मजीद ब्रिगेड, फतेह स्क्वॉड, STOS... बलूच लिबरेशन आर्मी के तीन अंग, जिन्होंने किया ट्रेन अगवा, कैसे पाकिस्तान की नाक में कर रखा है दम?

बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) ने पाकिस्तान के बोलन जिले में एक ट्रेन को हाईजैक किया है। सैकड़ों यात्रियों को बंधक बनाया गया है। बीएलए पिछले 25 सालों से पाकिस्तान की सरकार के खिलाफ जंग लड़ रहा है। इसके कई स्पेशल यूनिट्स हैं, जिनमें से एक जिराब है, जो इस ट्रेन के अपहरण के पीछे शामिल है।

Mar 12, 2025 - 08:17
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मजीद ब्रिगेड, फतेह स्क्वॉड, STOS... बलूच लिबरेशन आर्मी के तीन अंग, जिन्होंने किया ट्रेन अगवा, कैसे पाकिस्तान की नाक में कर रखा है दम?
इस्लामाबाद: दशकों से आतंकियों को पालने वाला पाकिस्तान आज आतंकवाद से कराह रहा है। अमेरिका की पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने इस्लामाबाद में चेतावनी दी थी कि जो सांप को पालेगा एक दिन वही सांप उसे भी काटेगा। लेकिन जो सुधर गया वो पाकिस्तान नहीं। मंगलवार को पाकिस्तान के बोलन जिले में बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने एक ट्रेन को अगवा कर लिया। इसके बाद से भीषण खून खराबा हो रहा है। पाकिस्तानी सेना के कई जवान और BLA के कई लड़ाके मारे जा चुके हैं। जाफर एक्सप्रेस को उस वक्त अगवा किया गया, जब ये मशकफ और धादर इलाकों से गुजर रही थी। बीएलए का दावा है कि ट्रेन में 180 से ज्यादा लोगों को बंधक बनाकर रखा गया है, जिनमें से ज्यादातर पाकिस्तानी सेना के जवान हैं।BLA ने कहा है कि ये हाईजैक ऑपरेशन उसकी फिदायीन यूनिट, मजीद ब्रिगेड ने किया है। बीएलए का कहना है कि फतेह स्क्वाड, STOS और उसकी खुफिया विंग जीराब ने मजीद ब्रिगेड की मदद की थी। पाकिस्तान की सेना ने कार्रवाई के बाद 100 से ज्यादा लोगों को रिहा करने का दावा किया है, लेकिन 100 से ज्यादा लोग अभी भी बंधक बने हुए हैं। अभी तक पाकिस्तानी सेना के 30 जवानों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है। बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी क्या है?बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) पाकिस्तान के बलूचिस्तान का एक संगठन है, जिसका मकसद बलूचिस्तान को पाकिस्तान से अलग करना है। इस संगठन का जन्म पाकिस्तानी सेना के बलूचिस्तान में किए गये जुल्म के खिलाफ बदला लेने के लिए किया गया है। पाकिस्तानी सेना के सालों से बलूचिस्तान में चलाए गये ऑपरेशन में हजारों बेगुनाह बलूचों की हत्या कर दी गई। सैकड़ों बलूच अभी भी लापता हैं। BLA का जन्म 2000 के दशक की शुरुआत में हुआ था। बाद में पाकिस्तान की सरकार ने इसे एक आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया।बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी के ज्यादातर अभियान पाकिस्तान की सेना, बलूचिस्तान में चीनी प्रोजेक्ट्स और पाकिस्तान सरकार को निशाना बनाकर होती है। इसने अपने ऑपरेशन में चीन के कई इंजीनियरों की हत्या की है। बीएलए के अंदर के मिलिट्री विंग को मजीद ब्रिगेड कहा जाता है। ये विंग अपने ज्यादातर ऑपरेशन फिदायीन हमलों से करता है, यानि आत्मघाती हमलावर खुद को विस्फोट से उड़ा लेते हैं। इन आत्मघाती हमलावरों में फतेह स्क्वाड के लड़ाके शामिल होते हैं। ये गुरिल्ला हमलों के लिए जाने जाते हैं। पाकिस्तान की सरकार ने बीएलए को बैन कर रखा है और पाकिस्तान के कुछ सहयोगी देशों ने भी इसे आतंकवादी संगठन करार दिया हुआ है।बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी के ऑपरेशंस काफी संगठित होते हैं। मजीद ब्रिगेड, फतेह स्क्वाड, और स्पेशल टेक्टिकल ऑपरेशंस स्क्वाड (STOS) मिलकर हमलों को अंजाम देते हैं। मजीद ब्रिगेड कितना खतरनाक है?बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी के अंदर मजीद ब्रिगेड की स्थापना साल 2011 में की गई थी, जो एक मिलिट्री विंग है। इसके लड़ाके आत्मघाती हमलों को अंजाम देने में माहिर माने जाते हैं। ये अपने हमलों को बलूचिस्तान की आजादी के लिए आत्म-बलिदान कहते हैं। मजीद ब्रिगेड का नाम बलूच स्वतंत्रता सेनानी अब्दुल मजीद बलूच के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने साल 1974 में पाकिस्तान के पूर्व प्रधान मंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो की हत्या की कोशिश की थी। इस ब्रिगेड ने कई बड़े हमलों को अंजाम दिया है, जिनमें दिसंबर 2011 में शफीक मेंगल को निशाना बनाकर किया गया हमला शामिल है, जिसमें 14 लोग मारे गए थे और 35 घायल हो गए थे। मजीद ब्रिगेड ने नवंबर 2018 में कराची स्थिति चीनी काउंसलेट पर हमला किया था। फतेह स्क्वॉड को समझिएफतेह स्क्वॉड यानि फतेह दस्ता का काम मुख्य तौर पर बलूचिस्तान के पहाड़ी इलाकों में ऑपरेशंस को अंजाम देना है। ये बलूचिस्तान के पहाड़ी क्षेत्रों में काम करता है। इन इलाकों में ये पाकिस्तान की सेना के खिलाफ गुरिल्ला ऑपरेशंस को चलाती है। ये पाकिस्तानी सेना के काफिलों और शिविरों पर घात लगाकर हमला करता है। पिछले साल फतेह स्क्वॉड ने ऑपरेशन हेरोफ में बलूचिस्तान की मुख्य सड़कों पर 14 नाकेबंदी करके 62 पाकिस्तानी सैनिकों को मार गिराया था।स्पेशल टेक्टिकल ऑपरेशंस स्क्वाड (STOS) क्या है?STOS बीएलए का सबसे खतरनाक फोर्स है। इसका काम खुफिया ऑपरेशंस को अंजाम देना होता है। ये खुफिया जानकारियां जुटाती है, जासूसी करती है और हाई प्रोफाइल मर्डर करने में इसे महारत हासिल है। STOS की कमान अभी बशीर जेब बलूच के हाथों में है। STOS ने पाकिस्तानी सेना के अधिकारियों और उनके कई स्थानीय सहयोगियों को ट्रैक किया है और उनकी हत्या की है। इसका सबसे महत्वपूर्ण काम बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सेना को ऑपरेशंस को नाकाम करना है।

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,