भारत का सबसे व्यस्त रेलवे स्टेशन: हावड़ा स्टेशन की गौरवशाली कहानी

हावड़ा रेलवे स्टेशन भारत का सबसे व्यस्त और ऐतिहासिक रेलवे स्टेशन है, जो अपनी औपनिवेशिक वास्तुकला, आधुनिक सुविधाओं और समृद्ध विरासत के लिए जाना जाता है। विक्टोरियन और गॉथिक शैलियों में बना यह स्टेशन न केवल परिवहन का केंद्र है, बल्कि एक ऐतिहासिक धरोहर भी है। यह पूर्वी और दक्षिण पूर्व रेलवे के दो डिवीजनों के अंतर्गत आता है और हाल ही में देश का पहला 'ग्रीन रेलवे स्टेशन' बनने का गौरव प्राप्त कर चुका है।

Jul 5, 2025 - 19:11
Jul 5, 2025 - 19:16
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भारत का सबसे व्यस्त रेलवे स्टेशन: हावड़ा स्टेशन की गौरवशाली कहानी
भारत का सबसे व्यस्त रेलवे स्टेशन: हावड़ा स्टेशन की गौरवशाली कहानी

भारत का सबसे व्यस्त रेलवे स्टेशन: हावड़ा स्टेशन की गौरवशाली कहानी

हावड़ा रेलवे स्टेशन न सिर्फ भारतीय रेलवे का एक प्रमुख केंद्र है, बल्कि यह देश की सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और तकनीकी प्रगति का प्रतीक भी है। प्रतिदिन 600 से अधिक ट्रेनों का संचालन और 10 लाख से ज्यादा यात्रियों की आवाजाही इसे भारत का सबसे व्यस्त रेलवे स्टेशन बनाती है। आइए जानें इस स्टेशन के इतिहास, विशेषताओं और वर्तमान स्थिति के बारे में विस्तार से।

हावड़ा रेलवे स्टेशन: इतिहास और आधुनिकता का अद्भुत संगम

हावड़ा रेलवे स्टेशन न केवल भारत का सबसे व्यस्त स्टेशन है, बल्कि एक ऐतिहासिक धरोहर भी है। इसका निर्माण 1901 में शुरू होकर 1906 में पूरा हुआ था। लाल ईंटों से बना यह भवन ब्रिटिश वास्तुकार हैल्सी रिकार्डो द्वारा डिजाइन किया गया, जिसमें विक्टोरियन और गॉथिक शैली की झलक मिलती है। स्टेशन के प्रवेश द्वार पर लगी 99 साल पुरानी 'बोरो घोड़ी' आज भी इसकी विरासत को दर्शाती है।

यह स्टेशन पूर्वी रेलवे के हावड़ा डिवीजन और दक्षिण पूर्व रेलवे के खड़गपुर डिवीजन के अंतर्गत आता है, जो इसे एक विशेष स्थान देता है। स्टेशन पर वेटिंग हॉल, रिटायरिंग रूम, फूड स्टॉल, वाई-फाई जैसी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं। हाल ही में इसे आईजीबीसी की प्लैटिनम रेटिंग मिली है, जिससे यह देश का पहला 'ग्रीन रेलवे स्टेशन' बन गया है।

इतिहास की बात करें तो भारत की दूसरी ट्रेन 15 अगस्त 1854 को यहीं से हुगली के लिए चली थी। द्वितीय विश्व युद्ध और विभाजन के समय यह एक महत्वपूर्ण केंद्र रहा। स्टेशन के पास स्थित रेलवे म्यूजियम भारतीय रेलवे की विरासत को संरक्षित रखता है।

हावड़ा रेलवे स्टेशन सिर्फ एक परिवहन केंद्र नहीं, बल्कि लाखों यात्रियों की भावनाओं और इतिहास का जीवंत प्रतीक है।


हावड़ा रेलवे स्टेशन की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

हावड़ा स्टेशन की स्थापना 1854 में हुई थी। यह भारत का सबसे पुराना रेलवे स्टेशन भी माना जाता है। शुरुआती दिनों में यह एक छोटा सा स्टेशन था, लेकिन समय के साथ इसका विस्तार होता गया और आज यह भारतीय रेलवे के सबसे व्यस्त और आधुनिक स्टेशनों में से एक बन गया है।

इसकी भव्य इमारत का निर्माण 1901 से 1906 के बीच हुआ, जिसे ब्रिटिश वास्तुकार हैल्सी रिकार्डो ने डिजाइन किया था। इसकी वास्तुकला में विक्टोरियन और गॉथिक शैली का प्रभाव स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।


हावड़ा स्टेशन की लोकेशन

हावड़ा स्टेशन पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के निकट, हुगली नदी के पश्चिमी तट पर स्थित है। यह पूरा पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत के लिए एक प्रमुख प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करता है।


प्लेटफॉर्म और ट्रैक की जानकारी

हावड़ा स्टेशन में कुल 23 प्लेटफॉर्म और 26 ट्रैक हैं। यह स्टेशन दो प्रमुख परिसरों में विभाजित है:

  1. पुराना परिसर (प्लेटफॉर्म 1 से 16):

    • यहाँ पूर्वी रेलवे (Eastern Railway) की ट्रेनें चलती हैं।

    • लोकल EMU और लंबी दूरी की ट्रेनों का संचालन होता है।

  2. नया परिसर (प्लेटफॉर्म 17 से 23):

    • यहाँ से दक्षिण पूर्व रेलवे (South Eastern Railway) की लंबी दूरी की ट्रेनें चलती हैं।


प्रतिदिन चलने वाली ट्रेनों की संख्या

हावड़ा स्टेशन से प्रतिदिन 600 से ज्यादा ट्रेनें गुजरती हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • लंबी दूरी की एक्सप्रेस ट्रेनें

  • लोकल EMU ट्रेनें

  • मालगाड़ियां

इस स्टेशन से प्रतिदिन 10 लाख से अधिक यात्री यात्रा करते हैं, जो इसे भारत का सबसे व्यस्त रेलवे टर्मिनल बनाता है।


️ वास्तुकला और विशेषताएं

हावड़ा स्टेशन की इमारत लाल ईंटों से बनी है और इसमें ब्रिटिश दौर की भव्यता झलकती है। पुराने प्रवेश द्वार पर लगी 99 साल पुरानी ‘बोरो घोड़ी’ (बड़ी घड़ी) स्टेशन की विरासत का अहम हिस्सा है।


रेलवे जोनों से संबंध

हावड़ा स्टेशन की एक खास बात यह है कि यह दो रेलवे जोनों के अधीन आता है:

  • पूर्वी रेलवे (Eastern Railway) - हावड़ा डिवीजन

  • दक्षिण पूर्व रेलवे (South Eastern Railway) - खड़गपुर डिवीजन

यह संयोजन स्टेशन को रणनीतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण बनाता है।


पर्यावरण के प्रति जागरूकता

हावड़ा रेलवे स्टेशन को हाल ही में इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल (IGBC) द्वारा प्लैटिनम रेटिंग प्रदान की गई है। यह इसे देश का पहला “ग्रीन रेलवे स्टेशन” बनाता है।

यहाँ सौर ऊर्जा, जल पुनर्चक्रण, अपशिष्ट प्रबंधन जैसी पर्यावरण-अनुकूल प्रणालियाँ लागू की गई हैं।


️ यात्री सुविधाएं

हावड़ा स्टेशन में यात्रियों की सुविधा के लिए कई आधुनिक व्यवस्थाएं की गई हैं:

  • वातानुकूलित प्रतीक्षालय

  • फूड स्टॉल और कैफेटेरिया

  • रिटायरिंग रूम

  • वाई-फाई कनेक्टिविटी

  • इलेक्ट्रॉनिक सूचना डिस्प्ले बोर्ड

  • एस्केलेटर और लिफ्ट सुविधा

  • टिकट आरक्षण और स्वचालित टिकट मशीनें

  • Tracks of History: Exploring Howrah Station

हावड़ा ब्रिज से जुड़ाव

हावड़ा स्टेशन से जुड़ा हावड़ा ब्रिज (Rabindra Setu) भी एक महत्वपूर्ण पहचान है। यह स्टेशन और कोलकाता शहर के बीच का सीधा संपर्क बनाता है और इस पुल से होकर लाखों लोग प्रतिदिन स्टेशन तक पहुंचते हैं।


हावड़ा रेलवे स्टेशन न सिर्फ भारत का सबसे व्यस्त और ऐतिहासिक स्टेशन है, बल्कि यह भारतीय रेलवे की शक्ति, विस्तार और सेवा भावना का प्रतीक भी है। इसका विशाल इंफ्रास्ट्रक्चर, तकनीकी उन्नति और पर्यावरण के प्रति प्रतिबद्धता इसे एक आदर्श रेलवे टर्मिनल बनाते हैं।

यदि आप कभी कोलकाता जाएं, तो हावड़ा स्टेशन की वास्तुकला और उसकी गतिविधियों का अनुभव अवश्य करें – यह सिर्फ एक स्टेशन नहीं, बल्कि भारतीय रेलवे की गौरवगाथा का जीवंत अध्याय है।


Howrah Railway Station | Kolkata | Shot @ Howrah, Kolkata, W… | Flickr

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,