जिस नाववाले ने महाकुंभ में कमाए 30 करोड़, उसे मिल गया इनकम टैक्‍स नोटिस, अब छिड़ गई यह बहस

प्रयागराज के अरैल के नाविक पिंटू महरा ने महाकुंभ के दौरान 45 दिनों में 30 करोड़ रुपये कमाए। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस पर चर्चा की, जिसके बाद आयकर विभाग ने उन्हें 12.8 करोड़ रुपये का टैक्स नोटिस भेजा। यह घटना इस मुद्दे पर बहस छेड़ती है कि अप्रत्याशित उच्च आय पर टैक्स कैसे लगाया जाना चाहिए।

Mar 13, 2025 - 09:03
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जिस नाववाले ने महाकुंभ में कमाए 30 करोड़, उसे मिल गया इनकम टैक्‍स नोटिस, अब छिड़ गई यह बहस
नई दिल्‍ली: प्रयागराज के अरैल गांव के नाविक पिंटू महरा महाकुंभ के बाद से चर्चा में हैं। उन्होंने मेले के दौरान जोरदार कमाई। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दावा किया कि एक नाविक परिवार ने 13 जनवरी से 26 फरवरी तक प्रयागराज में चले महाकुंभ के दौरान केवल 45 दिनों में 30 करोड़ रुपये कमाए। इस खबर के बाद सोशल मीडिया पर चर्चा छिड़ गई और खबरें आईं कि नाविक को आयकर विभाग से टैक्स नोटिस मिला है। इस नोटिस में उनसे 12.8 करोड़ रुपये का टैक्स मांगा गया है। यह मामला और उस पर लगने वाले टैक्स को लेकर कई सवाल खड़े करता है।प्रयागराज के रहने वाले नाविक पिंटू महरा की किस्मत महाकुंभ के दौरान पलट गई। रोजाना 500 रुपये कमाने वाले पिंटू ने 45 दिनों में 30 करोड़ रुपये कमाए। सीएम योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में इस बात का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि 130 नावों वाले परिवार ने कुल 30 करोड़ रुपये कमाए। यानी हर नाव से रोजाना 50,000-52,000 रुपये की कमाई हुई। पहले जहां एक नाव से 1,000-2,000 रुपये रोजाना मिलते थे, वहीं महाकुंभ में यह कमाई कई गुना बढ़ गई। लेकिन, इस खुशी के बाद पिंटू पर आफतों का पहाड़ टूट पड़ा। उन्हें आयकर विभाग से 12.8 करोड़ रुपये का टैक्स नोटिस मिला। यह नोटिस आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 4 और 68 के तहत भेजा गया। इस घटना ने अनियोजित आय पर टैक्स के मुद्दे पर बहस छेड़ दी है। दरअसल, पिंटू ने खुलासा किया था कि उन्होंने और उनके परिवार ने महाकुंभ के दौरान नावों के बेड़े के संचालन के जरिये केवल 45 दिनों में 30 करोड़ रुपये की कमाई की। इस घटनाक्रम के बाद तमाम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर यह खबर है कि कि नाविक को आयकर विभाग से एक टैक्स नोटिस मिला है। इसमें आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 4 और 68 के तहत 12.8 करोड़ रुपये का टैक्स मांगा गया है।

छिड़ गई है यह बहस

फाइनेंशियल प्‍लानर और सेबी रजिस्‍टर्ड रिसर्च एनालिस्‍ट एके मंधन ने बताया कि महाकुंभ मेले के दौरान अपना पूरा जीवन नाव चलाने और प्रतिदिन 500 रुपये की मामूली आय अर्जित करने में बिताने वाले नाविक ने अपनी वित्तीय परिस्थितियों में नाटकीय बदलाव का अनुभव किया है। उसने अप्रत्याशित रूप से आयोजन के दौरान 30 करोड़ रुपये की भारी कमाई की। यह अचानक धन महरा के लिए आश्चर्य के रूप में आया, जो अब एक साल के भीतर 12.8 करोड़ रुपये का टैक्स चुकाने के कठिन काम का सामना कर रहे हैं। मंधन ने कहा, 'प्रयागराज का एक नाविक, जिसने अपना पूरा जीवन नाव चलाने और मुश्किल से 500 रुपये प्रतिदिन कमाने में बिताया, अचानक उसे महाकुंभ मेले के दौरान 30 करोड़ रुपये की कमाई हुई। तीर्थयात्रियों की भारी भीड़ ने अप्रत्याशित मांग पैदा कर दी और नाविक ने अपने नाव का किराया 100 रुपये से बढ़ाकर 1,000 रुपये प्रति सवारी कर दिया। कुछ ही महीनों में उसकी कुल कमाई 30 करोड़ रुपये तक पहुंच गई, जिसकी उसने अपने जीवन में कभी कल्पना भी नहीं की थी। लेकिन, आगे जो हुआ वह चौंकाने वाला था! आयकर विभाग ने उसे आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 4 और 68 के तहत 12.8 करोड़ रुपये का टैक्स नोटिस जारी किया। एक आदमी जो टैक्स स्लैब या रिटर्न दाखिल करने के बारे में कभी नहीं जानता था, अब एक व्यवसायी की तरह भारी टैक्स बिल के साथ फंस गया। उसकी किस्मत रातों-रात एक वित्तीय दुःस्वप्न में बदल गई। कल्पना कीजिए कि एक व्यक्ति जो कभी महीने में 15,000 रुपये कमाने के लिए संघर्ष करता था, अब उसे एक साल के भीतर 12.8 करोड़ रुपये का टैक्स चुकाना होगा। उसके लिए इतना बड़ा पैसा कमाना पहले से ही एक झटका था और अब इसका एक बड़ा हिस्सा टैक्स के रूप में खोना और भी दर्दनाक था।' उन्होंने इस मुद्दे पर कुछ सवाल उठाए:1. क्या इस नाविक जैसे अनियोजित उच्च आय अर्जित करने वालों के लिए अलग टैक्स ढांचा होना चाहिए?2. या उन पर दूसरों के समान ही टैक्स लगाया जाना चाहिए। क्या सिस्टम को एक साधारण नियम पर काम करना चाहिए - बड़ा कमाओ, बड़ा भुगतान करो, चाहे आप कोई भी हों?

मोहनदास पई ने भी जताई थी आशंका

इसके पहले इन्फोसिस के पूर्व सीएफओ मोहनदास पई ने भी कहा था कि उन्हें उम्मीद है कि नाविक का परिवार किसी भी अन्य व्यवसायी की तरह आयकर का भुगतान करेगा। पई ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्‍स' पर लिखा, 'मुझे उम्मीद है कि वह @IncomeTaxIndia को भुगतान करेंगे क्योंकि अब खुद सीएम ने उनके बारे में बात की है। अच्छा है।' भारत में असंगठित क्षेत्र का कराधान इसकी अनौपचारिक संरचना और व्यापक विविधता के कारण एक चुनौती पेश करता है। इस क्षेत्र में छोटे उद्यम और स्व-नियोजित व्यक्ति शामिल हैं जो अक्सर किसी कानूनी ढांचे के तहत औपचारिक पंजीकरण के बिना काम करते हैं।

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,