फ्यूनरल होम में तब्दील हुए जापानी Love Motel ने खींचा लोगों का ध्यान, देश में बर्थ रेट में गिरावट पर चर्चा तेज

जापान में चल रहे जनसंख्या संकट के बीच इन नई तस्वीरों ने देश में बढ़ती बुजुर्गों की जनसंख्या और जन्म दर में आ रही गिरावट को लेकर चर्चा तेज कर दी है.

Mar 22, 2025 - 12:42
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फ्यूनरल होम में तब्दील हुए जापानी Love Motel ने खींचा लोगों का ध्यान, देश में बर्थ रेट में गिरावट पर चर्चा तेज

एशियाई देश जापान के पूर्वी क्षेत्र में स्थित साइतामाम प्रान्त में एक लव मोटल को फ्यूनरल होम में तब्दील कर दिया है. लव मोटल से फ्यूनरल होम में तब्दील बिल्डिंग की तस्वीर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. साउथ चाइना मॉर्निंग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, जापान में चल रहे जनसंख्या संकट के बीच इन नई तस्वीरों ने देश में बढ़ती बुजुर्गों की जनसंख्या और जन्म दर में आ रही गिरावट को लेकर चर्चा तेज कर दी है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, चटक बैंगनी से रंगे बिल्डिंग को सादे रंग से पेंट कर फरवरी में फ्यूनरल होम बना दिया गया  है.

लोगों ने किया रिएक्ट

सादे रंग ने चटक बैंगनी रंग से सजे बिल्डिंग का रुख बदल दिया है. सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट्स में शेयर किए गए पहले और बाद की तस्वीरों में साफ तौर पर अंतर देखा जा सकता है. सोशल मीडिया यूजर्स पोस्ट पर अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं भी दे रहे हैं. लोगों का मानना है कि लव मोटल से फ्यूनरल होम बनी बिल्डिंग जापान के जनसंख्या संकट का सूचक है. एक यूजर ने इस मामले पर रिएक्ट करते हुए लिखा, "क्या ऐसे देश का कोई भविष्य है जहां अंतिम संस्कार गृहों की मांग लव होटलों से ज्यादा है?" दूसरे यूजर ने लिखा, "मैं कल्पना करता हूं कि कुछ लोग अपना जीवन एक ही स्थान पर शुरू और समाप्त करते हैं."
 

1960 के दशक के अंत में उभरे थे लव मोटल्स

जापान में 1960 के दशक के अंतिम वर्षों में लव मोटल्स की शुरुआत हुई थी और 1980 के दशक में तेजी से विस्तार हुआ. उस समय जापान का आर्थिक विस्तार चरम पर था. 1980 के दशक के समय को जापान की अर्थव्यवस्था का 'बबल युग' कहा जाता है. 1971 और 1974 के बीच में यहां दूसरा बेबी बूम देखा गया और इस दौरान सालाना बर्थ रेट करीब दो मिलियन से भी ज्यादा था. हालांकि, मौजूदा समय में जापान जनसंख्या संकट की दौर से गुजर रहा है. देश के सालाना जन्म दर में लगातार नौ सालों से गिरावट दर्ज की जा रही है तो वहीं बुजुर्गों की आबादी बढ़ती जा रही है.

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,