नेपाल में योगी आदित्‍यनाथ का पोस्टर लहराना इस शख्स को क्यों पड़ गया भारी? पूरा मामला समझ लीजिए

58 साल के नेपाली नागरिक विक्रम राणा ने गत 9 मार्च को राजा ज्ञानेंद्र विक्रम सिंह के स्‍वागत समारोह में शामिल थे। एयरपोर्ट पर निकल रहे काफिले के दौरान उन्‍होंने एक पोस्‍टर लहराया जिस पर यूपी के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ की तस्‍वीर लगी थी। इसको लेकर मुद्दा गर्मा गया है।

Mar 12, 2025 - 08:17
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नेपाल में योगी आदित्‍यनाथ का पोस्टर लहराना इस शख्स को क्यों पड़ गया भारी? पूरा मामला समझ लीजिए
प्रमोद पाल, गोरखपुर: पड़ोसी राष्ट्र नेपाल से गोरखपुर आए एक शख्स की दास्तान बेहद विचित्र है। का दावा है कि 9 मार्च को राजा ज्ञानेंद्र विक्रम सिंह के स्‍वागत के दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का पोस्टर लहराना मेरे लिए भारी पड़ गया। लोग इसके पीछे कई तरह के कयास लग रहे हैं। इसकी वजह से पुलिस मेरे पीछे पड़ी हुई है और मुझे नेपाल छोड़कर भारत में शरण लेनी पड़ी है। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की सरकार ने एक विदेशी देश के नेता के पोस्टरों के इस्तेमाल की निंदा की थी। 58 वर्षीय प्रदीप विक्रम राणा मंगलवार को नेपाल से भागकर गोरखपुर पहुंचे। राणा ने बताया कि पुलिस का मानना है कि मैं भारत सरकार और योगी जी से मिलकर नेपाल की वर्तमान सरकार के खिलाफ साजिश रच रहा हूं। इसी वजह से पुलिस मेरे पीछे पड़ी है और मुझे भाग कर भारत आना पड़ा है। 58 वर्षीय प्रदीप विक्रम राणा काठमांडू के वार्ड नंबर 16 के निवासी हैं। उनके पिता फौज में रहे और वह शुरू से राजनीति में सक्रिय रहे हैं। क्षेत्र में इनके परिवार का एक अच्छा खासा रसूख है।

'योगी जी को बहुत पसंद करता हूं'

प्रदीप का कहना है कि 9 मार्च को हमारे राजा ज्ञानेंद्र विक्रम सिंह नेपाल वापस लौटे थे। एयरपोर्ट पर उनके स्वागत के लिए हजारों की संख्या में लोग मौजूद थे। इस दौरान मैंने राजा साहब और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का पोस्टर एक साथ लेकर रखा था। मेरा मानना है कि जिस तरह योगी जी हिंदू और हिंदुत्व के लिए लगातार लड़ाई लड़ते रहे हैं, वह हम सब के वैश्विक नेता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भी मैं उन्हें बेहद पसंद करता हूं।

'कभी योगी आदित्‍यनाथ से नहीं मिला हूं'

प्रदीप विक्रम राणा का दावा है कि ना तो मैं कभी योगी आदित्यनाथ जी से मिला हूं और ना ही भारत के किसी राजनेता से। इसलिए पैसे लेने की बात तो दूर-दूर तक सपने में भी नहीं सोची जा सकती। मैं अपने राजा ज्ञानेंद्र विक्रम सिंह और योगी आदित्यनाथ जी का सम्मान करता हूं। बस मेरा गुनाह सिर्फ इतना ही है। मैं नेपाल को उसके हिंदू राष्ट्र का दर्जा बहाल करने के प्रबल समर्थक रहा हूं, जिसे 2008 में संशोधन के माध्यम से बदल दिया गया था।

'मेरी बेटी पायलट और बेटा डॉक्‍टर है'

राणा के मुताबिक, 81% हिंदू आबादी वाला नेपाल 2008 तक हिंदू राष्ट्र ही था। बाद में देश में लोकतंत्र बहाल हुआ और वर्तमान में नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी का शासन है। तब से लेकर अब तक लगातार राजनीतिक उथल-पुथल जारी है। अब तक कई बार प्रधानमंत्री भी बदल चुके हैं। मुझे अपने देश को छोड़ना पड़ा है। जबकि मेरी एक बेटी पायलट और बेटा डॉक्टर है। पिताजी फौज में रहे। आर्थिक और सामाजिक रूप से मेरा परिवार बेहद संपन्न है। मैं बड़ी मुश्किल से छिप-छिपा कर वहां से निकला हूं। नेपाल में राजशाही वापस लाने और फिर से नेपाल को हिंदू राष्ट्र बनाने की मेरी लड़ाई अंतिम सांस तक जारी रहेगी।

'वर्तमान सरकार हटाने तक नेपाल नहीं लौटूंगा'

राणा ने दावा किया कि किसी ने उन्हें इसके लिए उकसाया या प्रायोजित नहीं किया क्योंकि उनके पास पैसे की कमी नहीं थी। वह जब तक वर्तमान सरकार को हटाया नहीं जाता तब तक नेपाल नहीं लौटेंगे।

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,