महिलाओं में पेट के निचले हिस्से में दर्द बने रहना है पीआईडी के लक्षण, कैसे करें बचाव

अगर आपको लंबे समय से पेट के निचले हिस्से में दर्द हो रहा है या कमजोरी, बुखार आ रहा है तो इसे नजरअंदाज न करें. क्योंकि ये पीआईडी के लक्षण हो सकते हैं. समय पर सही इलाज न मिलने पर यह गंभीर समस्या बन सकती है. ऐसे में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.

Mar 14, 2025 - 19:00
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महिलाओं में पेट के निचले हिस्से में दर्द बने रहना है पीआईडी के लक्षण, कैसे करें बचाव
महिलाओं में पेट के निचले हिस्से में दर्द बने रहना है पीआईडी के लक्षण, कैसे करें बचाव

अगर आपको लंबे समय से पेट के निचले हिस्से में दर्द बना हुआ है, बार-बार लिकेज की समस्या हो रही है. पीरियड्स अनियमित हो रहे हैं या सेक्स के दौरान दर्द महसूस होता है, तो इसे हल्के में न लें. ये पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज (PID) के लक्षण हो सकते हैं. यह एक बैक्टीरियल संक्रमण है जो अगर समय पर न रोका जाए तो महिलाओं की प्रजनन क्षमता पर असर डाल सकता है और बांझपन का कारण बन सकता है.

PID आमतौर पर असुरक्षित यौन संबंध, बैक्टीरिया के संक्रमण या बार-बार गर्भपात कराने से हो सकता है. जब बैक्टीरिया योनि के रास्ते गर्भाशय, फैलोपियन ट्यूब और अंडाशय तक पहुंच जाते हैं तो ये वहां सूजन और संक्रमण फैला देते हैं. अगर समय पर इलाज नहीं किया गया है तो फैलोपियन ट्यूब ब्लॉक हो सकती हैं, जिससे महिला के मां बनने की संभावना कम हो जाती है.

क्या हैं PID के लक्षण

अगर पेट के निचले हिस्से में लगातार दर्द बना रहता है या सेक्स के दौरान दर्द और असहज महसूस हो रहा है. योनि से असामान्य स्राव और उसमें बदबू आ रही है या फिर अनियमित पीरियड्स और भारी ब्लीडिंग हो रही है तो यह पीआईडी के लक्षण हो सकते हैं. इसके अलावा पेशाब करने में जलन और कमजोरी और बुखार आना भी पीआईडी के कारण हो सकते हैं. अगर ये परेशानी बनी हुई है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.

PID से कैसे बढ़ता है बांझपन का खतरा?

PID अगर ज्यादा समय तक बना रहे, तो यह प्रजनन अंगों को नुकसान पहुंचा सकता है. खासकर फैलोपियन ट्यूब में अगर सूजन या ब्लॉकेज हो जाए, तो अंडाणु और शुक्राणु का मिलना मुश्किल हो जाता है, जिससे गर्भधारण की संभावना घट जाती है. कई मामलों में PID के कारण एक्टोपिक प्रेग्नेंसी (गर्भाशय के बाहर गर्भ ठहरना) की समस्या भी हो सकती है, जो जानलेवा हो सकती है.

किन कारणों से बढ़ता है PID का खतरा?

असुरक्षित यौन संबंध, कई पार्टनर के साथ संबंध बनाना, यौन संचारित संक्रमण (STI) जैसे क्लैमाइडिया और गोनोरिया, बार-बार गर्भपात या असुरक्षित गर्भनिरोधक दवाएं खाने से इस बीमारी का खतरा बढ़ सकता है. इसके अलावा प्राइवेट पार्ट्स की सही रूप से साफ-सफाई नहीं करने से भी यह बीमारी हो सकती है.

PID से बचने के लिए क्या करें?

असुरक्षित यौन संबंध से बचें, हमेशा प्रोटेक्शन के साथ संबंध बनाएं. साथ ही अपने प्राइवेट पार्ट की सफाई का पूरा ध्यान रखें. किसी भी तरह के योनि संक्रमण को हल्के में न लें परेशानी होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. इसके अलावा सही डाइट और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाकर आप इससे बच सकते हैं.

कैसे होता है PID का इलाज?

PID का इलाज ज्यादातर एंटीबायोटिक्स से किया जाता है. डॉक्टर की सलाह से पूरा कोर्स लेना जरूरी होता है, ताकि संक्रमण पूरी तरह खत्म हो सके. अगर संक्रमण ज्यादा बढ़ गया हो, तो अस्पताल में भर्ती होकर ट्रीटमेंट कराना पड़ सकता है.

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,