भारत पर टैरिफ बढ़ाकर Trump ने अपने पांव में मारी कुल्हाड़ी, ब्रिटिश अखबार टेलीग्राफ ने डिटेल में बताया

ब्रिटिश अखबार टेलीग्राफ का कहना है कि डोनाल्ड ट्रंप ने जिस मकसद से भारत के खिलाफ 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने की बात कही है, उसमें झोल है. रूस से भारत के अलावा चीन, तुर्की, संयुक्त अरब अमीरात, ब्राजील और यूरोपीयन यूनियन के कई देश तेल खरीदता है. ऐसे में इस टैरिफ का असर रूस पर नहीं पड़ने वाला है. उलटे भारत अमेरिका से कूटनीतिक तौर पर दूर हो जाएगा. एशिया में भारत ही एकमात्र देश है, जो चीन के खिलाफ सबसे ज्यादा मुखर रहता है.

Aug 7, 2025 - 11:08
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भारत पर टैरिफ बढ़ाकर Trump ने अपने पांव में मारी कुल्हाड़ी, ब्रिटिश अखबार टेलीग्राफ ने डिटेल में बताया
भारत पर टैरिफ बढ़ाकर Trump ने अपने पांव में मारी कुल्हाड़ी, ब्रिटिश अखबार टेलीग्राफ ने डिटेल में बताया

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर सबसे ज्यादा 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की है, जिसकी चर्चा वाशिंगटन से लेकर नई दिल्ली और लंदन तक है. ब्रिटिश अखबार द टेलीग्राफ के मुताबिक ट्रंप ने इस ऐलान से अपने पांव पर खुद कुल्हाड़ी मार ली है. अखबार का कहना है कि ट्रंप जिस मकसद से भारत के खिलाफ टैरिफ लगा रहे हैं, वो शायद ही पूरा हो.

रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने जिस तरीके से फैसला किया है, उससे एशिया का सबसे पुराना सहयोगी उससे दूर छिटक सकता है. क्यों और कैसे डिटेल में जानिए…

सबसे ज्यादा टैरिफ लगाने का फैसला क्यों?

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि भारत रूस से तेल खरीदता है, इसलिए उस पर टैरिफ लगाया जा रहा है. अमेरिकी सरकार के मुताबिक रूस तेल बेचकर हथियार खरीद रहा है, जिसके कारण यूक्रेन में निर्दोष लोगों की मौत हो रही है. रूस अपने राजस्व का एक तिहाई रुपया तेल बेचकर ही जुटाता है.

ट्रंप के मुताबिक भारत कच्चा तेल खरीदकर उसे पहले रिफाइंड करता है और फिर खुले बाजार में बेचता है. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक भारत ने 2024 में 42 अरब पाउंड का कच्चा तेल रूस से खरीदा.

ट्रंप का यह फैसला बैकफायर क्यों करेगा?

1. अखबार के मुताबिक भारत के अलावा रूस से तुर्की, संयुक्त अरब अमीरात, ब्राजील, चीन और यूरोपीयन यूनियन के कुछ देश कच्चा तेल खरीदता है. चीन सबसे ज्यादा कच्चा तेल खरीदता है. तुर्की और यूएई अमेरिका का बिजनेस पार्टनर है. इन देशों पर ट्रंप अगर प्रतिबंध नहीं लगाते हैं तो रूस को ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा. ऐसे में ट्रंप जिस मकसद से भारत के खिलाफ टैरिफ लगा रहे हैं, वो सफल नहीं हो पाएगा.

2. टेलीग्राफ ब्रिटेन के मुताबिक एशिया में भारत चीन के खिलाफ सबसे मुखर देश है. डोनाल्ड ट्रंप भारत के प्रधानमंत्री को अपना दोस्त बताते रहे हैं, लेकिन जिस तरीके से ट्रंप ने टैरिफ को लेकर फैसला किया है, उससे भारत अब अमेरिका से दूर जा सकता है. अमेरिकी एशिया में चीन का सबसे बड़ा विरोधी खो सकता है, जिसका असर आने वाले वक्त पर उसके एशियाई राजनीति पर पड़ेगा.

3. रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि रूस पहले से ही भारत और चीन को जोड़ने में लगा है. अब जिस तरीके की स्थिति डोनाल्ड ट्रंप ने पैदा कर दी है. उससे अब तीनों देश एक साथ आ सकते हैं. ब्राजील और दक्षिण कोरिया पहले से अमेरिका के खिलाफ मुखर हैं. यानी ब्रिक्स अब दुनिया में और ज्यादा मजबूती से उभरेगा. इसका सीधा असर अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा.

4. अखबार ने कहा है कि भारत में जिस तरीके की राजनीतिक परिस्थितियां है, उसमें इस बात की गुंजाइश कम ही है कि वहां की सरकार ट्रंप टैरिफ पर झुके. यानी आने वाले वक्त में ट्रंप की सरकार को ही टैरिफ के मसले पर बैकफुट पर आना होगा.

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