मरो या सरेंडर करो... रूस ने कुर्स्क में यूक्रेनी सेना को घेरा, खतरे में जेलेंस्की के हजारों सैनिकों की जान

पिछले साल गर्मियों में रूस के कुर्स्क क्षेत्र में घुसने वाले हजारों यूक्रेनी सैनिकों को रूसी सैनिकों ने लगभग घेर लिया है। यह कीव के लिए एक बड़ा झटका है, जो किसी भी शांति वार्ता में मॉस्को पर अपनी मौजूदगी का लाभ उठाने की उम्मीद कर रहा था। कुर्स्क में रूसी सेना लगातार आगे बढ़ रही है।

Mar 8, 2025 - 19:26
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मरो या सरेंडर करो... रूस ने कुर्स्क में यूक्रेनी सेना को घेरा, खतरे में जेलेंस्की के हजारों सैनिकों की जान
मॉस्को: रूसी सेना ने पिछले साल गर्मियों में रूस के कुर्स्क क्षेत्र में घुसने वाले हजारों यूक्रेनी सैनिकों को लगभग घेर लिया है। इसे यूक्रेन के लिए बहुत बड़ा झटका माना जा रहा है। यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की रूस के साथ किसी भी शांति वार्ता के दौरान कुर्स्क में अपनी सेना की मौजूदगी का लाभ उठाने की उम्मीद कर रहे थे। लेकिन, अब उनकी यह उम्मीद टूट चुकी है। दूसरी ओर अमेरिका ने यूक्रेन को मिलिट्री सहायता और इंटेलिजेंस इनपुट रोककर पहले ही बड़ा झटका दिया है। ऐसे में कुर्स्क में घिरे यूक्रेनी सैनिकों के लिए सिर्फ दो ही विकल्प बचे हैं, या तो सरेंडर करें या फिर मरने के लिए तैयार रहें।

कुर्स्क में यूक्रेन की स्थिति बहुत खराब

ओपन सोर्स मैप्स से पता चला है कि पिछले तीन दिनों में कुर्स्क में यूक्रेन की स्थिति बहुत खराब हो गई है। रूसी सेना ने एक जवाबी हमले के तहत कुर्स्क क्षेत्र के एक बड़े इलाके पर फिर से कब्जा कर लिया है। इसने यूक्रेनी सेना को लगभग दो हिस्सों में काट दिया है और मुख्य समूह को उसकी मुख्य आपूर्ति लाइनों से अलग कर दिया है। इससे यूक्रेनी सैनिकों का संपर्क पूरी तरह से अपने देश से कट गया है।

अमेरिका ने छोड़ा यूक्रेन का साथ

यूक्रेन के लिए यह अनिश्चित स्थिति तब आई है जब वाशिंगटन ने कीव के साथ अपनी खुफिया जानकारी साझा करना बंद कर दिया है और इस बात की संभावना जताई है कि उसकी सेना को राजनीतिक रूप से अजीब और मनोवैज्ञानिक रूप से कठिन वापसी के लिए यूक्रेन में मजबूर किया जा सकता है, या पकड़े जाने या मारे जाने का जोखिम हो सकता है।

कुर्स्क में आगे बढ़ रही रूसी सेना

युद्ध के मैदान में उलटफेर ऐसे समय में हुआ है जब कीव पर मॉस्को के साथ युद्ध विराम के लिए अमेरिका का दबाव बढ़ रहा है और रूसी सेना यूक्रेन के अंदर अग्रिम पंक्ति के कुछ हिस्सों में आगे बढ़ रही है, जबकि यूक्रेनी सेना एक क्षेत्र में लड़ाई लड़ रही है। फिनलैंड स्थित ब्लैक बर्ड ग्रुप के सैन्य विश्लेषक पासी पैरोइनेन ने रॉयटर्स को बताया, "कुर्स्क में यूक्रेन के लिए स्थिति बहुत खराब है।"

यूक्रेनी सेना के लिए करो या मरो के हालात

उन्होंने कहा, "अब यूक्रेनी सेना को घेरने या पीछे हटने के लिए मजबूर करने में बहुत समय नहीं बचा है। और पीछे हटने का मतलब होगा एक खतरनाक दौर से गुजरना, जहां सेना को लगातार रूसी ड्रोन और तोपखाने से खतरा होगा।" उन्होंने यह भी कहा, "अगर यूक्रेनी सेना जल्दी से स्थिति को बहाल करने में सक्षम नहीं होती है, तो यह वह क्षण हो सकता है जब कुर्स्क का मुख्य भाग आखिरकार घेरे में बंद होने लगेगा।"

यूक्रेन के पास कोई विकल्प नहीं

रूसी रक्षा मंत्रालय या यूक्रेनी सेना की ओर से रूसी हमले की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई, दोनों ही युद्ध के मैदान में बदलाव की रिपोर्ट देरी से करते हैं। एक अन्य सैन्य विश्लेषक यान मतवेव ने टेलीग्राम पर कहा कि यूक्रेन के पास एक कठिन विकल्प था। उन्होंने कहा, "पुलहेड को बनाए रखने के पक्ष में एकमात्र तर्क राजनीतिक है। सौदेबाजी के लिए पुलहेड के अवशेषों का उपयोग करना। और थोड़ा मनोबल भी - आखिरकार, पीछे हटना पीछे हटना ही है...।"

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,