सोना या चांदी... आगे कौन देगा ज्‍यादा रिटर्न, क्या चमक रहेगी बरकरार? हर सवाल का जवाब

सोने और चांदी की बढ़ती मांग और सीमित सप्लाई के कारण उनकी कीमतों में काफी तेजी देखी जा रही है। चांदी की औद्योगिक उपयोग और निवेशकों की रुचि बढ़ने से इसकी कीमत में और वृद्धि हो सकती है। सोना भी आर्थिक अनिश्चितता और सेंट्रल बैंक की खरीदारी से महंगा हो रहा है।

Mar 23, 2025 - 14:19
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सोना या चांदी... आगे कौन देगा ज्‍यादा रिटर्न, क्या चमक रहेगी बरकरार? हर सवाल का जवाब
नई दिल्‍ली: सोने ने बीते कुछ समय में शानदार रिटर्न दिया है। यही कारण है कि आजकल हर तरफ सोने की ही चर्चा है। लेकिन, सोने का एक करीबी साथी है - चांदी। चांदी को उतनी चर्चा नहीं मिल रही है, जबकि यह भी 2025 में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाली संपत्ति बनने की दौड़ में पीछे नहीं है। पिछले एक साल में सोने में 40% से ज्‍यादा की बढ़ोतरी हुई है। वहीं, चांदी में लगभग 34% का इजाफा हुआ है। अभी चांदी लगभग 33 डॉलर प्रति औंस पर है। भारत में चांदी का स्पॉट प्राइस लगभग 1 लाख रुपये प्रति किलो है। सोने का भाव लगभग 3,030 डॉलर प्रति औंस है। भारत में यह कीमत 88,500 रुपये प्रति 10 ग्राम के आसपास है। इन शानदार रिटर्न को देखते हुए लगातार यह सवाल पूछा जा रहा है कि इन दोनों कीमती धातुओं - सोना और चांदी - की कीमतों में बढ़ोतरी के पीछे क्या कारण है? क्या यह चमक बरकरार रहेगी? दोनों में किसमें पैसा लगाना ज्‍यादा फायदेमंद होगा? आइए, यहां ऐसे सभी सवालों के जवाब जानते हैं।

चांदी में तेजी क्यों है?

चांदी में तेजी का कारण यह है कि लगातार पांचवें साल चांदी की मांग उसकी सप्‍लाई से ज्‍यादा है। अनुमान है कि 2025 में वैश्विक चांदी की मांग 1.20 अरब औंस पर स्थिर रहेगी, जबकि कुल वैश्विक चांदी की सप्‍लाई 3% बढ़कर 1.05 अरब औंस हो जाएगी। यह पिछले 11 सालों में सबसे ज्‍यादा है। इसलिए डिमांड और सप्‍लाई में अंतर है। यह अंतर चांदी की कीमतों के लिए अच्छी खबर है।चांदी की कीमतें बढ़ने के दो बड़े कारण बताए जा रहे हैं। पहला, औद्योगिक गतिविधियों में तेजी। दूसरा, चांदी में निवेश करने में लोगों की बढ़ती दिलचस्पी। चांदी का बाजार अपेक्षाकृत छोटा है। इसका सालाना कारोबार लगभग 30 अरब डॉलर है। ऐसे में सप्‍लाई में थोड़ा सा बदलाव भी मांग और कीमत पर बड़ा असर डालता है। औद्योगिक क्षेत्र में ग्रीन टेक्नोलॉजी (पर्यावरण के अनुकूल तकनीक) की वजह से चांदी की मांग बढ़ी है। लेकिन, सप्‍लाई सीमित है। इसलिए, चांदी तेजी से बदलती अर्थव्यवस्था में एक अच्छा विकल्प है।

क्या 2025 और उसके बाद चांदी की कीमत बढ़ेगी?

इसे जानने के लिए एक आसान तरीका है - सोने-चांदी के अनुपात पर नजर रखना।

सोने-चांदी का अनुपात क्या है?

सोने-चांदी का अनुपात सोने और चांदी की कीमतों के बीच का संबंध बताता है। यह बताता है कि एक औंस के बराबर होने के लिए कितने औंस चांदी की जरूरत है। सोने-चांदी का अनुपात 1980 के दशक के आखिर से काफी बढ़ गया है। उस समय यह अनुपात औसतन 70:1 होता था। आज यह अनुपात लगभग 91:1 है। कारण है कि सोना लगभग 3,030 डॉलर पर है और चांदी लगभग 33 डॉलर पर कारोबार कर रही है। इसका मतलब है कि चांदी अभी भी कम मूल्य पर है। इसमें बढ़ने की गुंजाइश है। या तो तेजी से बढ़ेगी या सोने की कीमत गिरेगी या स्थिर रहेगी, ताकि यह अनुपात 70:1 के अपने लंबे समय के औसत के करीब आ जाए।

सोने में तेजी क्यों है?

सोने को हमेशा से महंगाई से बचाने वाला और सुरक्षित निवेश माना जाता रहा है। आजकल, सेंट्रल बैंक (देश के बैंक) भी सोना ज्‍यादा खरीद रहे हैं। वे हर साल 1,000 टन से ज्‍यादा सोना खरीद रहे हैं, जो पहले कभी नहीं हुआ। इसके अलावा, अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों से अलग-अलग देशों में आर्थिक अनिश्चितता पैदा हो रही है। अमेरिका में मंदी की बातें भी हो रही हैं।

आगे क्या होगा?

अनिश्चितता और धीमी आर्थिक विकास की वजह से अमेरिका का सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में तेजी से कटौती कर सकता है। इससे डॉलर कमजोर होगा और सोने की कीमतें बढ़ेंगी।

क्‍या करना चाहिए निवेश?

कुल मिलाकर, सोना और चांदी दोनों ही 5, 10 और 15 सालों के लिए आपके निवेश का हिस्सा हो सकते हैं। सोने-चांदी के अनुपात का इस्तेमाल यह तय करने के लिए किया जा सकता है कि किस समय सोना या चांदी में ज्‍यादा निवेश करना बेहतर है। अतीत में देखा गया है कि इनका रिटर्न हमेशा एक जैसा नहीं रहता है। लेकिन, जब ये बढ़ते हैं तो आपके निवेश में होने वाले नुकसान को पूरा कर सकते हैं। दूसरे शब्दों में सोने और चांदी में निवेश करने से लंबे समय में आपके निवेश को फायदा हो सकता है।

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,