SBI Q4 Results: देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक का मुनाफा गिरा, लेकिन ब्याज से कर ली बंपर कमाई, डिविडेंड का ऐलान

SBI Q4FY25 Results: एसबीआई ने वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में नतीजे जारी कर दिए हैं। बैंक का मुनाफा पिछले साल की समान तिमाही के मुकाबले गिर गया है।

May 4, 2025 - 05:51
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SBI Q4 Results: देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक का मुनाफा गिरा, लेकिन ब्याज से कर ली बंपर कमाई, डिविडेंड का ऐलान
नई दिल्ली: भारत के सबसे बड़े सरकारी बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया () ने वित्त वर्ष 2025 की जारी कर दिए हैं। बैंक को इस तिमाही में 18,642.59 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ है। पिछले साल इसी तिमाही में यह मुनाफा 20,698.35 करोड़ रुपये था। इसका मतलब है कि बैंक के मुनाफे में 10% की है। नतीजों की घोषणा के दौरान बैंक ने डिविडेंड देने की भी घोषणा की। बैंक ने 15.90 रुपये प्रति शेयर का किया है। वहीं दूसरी तरफ की शुद्ध ब्याज आय (NII) में थोड़ी बढ़ोतरी हुई है। यह 2.7% बढ़कर 42,774.55 करोड़ रुपये हो गई है। यानी बैंक की ब्याज से कमाई में बढ़ोतरी हुई है। हालांकि, बैंक का नेट इंटरेस्ट मार्जिन (NIM) गिर गया है। NIM का मतलब है कि बैंक अपने लोन पर कितना ब्याज कमा रहा है। घरेलू बाजार में NIM 32 बेसिस पॉइंट्स गिरकर 3.15% हो गया है। पिछले साल यह 3.47% था।

ऑपरेटिंग प्रॉफिट बढ़ा

बैंक का ऑपरेटिंग प्रॉफिट बढ़ा है। यह 8.83% बढ़कर 31,286 करोड़ रुपये हो गया है। पिछले साल यह 28,748 करोड़ रुपये था। ऑपरेटिंग प्रॉफिट का मतलब है कि बैंक ने अपने कामकाज से कितना मुनाफा कमाया।लेकिन, बैंक को लोन पर नुकसान के लिए ज्यादा पैसे अलग रखने पड़े हैं। लोन लॉस प्रोविजन 20.35% बढ़कर 3,964 करोड़ रुपये हो गया है। पिछले साल यह 3,294 करोड़ रुपये था। इसका मतलब है कि बैंक को डर है कि कुछ लोग लोन वापस नहीं कर पाएंगे।

लोन की क्वालिटी में सुधार

SBI के लोन की क्वालिटी में सुधार हुआ है। बैंक का ग्रॉस NPA रेशियो 1.82% पर आ गया है। यह पिछले साल से 42 बेसिस पॉइंट्स कम है। NPA का मतलब है कि बैंक के कितने लोन वापस नहीं आ रहे हैं। नेट NPA रेशियो भी 0.47% पर आ गया है, जो 10 बेसिस पॉइंट्स कम है।

बैंक ने बताया अपना प्लान

एसबीआई ने बताया कि वह वित्त वर्ष 2025-26 में 25,000 करोड़ रुपये तक की इक्विटी कैपिटल जुटाएगा। इक्विटी कैपिटल का मतलब है कि बैंक अपने शेयर बेचकर पैसा जुटाएगा। यह पैसा क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (QIP), फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर (FPO) या किसी अन्य तरीके से जुटाया जा सकता है। QIP और FPO शेयर बेचने के तरीके हैं। बैंक यह पैसा एक या एक से ज्यादा बार में जुटा सकता है।

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