य मंत्रियों के साथ गाजा के सैन्य अभियानों पर चर्चा करने वाले हैं. Reuters मोें छपी सूत्रों के हवाले से खबर में बताया कि नेतन्याहू हमास पर दबाव बढ़ाने के लिए गाजा में सैन्य कार्रवाई का दायरा बढ़ाना चाहते हैं.
नेतान्याहू इजराइल के इतिहास की सबसे दक्षिणपंथी गठबंधन सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं. उनके कुछ अहम सहयोगी पहले ही ये चेतावनी दे चुके हैं कि अगर सरकार ने युद्ध खत्म किया तो वे गठबंधन से बाहर हो सकते हैं.

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