भारत के खिलाफ चीन की नई साजिश! म्यांमार से मिजोरम-मणिपुर सीमा पर सुलगता बारूद

 म्यांमार के चिन विद्रोहियों को चीन का समर्थन, मिजोरम-मणिपुर में बढ़ा तनाव। 35,000 से अधिक शरणार्थी, चीनी हथियार, और जातीय संघर्ष से भारत के लिए गंभीर चुनौती।

Jul 5, 2025 - 20:12
Jul 5, 2025 - 20:17
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 भारत के खिलाफ चीन की नई साजिश! म्यांमार से मिजोरम-मणिपुर सीमा पर सुलगता बारूद
 भारत के खिलाफ चीन की नई साजिश! म्यांमार से मिजोरम-मणिपुर सीमा पर सुलगता बारूद

भारत के खिलाफ चीन की नई साजिश! म्यांमार को मोहरा बनाकर पूर्वोत्तर में उबाल, मिजोरम-मणिपुर सीमा बनी बारूद का ढेर

नई दिल्ली – भारत और चीन के रिश्तों में नया तनाव उस वक्त गहराता दिखा जब पूर्वोत्तर भारत में म्यांमार की सीमा से लगे मिजोरम और मणिपुर में हिंसा, शरणार्थी संकट और जातीय संघर्ष अचानक तेज हो गए। अब भारतीय खुफिया एजेंसियों ने जो खुलासा किया है, उससे स्थिति और गंभीर हो गई है। इस पूरे घटनाक्रम के पीछे चीन की गहरी साजिश सामने आ रही है, जिसमें म्यांमार के चिन विद्रोहियों को मोहरा बनाकर भारत को भीतर से अस्थिर करने की कोशिश की जा रही है।

म्यांमार से सटी भारतीय सीमा पर विद्रोह और चीनी हथियार

2 जुलाई को मिजोरम की सीमा से सटे खावथलिर गांव में म्यांमार के चिन नेशनल डिफेंस फोर्स (CNDF) के उग्रवादियों ने अवैध चेकपॉइंट बनाकर स्थानीय नागरिकों से वसूली की और उनका फोन चेक करना शुरू किया। जवाब में CDF (Chin Defence Force) के लोगों ने हथियार उठाए और दोनों गुटों में हिंसक झड़प हुई। इस झड़प ने मिजोरम की सीमा पर दहशत फैला दी।

लेकिन सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि CNDF के पास से जो हथियार बरामद हुए वे चीन निर्मित थे। इसके साथ ही यह जानकारी भी सामने आई कि CNDF के शीर्ष नेताओं को चीन के युन्नान प्रांत में विशेष प्रशिक्षण दिया गया था। यानि चीन केवल हथियार नहीं दे रहा, बल्कि रणनीतिक सलाह और प्रशिक्षण भी मुहैया करवा रहा है।

35,000 से ज्यादा शरणार्थियों ने मिजोरम में ली शरण

म्यांमार में लगातार हो रही हिंसा और विद्रोह के चलते अब तक 35,000 से ज्यादा शरणार्थी मिजोरम में आ चुके हैं। हाल ही में जोखावथर सीमा से 245 नए शरणार्थी दाखिल हुए। यह अचानक जनसंख्या वृद्धि मिजोरम पर सामाजिक, आर्थिक और प्रशासनिक दबाव बढ़ा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह भी चीन की सोची-समझी साजिश का हिस्सा है, जिससे भारत के सीमावर्ती राज्य अस्थिर हो जाएं और केंद्र सरकार पर दबाव बढ़े।

हथियारों और नशीले पदार्थों की तस्करी के जरिए 'सीक्रेट वॉर'

मिजोरम के लॉन्गतलाई और चंपाई जिलों से होकर हथियारों की तस्करी की जा रही है। इन रास्तों का इस्तेमाल पहले भी पाकिस्तानी एजेंसियां ड्रग्स और नकली नोटों की तस्करी के लिए करती रही हैं। अब म्यांमार के विद्रोही गुट इन मार्गों से चीनी हथियार भारत में ला रहे हैं। इससे न सिर्फ आंतरिक सुरक्षा खतरे में पड़ रही है बल्कि यह संकेत देता है कि भारत के पूर्वोत्तर में एक 'सीक्रेट वॉर' छेड़ा जा चुका है।

मणिपुर-मिजोरम के बीच बढ़ता जातीय अविश्वास

2023 में मिजोरम से 184 मैतेई लोगों को पलायन करना पड़ा था। इस बार मिजोरम में कुकी और जो समुदाय के लोगों को म्यांमार से आए चिन शरणार्थियों से सहानुभूति मिल रही है, जिससे मणिपुर के साथ उनके रिश्ते तनावपूर्ण हो रहे हैं। जातीय संतुलन के बिगड़ने और भरोसे की कमी से पूर्वोत्तर में गहरी सामाजिक दरार पैदा हो रही है।

यह पूरा घटनाक्रम चीन की 'Divide India' नीति का एक उदाहरण माना जा रहा है – जहां युद्ध नहीं जीत सकते, वहां समाज को जातीय आधार पर बांटकर लोकतंत्र को अंदर से कमजोर करो।

ऑपरेशन सिंदूर के बाद चीन की नई चाल

विशेषज्ञों का कहना है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जब चीन ने पाकिस्तान की खुलकर मदद की थी, तभी यह साफ हो गया था कि चीन भारत को कमजोर करने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। अब वह म्यांमार के जरिए पूर्वोत्तर भारत में एक नया मोर्चा खोल चुका है।

विद्रोही गुटों में टूट और चीन की चाल सफल?

आइजोल में पहले CNDF और CDF के बीच तालमेल बना हुआ था, लेकिन अब CNDF द्वारा किए गए ड्रोन हमलों और CDF के आपातकालीन घोषणाओं के बाद ये एकता खत्म हो चुकी है। CNDF ने भारत से लगे फालाम-रिखावदार कॉरिडोर पर नियंत्रण के लिए हमले तेज कर दिए हैं। यह रास्ता भारत के लिए एक अहम लॉजिस्टिक सप्लाई रूट है। स्पष्ट है कि यह योजना किसी स्थानीय गुट की नहीं, बल्कि एक रणनीतिक थिंक टैंक द्वारा तैयार की गई स्क्रिप्ट है, और उंगलियां सीधे बीजिंग की ओर उठती हैं।


भारत को अब केवल सीमाओं पर निगरानी बढ़ाने की ज़रूरत नहीं है, बल्कि एक सशक्त रणनीति के तहत पूर्वोत्तर के राज्यों में शांति बनाए रखने और बाहरी ताकतों की साजिशों को नाकाम करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को मिलकर काम करना होगा। चीन की Divide India पॉलिसी को जवाब देने के लिए भारत को केवल कूटनीतिक ही नहीं, बल्कि सामरिक और सामाजिक स्तर पर भी सतर्क रहने की जरूरत है।


 भारत के खिलाफ चीन की नई साजिश! म्यांमार से मिजोरम-मणिपुर सीमा पर सुलगता बारूद
 म्यांमार के चिन विद्रोहियों को चीन का समर्थन, मिजोरम-मणिपुर में बढ़ा तनाव। 35,000 से अधिक शरणार्थी, चीनी हथियार, और जातीय संघर्ष से भारत के लिए गंभीर चुनौती।
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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,