सुनने की कला

कुछ लोग निराश होकर प्रयास करना ही छोड़ देते हैं। जीवन में असफल होने पर स्वयं को कोसना नहीं चाहिए। पूर्ण संकल्प, साहस एवं आत्मविश्वास से पुनः प्रयास करना चाहिए।

Apr 20, 2024 - 19:00
Apr 20, 2024 - 20:04
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सुनने की कला

किताबों से जानिए, क्यों लोग असफल होने पर स्वयं को कोसते हैं? क्यों जो लोग बहुत बात करते हैं, वो दूसरा कोई काम बहुत कम करते हैं?

सुनने के 3 दृष्टिकोण
ध्यानपूर्वक सुनना: ये श्रोताकेंद्रवक्ता क्या कह रहा है. वे धैर्यपूर्वक उन्हें अपने विचार ख़त्म करने देते हैं और चल रही बातचीत से विचलित नहीं होते हैं।

प्रतिक्रियाशील श्रवण: यह श्रोता अपनी बात सुनने में सावधानी बरतता है और वक्ता को अशाब्दिक और मौखिक संकेतों के माध्यम से बात जारी रखने के लिए प्रोत्साहित करता है। उदाहरण के लिए: सिर हिलाना, मुस्कुराना, वक्ता की ओर झुकना या "उह-हह", "मैं देख रहा हूँ" कहना...

सक्रिय श्रवण: एक सक्रिय श्रोता भुगतान करता हैध्यानकोई क्या, कैसे और क्यों कुछ कह रहा है. यह जो प्रसारित किया जा रहा है उसके पीछे की भावनाओं, विचारों और जरूरतों को समझना है। वे जो कुछ उन्होंने सुना है उसे वक्ता के सामने संक्षेप में प्रस्तुत करने के साथ-साथ प्रतिक्रियात्मक श्रवण कौशल का उपयोग करते हैं। यह वक्ता के समाप्त होने के बाद कही गई बात के बारे में उनकी समझ की सटीकता की जांच करने के लिए है।

सफलता का अर्थ है अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते रहना
सोच से ही सफलता आती है। हम तब खुद को सफल मान सकते हैं, जब हम उन चीजों का मूल्य समझते हैं, जो हमारे पास पहले से मौजूद हैं। वहीं उन चीजों के लिए कभी उदास नहीं होते जो हमारे पास मौजूद नहीं हैं। सफलता की चाबी है, अपनी क्षमता बढ़ाते हुए किसी लक्ष्य की ओर लगातार काम करते रहना। सफलता का मतलब है, जो स्वीकृत है, उसमें उत्तम की ओर बढ़ते रहना। हालांकि यह आसान काम नहीं है। (द पावर ऑफ ए पॉजिटिव एटिट्यूड)

असफल होने पर खुद को कभी कोसना नहीं चाहिए
बहुत लोग असफल होने पर स्वयं को कोसते हैं। उन्हें दुनिया की सारी कमियां स्वयं में नजर आती हैं। वो स्वयं की निर्णय क्षमता और योग्यता पर विश्वास खो देते हैं। जबकि असफलता के लिए अन्य कारक भी जिम्मेदार होते हैं। कुछ लोग निराश होकर प्रयास करना ही छोड़ देते हैं। जीवन में असफल होने पर स्वयं को कोसना नहीं चाहिए। पूर्ण संकल्प, साहस एवं आत्मविश्वास से पुनः प्रयास करना चाहिए। (जीतना है तो जिद करो)

बहुत ज्यादा बात करना इसलिए नुकसानदायक है
ऊपरी ज्ञान रखने वाले लोगों का यह स्वभाव होता है कि वो लोगों पर ऐसा प्रभाव जमाना चाहते हैं जैसे उनके पास बहुत ज्यादा ज्ञान है। ऐसे लोग आम तौर पर बहुत ज्यादा बातें करना भी पसंद करते हैं और बहुत कम सुनते हैं। जो लोग बहुत बात करते हैं, वो दूसरा कोई काम बहुत कम करते हैं। यदि आप सुनने की तुलना में अधिक बात करते हैं, तो आप जीवन में उपयोगी ज्ञान जमा करने के कई अवसरों से वंचित रह जाते हैं। (थिंक एंड ग्रो रिच)

अधिकतम काम करके अपने समय का निवेश करें
समय के मामले में हम सभी के पास विकल्प होता है। हम चाहें तो इसका दुरुपयोग कर सकते हैं या सदुपयोग कर सकते हैं। हम चाहें तो वर्तमान पल को मौज-मस्ती में बर्बाद कर सकते हैं। हम चाहें तो वर्तमान पल को सुनहरे भविष्य की सीढ़ी बना सकते हैं। हम चाहें तो आलस में आकर कम काम और अधिकतम आराम कर सकते हैं। हम चाहें तो कर्मठता से अधिकतम काम करके अपने समय का निवेश कर सकते हैं। (टाइम मैनेजमेंट)

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Abhishek Chauhan भारतीय न्यूज़ का सदस्य हूँ। एक युवा होने के नाते देश व समाज के लिए कुछ कर गुजरने का लक्ष्य लिए पत्रकारिता में उतरा हूं। आशा है की आप सभी मुझे आशीर्वाद प्रदान करेंगे। जिससे मैं देश में समाज के लिए कुछ कर सकूं। सादर प्रणाम।