13 साल का इंतजार... छपरौला रोड पर रेलवे ओवर ब्रिज तैयार, ग्रेनो वेस्ट और गाजियाबाद को मिली सुपर कनेक्टिविटी

ग्रेटर नोएडा वेस्ट और गाजियाबाद के बीच सुपर कनेक्टिविटी देने वाला छपरौला रोड पर रेलवे ओवर ब्रिज 13 साल के इंतजार के बाद अब चालू हो गया है। इस ब्रिज से यातायात में सुधार होगा और लोग घंटों के जाम से बच सकेंगे।

13 साल का इंतजार... छपरौला रोड पर रेलवे ओवर ब्रिज तैयार, ग्रेनो वेस्ट और गाजियाबाद को मिली सुपर कनेक्टिविटी
सुधीर कुमार, ग्रेटर नोएडा: ग्रेटर नोएडा वेस्ट के लोगों के लिए अच्छी खबर है। गाजियाबाद को जोड़ने वाली छपरौला रोड पर बनकर तैयार हो गया है। शनिवार से इस पर वाहनों ने फर्राटा भरना शुरू कर दिया। अब गाजियाबाद से ग्रेटर नोएडा वेस्ट और ग्रेटर नोएडा वेस्ट से गाजियाबाद जाने वाले लोगों को घंटों फाटक पर जाम में खड़ा नहीं होना पड़ेगा। लोग करीब 13 साल से इस ओवरब्रिज के बनने का इंतजार कर रहे थे।बता दें कि दिल्ली-हावड़ा रेलवे लाइन पर छपरौला फाटक के पास आरओबी बनाने के लिए 2012-13 में भारतीय रेलवे और राज्य सरकार के बीच एक करार हुआ था। इस आरओबी को बनाने के लिए करीब 84.43 करोड़ रुपये की लागत में से 38.25 करोड़ रुपये रेलवे को देने थे, जबकि 46.18 करोड़ रुपये राज्य सरकार की ओर से वहन किया जाना था। रेलवे ने ओवरब्रिज साल 2019 में तैयार कर लिया, जबकि पीडब्ल्यूडी की ओर से अप्रोच रोड नहीं बनाई गई। जिसके कारण काम रुक गया। करीब चार साल से अधूरे पड़े कार्य को पूरा कराने के लिए रेलवे बोर्ड ने एक नई पॉलिसी बनाई। इसमें दो-लेन रोड ओवरब्रिज का पूरा निर्माण रेल प्रशासन की ओर से कराया जाना तय किया गया। इसके तहत यहां की अड़चन दूर हुई और शनिवार से इस ओवरब्रिज पर वाहन फर्राटा भरने लगे। हालांकि ओवरब्रिज पर कुछ काम अभी बाकी हैं, जिन्हें जल्द पूरा करने का दावा किया जा रहा है।

ग्रेटर नोएडा वेस्ट से सीधे पहुंच सकेंगे जीटी रोड

छपरौला फाटक पर ओवरब्रिज बनने के बाद अब ग्रेटर नोएडा वेस्ट से लोग गाजियाबाद, मेरठ, सहारनपुर और जीटी रोड से होते हुए सिकंदराबाद, बुलंदशहर, अलीगढ़ सहित कई शहरों में जा सकते हैं। अब तक के कारण उन्हें घंटों फंसना पड़ता था। जाम से बचने के लिए लाखों लोग प्रतिदिन शाहबेरी और दादरी से होते हुए निकलते थे, जिससे लोगों को अधिक दूरी तय करनी पड़ती है।

जाम की बनी रहती थी समस्या

इस रोड पर बड़े वाहनों का अधिक दबाव होने के कारण सड़क पर जाम लगा रहता था। ट्रेन के पास होने के कारण अधिकांश फाटक बंद रहता था। जिससे जाम किलो मीटर तक लग जाता था। लेकिन अब जाम की समस्या नहीं होगी।