पहलगाम हमले के बाद जयशंकर की रूसी विदेश मंत्री से हुई बात, जानें शिमला समझौते पर क्या कह रहा दोस्त

पहलगाम हमले पर रूस के विदेश मंत्री लावरोव ने भारत के विदेश मंत्री जयशंकर से बात की। उन्होंने कहा कि रूस, भारत और पाकिस्तान के बीच हुए शिमला समझौते का समर्थन करता है। दोनों देशों को अपने मसले इसी समझौते के तहत सुलझाने चाहिए।

May 4, 2025 - 05:51
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पहलगाम हमले के बाद जयशंकर की रूसी विदेश मंत्री से हुई बात, जानें शिमला समझौते पर क्या कह रहा दोस्त
नई दिल्लीः कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले को लेकर पाकिस्तान से तनाव के बीच रूस के विदेश मंत्री लावरोव ने भारत के विदेश मंत्री जयशंकर से बात की। लावरोव ने कहा कि रूस, भारत और पाकिस्तान के बीच हुए शिमला समझौते का समर्थन करता है। उनका कहना है कि दोनों देशों को अपने मसले इसी समझौते के तहत सुलझाने चाहिए।

शिमला समझौते के मुताबिक सुलझाएं विवाद-रूस

यह बात तब सामने आई जब पाकिस्तान ने 1972 के शिमला समझौते को रद्द करने की धमकी दी थी। रूस ने कहा कि भारत और पाकिस्तान को 1972 के शिमला समझौते और 1999 के लाहौर घोषणापत्र के अनुसार ही अपने विवादों को आपस में सुलझाना चाहिए। यह जानकारी रूसी सरकार द्वारा जारी एक बयान में दी गई। बयान में बताया गया कि विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने अपने भारतीय समकक्ष एस जयशंकर से पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बारे में बात की।

पहलगाम हमला के गुनाहगारों को मिले सजा-भारत

जयशंकर ने लावरोव से बात करते हुए कहा कि को न्याय के कटघरे में लाना चाहिए। भारत का मानना है कि पाकिस्तान ने शिमला समझौते के सिद्धांतों का सम्मान नहीं किया है। लेकिन, भारत इस बात को मानता है कि यह समझौता आपसी बातचीत के ज़रिये विवादों को सुलझाने के लिए बहुत ज़रूरी है। यह समझौता लाइन ऑफ़ कंट्रोल यानी LoC की पवित्रता बनाए रखने के लिए भी महत्वपूर्ण है। LoC दिसंबर 1971 के युद्धविराम के बाद बनी थी। समझौते में यह भी कहा गया है कि दोनों देश एक-दूसरे के आंतरिक मामलों में दखल नहीं देंगे और शांतिपूर्ण तरीके से विवादों को सुलझाएंगे। पाकिस्तान ने अभी तक इस समझौते को रद्द करने के लिए कोई आधिकारिक सूचना जारी नहीं की है।

भारत-पाकिस्तान में आई खटास पर रूस की चर्चा

रूसी अधिकारियों के अनुसार, लावरोव और जयशंकर ने रूस-भारत सहयोग और 'पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद पर चर्चा की। यह बातचीत राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा पीएम नरेंद्र मोदी को भेजे गए संदेश के बाद हुई। पुतिन ने अपने संदेश में कहा था कि रूस उम्मीद करता है कि पहलगाम हमले के गुनाहगारों और अपराधियों को 'उचित सज़ा' मिलेगी।रूसी सरकार के बयान में कहा गया है कि सर्गेई लावरोव ने नई दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच मतभेदों को 1972 के शिमला समझौते और 1999 के लाहौर घोषणापत्र के प्रावधानों के अनुसार राजनीतिक और राजनयिक माध्यमों से द्विपक्षीय आधार पर निपटाने का आह्वान किया। मंत्रियों ने आगामी उच्च-स्तरीय वार्ताओं के कार्यक्रम पर भी चर्चा की। मतलब रूस चाहता है कि भारत और पाकिस्तान आपस में बातचीत करके अपने मसले सुलझाएं।दोनों पक्षों ने इस साल के अंत में होने वाले भारत-रूस शिखर सम्मेलन के लिए पुतिन की संभावित भारत यात्रा पर भी बात की। पिछले साल शिखर सम्मेलन के लिए मास्को गए थे और अब पुतिन की बारी है कि वे उसी बैठक में भाग लेने के लिए भारत आएं। अगर मोदी SCO शिखर सम्मेलन में भाग लेने का फैसला करते हैं, तो उनकी चीन में पुतिन के साथ एक और बैठक भी हो सकती है।

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