जाति जनगणना से किसे मिलने जा रहा बड़ा फायदा? केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने बता दी एक-एक बात

मोदी सरकार ने आगामी जनगणना में जाति को शामिल करने का फैसला किया है, जिससे विपक्ष के आरोपों पर केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि विपक्ष उस चीज का श्रेय नहीं ले सकता जो उन्होंने कभी की ही नहीं।

May 4, 2025 - 05:51
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जाति जनगणना से किसे मिलने जा रहा बड़ा फायदा? केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने बता दी एक-एक बात
नई दिल्ली : मोदी सरकार ने इस बार की जनगणना में जाति को भी शामिल करने का फैसला किया है। इसके बाद से माना जा रहा है कि पीएम ने विपक्ष के हाथों से उसका बड़ा मुद्दा छीन लिया है। वहीं, विपक्ष सरकार पर इस मुद्दे को लेकर पाखंड और देरी का आरोप लगाया। इस पूरे मामले को लेकर केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने सरकार का पक्ष रखा है। इसके साथ ही यादव ने विपक्ष के आरोपों पर भी दो टूक जवाब दिया।

विपक्ष के श्रेय पर उठाए सवाल

का श्रेय लेने वाले विपक्ष को लेकर केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि वे उस चीज का श्रेय कैसे ले सकते हैं जो उन्होंने कभी की ही नहीं? राहुल गांधी ऐसा व्यवहार करते हैं जैसे सब कुछ उनके इर्द-गिर्द घूमता है। जब वे कैबिनेट के फैसलों को फाड़ सकते थे, तो उन्होंने 2010 की जनगणना से जाति के आंकड़े जारी करना क्यों सुनिश्चित नहीं किया? यहां तक कि पी चिदंबरम ने भी कहा कि जनगणना जाति के आंकड़े एकत्र करने का आदर्श साधन नहीं है। कांग्रेस ने कभी इसका समर्थन नहीं किया - नेहरू ने इसका विरोध किया। यह केवल बाबा साहेब अंबेडकर और संविधान निर्माताओं की बदौलत था कि एससी और एसटी को इसमें शामिल किया गया।

जाति जनगणना की टाइमिंग पर क्या बोले?

कोविड के कारण जनगणना में देरी हुई। अब जब हालात सही हैं, तो हमने इसकी घोषणा कर दी है। मोदी सरकार जो कहती है, वह करती है। इसे चुनावों से जोड़ना भ्रामक है - हमने बिना किसी वादे के कई राज्य और राष्ट्रीय चुनाव जीते हैं। भारत में चुनाव कभी खत्म नहीं होते, इसलिए समय के तर्क हमेशा राजनीतिक होते हैं।

तो गहराएगा जाति विभाजन?

जनगणना समाज को समझने के लिए होती है, उसे विभाजित करने के लिए नहीं। शासन और नीति डेटा पर निर्भर करती है। आप अपने लोगों को जाने बिना योजना कैसे बना सकते हैं? हम किसी को भी देश को विभाजित करने के लिए इसका दुरुपयोग नहीं करने देंगे।

जाति गणना का 'कमंडल' कनेक्शन?

इस सवाल को लेकर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमें अपनी सनातनी पहचान पर गर्व है। उन्होंने कहा कि विपक्ष के लेबल टिकते नहीं हैं - लोग उन्हें वोट के जरिए नकार देते हैं। बीजेपी ने हमेशा सामाजिक न्याय का समर्थन किया है - हमने वीपी सिंह के ओबीसी कोटे का समर्थन किया, ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया, मेडिकल सीटों में आरक्षण सुनिश्चित किया। जनगणना जाति से कहीं ज़्यादा को कवर करती है। इसमें लिंग, स्वास्थ्य, भूगोल और शिक्षा शामिल हैं। महिलाओं का आरक्षण भी जनगणना और परिसीमन पर निर्भर करता है।

हिंदुत्व और जाति की राजनीति

हिंदुत्व का मतलब एकता है, जातिवाद नहीं। यह मीडिया ही है जो हर चीज को जाति के हिस्से तक सीमित कर देता है। जो मायने रखता है वह है असमानताएं - आर्थिक, क्षेत्रीय या लिंग आधारित। बीजेपी एक न्यायपूर्ण और समावेशी समाज के लिए खड़ी है।

मंडल स्टाइल पॉलिटिक्स पर दिया जवाब

मंडल शैली की राजनीति की वापसी पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में मंडल राजनीति की प्रासंगिकता खत्म होने लगी है। हमारा शासन सामाजिक न्याय पर केंद्रित है। इसमें 10% ईडब्ल्यूएस कोटा, ओबीसी आरक्षण, महिला कल्याण, युवा, किसान, गरीब शामिल है। हम लोगों को जाति के आधार पर नहीं देखते हैं, बल्कि इस आधार पर देखते हैं कि उन्हें विकास से वंचित रखा जा रहा है या नहीं।

मुसलमानों के बीच जाति के आंकड़े पर क्या कहा?

मुसलमानों के बीच जाति के आंकड़ों को लेकर केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि जो लोग लंबे समय से मुसलमानों में जाति को नकारते रहे हैं, वे अब परेशान हैं। उन्होंने कहा कि सालों तक मुसलमानों को एक वोट बैंक के रूप में देखा गया, आंतरिक असमानताओं को अनदेखा किया गया। पसमांदा मुसलमानों और महिलाओं को नुकसान उठाना पड़ा। पारदर्शी डेटा इन अंतरों को दूर करने में मदद करेगा। जनगणना डिजाइन इसे प्रतिबिंबित करेगा - वोटबैंक की राजनीति को ध्यान में रखते हुए नहीं, बल्कि शासन को ध्यान में रखते हुए।

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