8 साल पहले शादी, सिर्फ 17 दिन साथ रहे... पत्नी बोली- मेरा पति नपुंसक उसका टेस्ट करवाया जाए, हाईकोर्ट का इनकार

बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा कि बढ़ती उम्र का टेस्ट पर प्रभाव होगा। पति का 2017 में परीक्षण हुआ जो सामान्य था। पत्नी ने विवाह की समाप्ति और परीक्षण की मांग की थी। न्यायालय ने रिपोर्ट का हवाला देते हुए फैसला सुनाया।

Mar 22, 2025 - 05:29
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8 साल पहले शादी, सिर्फ 17 दिन साथ रहे... पत्नी बोली- मेरा पति नपुंसक उसका टेस्ट करवाया जाए, हाईकोर्ट का इनकार
मुंबई: बॉम्बे हाई कोर्ट ने एक शख्स की के आठ साल बाद उसकी मर्दानगी की जांच कराने से मना कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि उम्र बढ़ने से टेस्ट पर असर पड़ेगा। हाई कोर्ट ने फैमिली कोर्ट के उस आदेश को रद्द कर दिया जिसमें पत्नी की अर्जी को मंजूर किया गया था। जस्टिस माधव जामदार ने कहा किआठ साल बाद मेडिकल जांच की इजाजत देना कि 2017 में था या नहीं, सही और कानूनी नहीं होगा।शादी के बाद सिर्फ 17 दिन साथ रहेइस जोड़े ने जून 2017 में शादी की थी, लेकिन वे केवल 17 दिन ही साथ रहे। अक्टूबर 2017 में, पत्नी ने हिंदू विवाह अधिनियम के तहत शादी को रद्द करने की मांग की। उसने कहा कि उसके पति की नपुंसकता के कारण शादी नहीं चल पाई। पत्नी ने पति की मेडिकल जांच कराने का भी अनुरोध किया। उस समय सतारा सिविल अस्पताल में एक्सपर्ट नहीं थे। इसलिए मई 2019 में जज ने पुणे के ससून अस्पताल को पति की जांच करने का आदेश दिया। हाईकोर्ट ने क्या कहाअस्पताल ने अगस्त 2019 में एक रिपोर्ट दी। इस रिपोर्ट में कहा गया कि आदमी शारीरिक संबंध बनाने में असमर्थ है, ऐसा कोई सबूत नहीं मिला। बाद में यह रिपोर्ट फैमिली कोर्ट को सौंपी गई। हाई कोर्ट ने रिपोर्ट का हवाला दिया। कोर्ट ने कहा कि पति की जांच कई एक्सपर्ट ने की थी। कोर्ट ने यह भी कहा कि इतने सालों बाद कराना ठीक नहीं होगा। हाई कोर्ट ने कहा कि यह बात अच्छी तरह से स्थापित है कि उम्र बढ़ने से यौन व्यवहार बदल जाता है। यौन प्रतिक्रिया धीमी और कम तीव्र हो सकती है। किसी भी मामले में, बढ़ती उम्र मेडिकल टेस्ट को प्रभावित करेगी। इसका मतलब है कि उम्र बढ़ने के साथ-साथ शरीर में बदलाव आते हैं। इससे टेस्ट के नतीजे सही नहीं आएंगे। इसलिए, कोर्ट ने आठ साल बाद मर्दानगी का टेस्ट कराने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने फैमिली कोर्ट के फैसले को भी रद्द कर दिया।

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,