कंट्रोल रूम-350 CCTV और ड्रोन… उत्तराखंड में ऑपरेशन कालनेमी, कांवड़ यात्रा के लिए ऐसी है तैयारी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कांवड़ मेले और यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए ऑपरेशन 'कालनेमी' चलाने के निर्देश दिए हैं. हरिद्वार में ऑपरेशन 'कालनेमी' को कैसे चलाया जा रहा है, इसे जानने कि लिए TV9 भारतवर्ष ग्राउंड पर पहुंचा.

कंट्रोल रूम-350 CCTV और ड्रोन… उत्तराखंड में ऑपरेशन कालनेमी, कांवड़ यात्रा के लिए ऐसी है तैयारी
कंट्रोल रूम-350 CCTV और ड्रोन… उत्तराखंड में ऑपरेशन कालनेमी, कांवड़ यात्रा के लिए ऐसी है तैयारी

सावन के पवित्र महीने का आज पहला दिन है. लाखों की तादाद में कांवड़िए देशभर से उत्तराखंड जल लेने आ रहे हैं. उत्तराखंड प्रशासन के लिए कांवड़ यात्रा को सुरक्षित बनाना एक बड़ी चुनौती है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कांवड़ मेले और यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए ऑपरेशन ‘कालनेमी’ चलाने के निर्देश हैं. हरिद्वार में ऑपरेशन ‘कालनेमी’ को कैसे अमली जामा पहना जा रहा है, इसे जानने कि लिए TV9 भारतवर्ष ग्राउंड पर पहुंचा.

हर की पौड़ी से लेकर पूरे हरिद्वार में कावंड़ मार्ग पर नजर रखने के लिए हरिद्वार में CCR यानी सिटी कंट्रोल रूम बनाया गया है. इस कमांड कंट्रोल रूम में हर की पौड़ी से लेकर हरिद्वार की मुख्य जगहों पर तकरीबन 350 CCTV कैमरों और ड्रोन से नजर रखी जा रही है. सेंटर में तैनात उत्तराखंड पुलिस के जवान और अधिकारी एक- एक फ्रेम की मॉनिटरिंग कर रहे हैं.

टेक्नोलॉजी और ह्यूमन इंटेलिजेंस से रखी जा रही नजर

हरिद्वार के एसएसपी(SSP) प्रमेंद्र सिंह डोबाल ने TV9 भारतवर्ष को बताया कि किस तरह से सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम किए गए हैं और ऑपरेशन ‘कालनेमी’ को अमलीजामा पहनाया जा रहा है. SSP ने बताया कि कांवड़ मेले में कावंड़ियों की सुरक्षा के लिए करीब चार हजार पुलिस और अर्द्धसैनिक बल के जवानों को तैनात किया गया है. पूरे मेला क्षेत्र को 16 सुपर जोन, 37 जोन और 134 सेक्टरों में बांटा गया है. चप्पे-चप्पे पर नजर रखी जा रही है.
ऑपरेशन ‘कालनेमि’ को लेकर SSP ने बताया कि मुख्यमंत्री धामी ने इस ऑपरेशन को चलाने के आदेश दिए है, पुलिस के जवान चप्पे चप्पे पर नजर रखे हुए हैं. अभी इंटेलिजेंस इनपुट हासिल कर रही है, इंटेलिजेंस सुरक्षा वेरिफिकेशन के बाद अगर ऐसे लोगो की जानकारी मिलेगी तो उनपर कार्यवाही करेंगे. फिलहाल ऐसे इनपुट नही मिले है.

तो वहीं हरिद्वार के डीएम मयूर दीक्षित खुद कमांड कंट्रोल रूम में निगरानी कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि आज कावड़ का पहला दिन है, यह स्क्रीन पर पौड़ी क्षेत्र का दृश्य है वहां पर भीड़ ज्यादा है, इसलिए हम CCTV कैमरे और ड्रोन से नजर रख रहे हैं. यह सारी तस्वीरें लाइव हैं. इसका मकसद यह है कि क्राउड मैनेजमेंट तो देख ही सकते हैं, अगर गंदगी है, कूड़े के ढेर हैं, तो सफाई व्यवस्था को भी हम ड्रोन के माध्यम से मॉनिटर कर सकते हैं. कई जगह ऐसा होता है. कोई एक्सीडेंट हो या डूबता व्यक्ति दिखाई देता है तो उसको बचाया जा सकता है. यहीं से एक्शन भी हो जाता है, क्योंकि यह कंट्रोल रूम है, कुल मिलाकर टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर कर हम व्यवस्था को सुरक्षित कर रहे हैं, हम लेकिन इसी पर निर्भर भी नहीं है, हमारे फील्ड में कई सारे ऑफिसर्स हैं, जो जगह-जगह पर जाकर चेक भी कर रहे हैं. जैसे कहीं बिजली के तार होते हैं, पाइपलाइन होती हैं, रेलिंग होती हैं, वह टूटी ना हो, कोई अनवांटेड सिचुएशन क्रिएट न हो इसके लिए मॉनिटर कर रहे हैं. टेक्नोलॉजी के साथ ही हम ह्यूमन इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करके व्यवस्था कर रहे हैं.

150 से ज्यादा सेक्टर में पूरा एरिया डिवाइड

डीएम ने आगे बताया कि 150 से ज्यादा सेक्टर में हमने डिवाइड किया हुआ है पूरे एरिया को. इसमें सेक्टर ऑफिसर, जोनल, सुपर जोनल और फिर SDM है, ADM को लगाया गया है इसके लिए. हमने कंट्रोल रूम बनाया है, अगर कोई कंप्लेंट्स हमें आती है, तो SMS, फोन या व्हाट्सएप से आती है तो उसको रजिस्टर करते हैं, और 1 घंटे के अंदर उसको ठीक करते हैं.

हेल्पलाइन नंबर जारी

ऑपरेशन कालनेमि को लेकर के डीएम ने बताया कि इसके लिए नजर रखी जा रही है. कैमरे के माध्यम से हम देख रहे हैं, चेक करने की कोशिश कर रहे हैं. कोई भी ऐसा व्यक्ति हो या ग्रुप हो जो ऐसी सिचुएशन क्रिएट न करें और शांतिपूर्ण माहौल में पूरी यात्रा हो जाए. हमने हेल्पलाइन नंबर जारी किया है. निकटतम पुलिस चौकी थाने सब जगह सूचित भी किया है. हेल्पलाइन नंबर के साथ-साथ जल्दी एक एप भी लॉन्च करने जा रहे हैं. साइन एज लगाए हैं. कोई भी व्यक्ति परेशान है तो मदद मांग सकते हैं.

श्रद्धालुओं की संख्या को लेकर के DM ने बताया कि अभी कहना मुश्किल है, लेकिन पहले दिन की भीड़ को देखकर के कह सकते हैं कि आने वाले समय में भीड़ और बढ़ेगी. यह संख्या पिछले साल से अधिक ही होगी.