विनय नरवाल के पिता बोले- आतंकियों जेहन में हमेशा गूंजता रहेगा, मां ने कहा, मिला सुकून

पहलगाम में 22 अप्रैल को मारे गए नौसेना के लेफ्टिनेंट विनय नरवाल के शव के पास बैठीं उनकी पत्नी हिमांशी की इस तस्वीर ने लोगों को आतंकियों के प्रति गुस्से और आक्रोश से भर दिया था। शादी के कुछ ही दिनों बाद दोनों वहां हनीमून मनाने गए थे। ऑपरेशन सिंदूर से परिवार को सुकून मिला है।

May 8, 2025 - 04:47
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विनय नरवाल के पिता बोले- आतंकियों जेहन में हमेशा गूंजता रहेगा, मां ने कहा, मिला सुकून
करनाल : पाकिस्तान और PoK में आतंकियों के खिलाफ भारत की कार्रवाई का करनाल निवासी लेफ्टिनेंट की मां, पिता और उनकी पत्नी ने स्वागत किया है। आतंकियों ने विनय नरवाल की उनकी पत्नी हिमांशी नरवाल के सामने ही तीन गोलियां मारकर हत्या कर दी थी।विनय की मां आशा ने करनाल में कहा, यह बिल्कुल सही किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लिया। मैं उनके साथ हूं, लोग उनके साथ हैं, और हमारा पूरा परिवार उनके साथ है। मैं अपनी सेना से कहना चाहती हूं कि वे मुंहतोड़ जवाब दें ताकि पहलगाम जैसी घटनाएं दोबारा न हों। जिन लोगों ने जान गंवाई, आज उन्हें न्याय मिला है।

पिता ने कहा, सरकार ने कर दिखाया

विनय नरवाल के पिता राजेश नरवाल ने कहा, जब भी मुझसे सवाल किया गया कि आप भारत सरकार से क्या चाहते हैं, तो मेरा एक ही जवाब होता था कि मुझे सरकार पर पूरा भरोसा है और वह अपना काम कर रही है और आज सरकार ने वह काम करके दिखाया है। ने जो यह कदम उठाया है, यह बिल्कुल सही किया है। वह आतंकियों के जेहन में हमेशा गूंजता रहेगा और ऐसा दोबारा करने से पहले वे 100 बार सोचेंगे, क्योंकि उनको एक संदेश मिल चुका है। उन्होंने कहा, आतंकी हमले की वजह से कई घर सूने हो गए हैं।जिस परिवार का इस तरह से कोई बेटा चला जाता है तो उसकी कभी क्षतिपूर्ति नहीं होती और उस परिवार को उस दर्द के साथ जीना ही पड़ता है। लेकिन यह सुकून देने वाला है कि आतंकियों ने जो किया, उसका जवाब हमारी सरकार ने दिया है। एयर स्ट्राइक से हमें सांत्वना मिली है। राजेश ने कहा कि इस अभियान का नाम 'ऑपरेशन सिंदूर' रखना सही है।

भावुक हुईं हिमांशी, कहा- ऑपरेशन सिंदूर से खुद को रिलेट कर सकती हूं

विनय नरवाल की पत्नी हिमांशी भावुक दिखीं। उनकी आंखों में आंसू आ गए। उन्होंने कहा, 'विनय डिफेंस में था और उसने जॉइन किया था तो चाहता था कि देश में शांति हो। उसका स्प्रिट इस ऑपरेशन में है। आतंकवाद और नफरत को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। इस ऑपरेशन के लिए मैं भारत सरकार का धन्यवाद करती हूं। साथ ही मैं सरकार से आग्रह करती हूं कि ये यहीं खत्म नहीं होना चाहिए, यह आतंकवाद के खात्मे की शुरुआत है, ताकि जैसी घटना मेरे साथ हुई, वैसी घटना किसी के साथ नहीं हो। हिमांशी ने कहा, ऑपरेशन सिंदूर नाम से मैं खुद को रिलेट कर सकती हूं। मैंने एक जिंदगी खो दी है। अभी शायद किसी को नहीं पता कि मेरे साथ क्या हो रहा है।विनय की बुआ माया ने भी कार्रवाई पर खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा कि हमें इसका ही इंतजार था और हमें पता था कि ऐसा होगा, क्योंकि हम डिफेंस से जुड़े हुए हैं, मेरे पति एयरफोर्स से रिटायर्ड हैं। हमारा खानदान आर्मी से जुड़ा हुआ है। यह आतंकियों के मुंह पर जोरदार तमाचा है। हमें अपनी सेना पर गर्व है।माया ने कहा, जो हमारा नुकसान हुआ है वह कभी पूरा नहीं हो सकता, हमारा बेटा वापस नहीं आ सकता। विनय वापस नहीं आएगा, लेकिन और लाल ऐसे न खपें, बस यही होना चाहिए। मैं सेना से कहना चाहती हूं कि अगर मैं भी देश के काम आऊं तो मेरे लिए बड़ी बात होगी, क्योंकि मैं एयरफोर्स के सैनिक की पत्नी हूं और आर्मी से रिटायर्ड पिता की बेटी हूं।
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